Kondagaon Forest Division : वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी अपने अधीनस्थ को बचाने नियमो का खुलेआम कर रहे उल्लंघन

Kondagaon Forest Division : वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी अपने अधीनस्थ को बचाने नियमो का खुलेआम कर रहे उल्लंघन

Kondagaon Forest Division : भानुप्रतापपुर। वनवृत्त कांकेर के वरिष्ठ अधिकारी सूचना के अधिकार अधिनियम का खुलेआम उल्हघन किया जा रहा है, उनके द्वारा नियम कायदे को दर किनार करते हुए अपने नियम चला रहे है। इनके द्वारा आवेदक को बेवजह जानकारी न देते हुए गुमराह एवं परेशान किया जा रहा है।

Dhamtari News : प्रदेश के मुखिया के नाम समाज के लोगों ने सौंपा ज्ञापन फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय, मे आरोपी को फांसी की मांग

Kondagaon Forest Division : सईया भयो कोतवाल तो डर कहे का कहावत को चरितार्थ करते हुए वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, अपने अधीनस्थ को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। आवेदक राजेश रंगारी ने जानकारी देते हुए बताया कि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जन सूचना अधिकारी डीएफओ कोंडागांव रमेश कुमार जांगड़े को आवेदन प्रस्तुत कर

कैम्पा मद योजना वर्ष 2022-2023 के पपत्र 7 दस्तावेज की जानकारी चाही गई थी, लेकिन उनके द्वारा जानकारी न देते हुए दस्तावेज अवलोकन करने पत्र लिखा गया। आवेदक के द्वारा दस्तावेज का अवलोकन भी किया गया बावजूद भी जानकारी नही दी गई। समय सीमा उपरांत आवेदक के द्वारा प्रथम अपील आवेदन के तहत डॉ के.मेचियो मुख्य वन संरक्षक वनवृत कांकेर को प्रस्तुत किया गया। लेकिन वहां भी जानकारी न देते हुए

 

Pitr Paksh 2023 : पितृ पक्ष में दिख जाएं ये 4 जीव तो समझिए पितर हैं प्रसन्न…

अपील प्रकरण क्रमांक 189/2023 के तहत आदेश के तहत पुनः दस्तावेज अवलोकन किये जाने निर्देशित किया गया।
बता दे कि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत दस्तावेज अवलोकन के लिए बाध्य नही किया जा सकता है। इसके बावजूद भी नियम के धज्जियां उड़ाते हुए डॉ के.मेचियो मुख्य वन संरक्षक आवेदक को परेशान किया जा रहा है।

बता दे कि वन वन विभाग में प्रति वर्ष योजना एवं अन्य कार्य के लिए करोड़ो राशि आती है लेकिन कार्य लेकिन धरातल पर कम एवं अधिकांश कार्य फाइलों में पूर्ण करते हुए जमकर फर्जीवाड़ा किया जाता है, इसीलिए सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत वन विभाग में जानकारी नही दिया जाता है, बल्कि आवेदक को बेवजह गुमराह व परेशान किया जाता है।

क्योंकि कार्यो में फर्जीवाड़ा में वरिष्ठ अधिकारियों के भी संलिप्तता होती है यही कारण है कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों को बचाने का प्रयास किया जाता है, जिसका उदाहरण भी कांकेर वनवृत में देखा जा सकता है। पूर्व में भी कांकेर, केशकाल वन मंडल में फर्जीवाड़ा का

समाचार प्रमुखता से प्रकाशित की जा चूकी है। वही कोंडागांव वनमंडल में डीएफओ के द्वारा करोड़ो का फर्जीवाड़ा किये जाने आशंका है इसलिए कोई भी जानकारी उपलब्ध नही कराई जाती है, यदि दस्तावेज प्राप्त हो जाये तो कई फर्जीवाड़ा सामने आ सकती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU