Krishna Bhakti in Braj : ब्रज में कृष्ण भक्ति की गंगा में गोते लगाने के लिए लाखों तीर्थयात्री हो चुके जमा

Krishna Bhakti in Braj :

Krishna Bhakti in Braj :श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ब्रज में बह रही है कृष्ण भक्ति की गंगा

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Krishna Bhakti in Braj : ब्रज में कृष्ण भक्ति की गंगा में गोते लगाने के लिए लाखों तीर्थयात्री हो चुके जमा

Krishna Bhakti in Braj : मथुरा . श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर जमुना तट पर बसे ब्रजमंडल में कृष्ण भक्ति की गंगा प्रवाहित हो रही है तथा इसमें गोते लगाने के लिए लाखों तीर्थयात्री यहां जमा हो चुके हैं।

Krishna Bhakti in Braj : मथुरा हो या वृन्दावन, नन्दगांव हो या गोकुल अथवा गोवर्धन सभी स्थानों के कृष्ण मन्दिर तीर्थयात्रियों के लिए चुम्बक बने हुए है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने और उनकी सुरक्षा के लिये पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं।

Krishna Bhakti in Braj : पुलिस अधीक्षक मार्तण्ड प्रकाश सिंह ने बताया कि कहीं से किसी प्रकार का अप्रिय समाचार नही है। उनका कहना था कि सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ं कर देने से छोटी मोटी घटनाओं को भी रोका जा सका है तथा नया यातायात प्लान से जगह जगह लगने वाले जाम पर काबू पा लिया गया है।

Krishna Bhakti in Braj : आज तड़के जब श्रीकृष्ण जन्म की खुशी में श्रीकृष्ण जन्मस्थान के भागवत भवन मन्दिर में शहनाई एवं नगाड़े बजे तो वहां मौजूद हजारों भक्त भाव विभोर होकर नृत्य करने लगे तथा ‘नन्द के आनन्द भये जै कन्हैया लाल की’ से जन्मस्थान का प्रांगण गूंज उठा।

Krishna Bhakti in Braj : श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महन्त नृत्य गोपाल दास के सानिध्य में होनेवाले रात्रिकालीन अभिषेक की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस बार तीर्थयात्रियों को अभिषेक के बाद रात डेढ़ बजे तक जन्म के दर्शन हो सकेंगे और उस समय श्रीकृष्ण जन्मस्थान प्रांगण में मौजूद हर श्रद्धालु को प्रसाद दिया जाएगा।

Krishna Bhakti in Braj : श्रीकृष्ण जन्मस्थान में श्रद्धा समारोह को संबोधित करते हुए महान संत गुरूशरणानन्द महराज ने गीता के श्लोकों की व्याख्या के साथ उपस्थित जन समुदाय से उनके बताए संदेश को अपने जीवन में अपनाने पर बल दिया। उन्होने कहा कि पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ जो भी व्यक्ति कृष्ण की आराधना करता है उसके जीवन से परेशानियां दूर हो जाती है।

आज तड़के जहां तीर्थयात्रियों का जमघट श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मन्दिरों, पुराने केशवदेव मन्दिर एवं द्वारकाधीश मन्दिर में रहा वहीं दिन में तीर्थयात्रियों के श्रद्धा के केन्द्र राधारमण मन्दिर, राधा दामोदर मन्दिर एवं शाह जी मन्दिर रहे।इन मन्दिरों में आज दिन में ठाकुर का अभिषेक किया गया।

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राधारमण मन्दिर के सेवायत आचार्य दिनेश चन्द्र गोस्वामी ने बताया कि आज मन्दिर के मुख्य विगृह का अभिेषेक 27 मन दूध, दही, घी, शहद , बूरा, औषधियों एवं महाऔषधियों से तीन घंटे से अधिक देर तक किया गया। अभिषेक के बाद ठाकुर श्रंगार कर जगमोहन में पधारे तो मन्दिर के गोस्वामियों ने लाला केा दीर्ध आयु के लिए आशीर्वाद दिया ।ऐसा इस मन्दिर में बालस्वरूप सेवा होने के कारण जन्माष्टमी पर होता है।

राधादामोदर मन्दिर में अभिेषेक के बाद मन्दिर के सेवायत आचार्यों ने श्रीकृष्ण जन्म पर खुशी का इजहार जब किया और एक दूसरे पर हल्दी मिश्रित दही डाला तो श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।मन्दिर के सेवायत बलराम गोस्वामी ने बताया आज उस गिर्राज शिला का भी अभिषेक किया गया जिसे ठाकुर जी ने स्वयं सनातन गोस्वामी को दिया था।अभिषेक के बाद तीनो मन्दिरों के बाहर कई घंटे तक श्रद्धालुओं में चरणामृत का वितरण किया गया ।

गोकुल के मन्दिरों को श्रीकृष्ण के गोकुल आने की खुशी में नई नवेली दुल्हन की तरह सजाया गया है। राजा ठाकुर मन्दिर के सेवायत आचार्य भीखू महराज ने बताया कि श्रीकृष्ण के गोकुल आने की खुशी में शनिवार को दधिकाना का आयोजन होगा जिसमें मिठाई, फल, बर्तन, कपड़े भी लुटाए जाते हैं।

लाखों तीर्थयात्रियों ने श्रीकृष्ण जन्म की खुशी में गिरि गोवर्धन की सप्त कोसी परिक्रमा की। देश के कोने कोने से आए लाखों तीर्थयात्रियों ने मथुरा, वृन्दावन, गोवर्धन, नन्दगांव एवं महाबन के मन्दिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी समारोह में भाग लेकर स्वयं को धन्य किया। आज दोपहर के बाद से तीर्थयात्रियों का जमावड़ा श्रीकृष्ण जन्मस्थान प्रांगण में लग गया है तथा इस प्रांगण में तीर्थयात्रियों के आने का क्रम जारी है।

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आज जहां वृन्दावन में श्रीकृष्ण जन्म की लीला का आयोजन किया गया है वहीं मथुरा में आज विभिन्न झांकियों के साथ शोभायात्रा निकाली गई जिसका जगह जगह पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया । आज विभिन्न धार्मिक संगठनों द्वारा तीर्थयात्रियों की सुविधार्थ दर्जनों भंडारे लगाए गए हैं। कुल मिलाकर व्रजमंडल का कोना कोना कृष्णमय हो गया है।

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