(Korea Forest Division) चामट पहाड़ की खूबसूरती पर लगा चार चांद

(Korea Forest Division)

(Korea Forest Division) वन विभाग,गुणवत्ता युक्त निर्माण कार्य के साथ साथ भूजल संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा….


(Korea Forest Division) कोरिया  !  छत्तीसगढ़ के कोरिया वन मंडल अंतर्गत आने वाला गोबरी जलासय के आस पास की खूबसूरती लगातार आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। चारो ओर दिखाई देने वाले ऊंचे ऊंचे पहाड़ हरे भरे वन मनमुग्ध के साँथ शांति का अनुभव कराती है। गोबरी जलाशय के ठीक ऊपर पहाड़ काफी लोकप्रियता को समेट रही है। काफी मात्रा में लोगो का भी रोजाना यहाँ आना जाना बताया जाता है।

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देवगढ़ धाम के नाम से प्रसिद्ध

 

(Korea Forest Division) कोरिया जिले के बैकुंठपुर ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत बरदिया के गोबरी जलासय के पास स्थित है देवगढ़ धाम जिसे पुराने वरिष्ठ जन बताते है इस चामट पहाड़ में सारे देवताओं का निवास हुआ करता था। पुराने देव स्थल भी मौजूद है।अब देवगढ़ धाम में काफी सुंदर महादेव की मंदिर बन गई है। जिससे वृहद सौंदर्य से बनाया गया है।

वरिष्ठ जन बताते है कि वास्तविक देव स्थल चामट पहाड़ के शीर्ष पर स्थित है श्रद्धालुओ की आस्था उन्हें उस जगह पर विषम मार्गो से हो कर ले जाती थी। पहाड़ के पग डंडी मार्ग में चल कर जाना कठिनाई भरा और जान हथेली में लेकर दर्शल करने श्रद्धालु उस देव स्थल तक पहुच पाते थे घनघोर इलाका होने से जानवरो का भी खतरा बना रहता था।

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अब कोरिया वन मंडल की पहल व बैकुंठपुर वन परिक्षेत्र की देन है कि लोगो की आस्था तक पहुचने के लिए सरल मार्ग के रूप में तब्दील की जा रही है।आने वाले समय मे श्रद्धालु आसानी से सफर तय कर अपने आस्था के केंद्र तक पहुच सकेंगे।

सड़क निर्माण की आवश्यकता

(Korea Forest Division)  देवगढ़ धाम से चामट पहाड़ की ऊँचाई दिल दहला देने वाली है। बिना डर भय के श्रद्धालु आस्था केंद्र तक जान जोखिम में डाल कर सफर तय करते थे। चुकी क्षेत्र वन विभाग के अंतर्गत आता है। कोरिया वन मंडल के जिम्मेदार अधिकारियों ने आवश्यकता समझते हुए विशेष पहल कर डब्लूबीएम सड़क का निर्माण गुणवत्ता को पूर्ण ध्यान रखते हुए बनाया जा रहा है।

जिसमे थ्रेसर युक्त गिट्टी,अच्छे किस्म के मुरम ,रोलर का अच्छे से उपयोग किया जा रहा है। जिसका अंदाजा आप निर्माण कार्य हुए कुछ भाग में ही वाहन से चल कर लगाया सकते है।

जो किसी स्टेट हाइवे सड़क के जैसी है। जर्क का अनुभव आपको इस मार्ग में बहुत ही कम होगा। सड़क निर्माण से मानव जान का खतरा,वन्य प्राणी,वन संरक्षण सुरक्षा में कही न कही आसान होगी।

भू जल संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा

(Korea Forest Division)  कोरिया वन मंडल के जिम्मेदार अधिकारियों ने एक पंत कई काज को संवारने की पूरी कोशिस आपको गोबरी जलाशय के लगभग 2 से 3 किलोमीटर के दायरे में दिखाई देगी बारिश के दिनों पहाड़ो से होकर बहने वाले जल को संरक्षित करने के लिए मजबूती के साँथ बने कई तालाब,और बांध नजर आएंगे। जिससे भू जल बढने की काफी संभावनाए है। इतना ही नही कई किसानों को वर्ष भर सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध होगा । आच्छादित वनों के बीच बांध और तालाब में भरा जल यहाँ की खूबसूरती को अवश्य चार चांद लगा कर बेखेरेंगी।

