korba seat नामांकन के अंतिम दिन चरण दास महंत ने भरा पर्चा
korba seat कोरबा। कोरबा लोकसभा सीट पर चुनावी रण में उतरने चरणदास महंत ने अपना नामांकन दाखिल किया है। सूबे की हाई प्रोफाइल सीटों में शामिल कोरबा लोकसभा सीट में मुख्य रूप से कांग्रेस से ज्योत्सना महंत और बीजेपी की सरोज पांडे के बीच सीधा मुकाबला है। ऐसे में ज्योत्सना महंत के पति और नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत के नाम से मिलते-जुलते नाम वाले शख्स ने नामांकन के अंतिम दिन निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया है। चरणदास महंत के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरने के बाद इस सीट पर एक बार फिर राजनीति गरमा गयी है।लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस एक-एक वोट पर अपनी पैनी निगाह बनाये हुए है।
ऐसे में राजनीतिक पार्टियां अपना वोट बैंक मजबूत करने के साथ ही प्रतिद्वंदी के वोट बैंक में सेंध लगाने की भी जुगत में लगी हुई है। अक्सर चुनावी मैदान में एक ही नाम के दो-दो प्रत्याशी होने पर कई बार इसका नुकसान बड़ी पार्टी के उम्मीदवारों को भी हो जाता है। कुछ ऐसा ही मामला कोरबा लोकसभा सीट पर सामने आया है। इस सीट से बीजेपी-कांग्रेस सहित बसपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सहित अन्य दलों के साथ ही दर्जनों निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपना नामांकन दाखिल किया है।
लेकिन आज 19 अप्रैल को नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन चरणदास महंत नाम के एक शख्स ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन फार्म जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया है। आपको बता दे कि कोरबा लोकसभा सीट से नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत कांग्रेस पार्टी से चुनावी मैदान में है।
डॉ.चरणदास महंत ने प्रदेश की अन्य सीटों के साथ ही विशेष रूप से कोरबा सीट की कमान संभाल रखी है। चुनावी रण में बीजेपी और कांग्रेस की प्रत्याशी के बीच जहां सीधा मुकाबला बताया जा रहा है। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चरणदास महंत के नामांकन दाखिल करने के बाद कांग्रेस के खेमे में थोड़ी चिंता जरूर होगी।क्योंकि कोरबा लोकसभा क्षेत्र में आज भी डॉ.चरणदास महंत की मजबूत पैठ मानी जाती है। ऐसे में चुनावी मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चरणदास महंत के उतरने से कांग्रेस को बहुत ज्यादा तो नही, लेकिन मामूली नुकसान होने की संभावना जरूर रहेगी।
उतरते रहे हैं हमनाम वाले प्रत्याशी
कोरबा लोकसभा सीट पर अब तक हुए तीन चुनाव में हमनाम प्रत्याशी भी किस्मत आजमाते रहे हैं। राजनीतिक दल के किसी बड़े नेता के हमनाम वाले निर्दलीय भी चुनाव लड़ते रहे हैं। वर्ष 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने डॉ. चरणदास महंत व भाजपा ने करूणा शुक्ला को प्रत्याशी चुना था।
इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चरण दास भी उतरे थे, जिन्हें 6 हजार 824 वोट मिले थे। वे 9वें पायदान पर रहे थे। इसी तरह 2014 के चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस ने डॉ. चरणदास महंत जबकि भाजपा ने डॉ. बंशीलाल महतो को चुनाव मैदान में उतारा था। इस चुनाव में एक बार फिर चरण भैया के नाम से निर्दलीय प्रत्याशी ने चुनाव लड़ा था। जिन्हें 6 हजार 919 वोट मिले थे वे 9वें पायदान पर रहे थे।
2019 के चुनाव में कांग्रेस ने ज्योत्सना महंत और भाजपा ने ज्योतिनंद दुबे को टिकट दिया था। इस चुनाव में कोई हमनाम प्रत्याशी तो नहीं उतरा, लेकिन लखन लाल देवांगन निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जरूर उतरे थे। भाजपा के नेता लखन लाल देवांगन के मिलते जुलते नाम वाले प्रत्याशी ने 13 हजार 695 वोट हासिल किए थे। जो छठवें पायदान पर रहे थे।
इस तरह हमनाम और पार्टी के बड़े नेता के नाम वाले निर्दलीय प्रत्याशियों को वोट मिलते रहे हैं। अब तक हुए तीन चुनाव में उक्त प्रत्याशियों के वोट अन्य निर्दलिय उम्मीदवारों से काफी अधिक रहे हैं। इन चुनावों में जहां निर्दलीय प्रत्याशियों को एक हजार तक वोट मिले हैं वहीं हमनाम निर्दलीय प्रत्याशियों का वोट प्रतिशत भी अधिक रहा है।