लगता है मेला

गोबरी जलाशय के पास मौजूद देवगढ़ धाम स्थित महादेव मंदिर पर प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर भव्य मेला भी लगता है।लोगो की आस्था इतनी गहरी है जिसे आप महाशिरात्री में लगाने वाले मेले में देख सकते है स्थानीय ग्रामीणों ने यहाँ के बारे में बाते साझा करते हुए फरवरी 2023 में लगे लगे मेले के बारे में बताया कि इस वर्ष 2 लाख से ज्यादा संख्या में श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ी थी ।

देवगढ़ धाम प्रमुख आस्था का केंद्र बना है। यहाँ तक कि श्रद्धालु देवगढ़ के मूल स्थान शक्ति पीठ चामट पहाड़ के शीर्ष तक भी दर्शन करने पहुचे थे। सड़क के बनने से आने वाले समय मे श्रद्धालुओ को वहाँ तक पहुचाने में आसानी होगी वे सुरक्षित देव दर्शन कर सकेंगे।

त्रिलोकी धाम

(Korea Forest Division)  श्रद्धालुओ की आस्था का एक केंद्र देवगढ़ धाम से लगभग 2 किलोमीटर दूर भी मौजूद है जिसे त्रिलोकी धाम का नाम दिया गया है। जहाँ पुरानी मान्यताओं के आधार पर भगवान पूजनीय विराजमान है। त्रिलोकी धाम को भी वन विभाग हरियाली से सजाने की दिशा में कार्य करता नजर आया नन्हे नन्हे पौधे त्रिलोकी धाम को हरा भरा आने वाले समय मे दिखाई देगा वन विभाग ने त्रिलोकी धाम में बड़े पैमाने में पौधा रोपण का कार्य किया है। जिसका लालन पोषण पुत्र के अनुसार किया जा रहा जो आने वाले समय मे ग्रामीणों की भूख मिटायेंगे और शीतलता प्रदान करेंगे।

सूत्रधार

चामट पहाड़ पर बन रही डब्लू बीएम सड़क पूर्ण गुणवत्ता युक्त नजर आती है लेकिन कही न कही दो पहिया वाहन के सुरक्षित चढने और उतारने में शंका स्पद है जिसके लिए वन विभाग द्वारा सीसी रोड बनाने की बात सामने आ रही है। जो लगभग सत्य प्रतीत होता है। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी जब जल जंगल प्राणी सुरक्षा का सुदृण निर्णय लिए है तो अधूरा कैसे छोड़ सकते है जरूर ही सुरक्षा की दृष्टि से सभी सुरक्षात्मक कार्य ही होंगे।

अधिकारी से वार्तालाप

इस संबंध में हमने जब एक उच्य, तजुर्बा, सक्षम,धैर्य धारक वरिष्ट अधिकारी से चर्चा की तो उन्होंने रामायण में घटित घटना का वर्णन करते हुए कहा मानव कल्याण के लिए तो प्रभु श्रीराम ने बैराग धारण कर 14 वर्षों तक वनवास में रहे। भगवान श्रीराम राजकुल में पैदा हुए थे चाहते तो वे आराम से राज्य सुख ले सकते थे लेकिन उनका तो उद्देश्य मानव कल्याण था। हम इतना सुन कर आश्चर्य में पड़ गए और पूछ बैठे की हमारे चर्चा का विषय तो कुछ और है रामायण की ये बात समझ से परे है कि अभी उसे क्यो वयक्त किया जा रहा ।

अधिकारी ने कहा बात धार्मिक स्थल के विकास पर हो रही तो बात धार्मिक तरीके से ही समझाया जाए उन्होंने कहा कि केकई माँ अपने जिद्द में अडिक होकर प्रभु श्रीराम के लिए 14वर्षों का बनवास राजा दर्शरत से न मांग करती,तो श्रीराम बनवास न गए होते न ही रावण का अंत होता। ये मानव कल्याण के लिए सृष्टि रचयिता का प्लान था।

प्लान को मुख्य धारा से जोड़ने का काम तो माँ केकई ने किया था पर उन्हें पूरे अयोध्या राज्य में अपनी खरी खोटी सुन्ननी पड़ी थी। कुछ ऐसा ही कारनामा होता है वर्तमान में अच्छे कार्य होते है तो हर किसी न किसी को पचता नही है पेटदर्द तो स्वाभाविक है।इतना कह कर अधिकारी ने कहा अब मैं कुछ ज्यादा नही कहूंगा बाकी खुली किताब है आपलोग मौके पर जा कर हो आए स्थानीय ग्रामीणों की कोई शिकायत या निर्माण कार्य मे कोई कमी हो तो बताए सुधारा जाएगा । जिसका कोई जवाब हमारे पास नही था।

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