भुवनेश्वर प्रसाद साहू
kasdol latest news नशेबाजों के उत्पात से भी परेशानी, तत्काल पुलिस चौकी खोलने की मांग
कुछ दिनों पूर्व नशेड़ियों ने वनकर्मी के सिर पर कांच की बोतल फोड़ दिया था
kasdol latest news : कसडोल ! बलौदाबाजार जिला के कसडोल नगर से मात्र 18 किलोमीटर की दूरी पर वन ग्राम तुरतुरिया है !
राम वन गमन पथ में विकासखंड कसडोल के तुरतुरिया को लव- कुश की जन्मस्थली मानकर विकसित किया जा रहा है !
वही असामाजिक तत्वों द्वारा पहाड़ी में विराजित मां मातागढ़ वाली देवी को मनौती के नाम पर बलि देने व पिकनिक मनाने प्रतिदिन पहुंच रहे सैलानियों द्वारा बकरा की बलि चढ़ा कर मांस ,मदिरा का सेवन कर इस पवित्र धार्मिक स्थल को न केवल गंदा किया जा रहा है बल्कि शराब के नशे में आए दिन लड़ाई झगड़ा कर शांत माहौल को अशांत करने की कोशिश की जा रही है !
जिससे परिवार सहित देवी मां के दर्शन के लिए आए हुए लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है !
कुछ वर्ष पूर्व जागरूक नागरिकों व प्रबुद्ध जनों की शिकायत पर तत्कालीन बलौदाबाजार कलेक्टर राजेश सिंह राणा ने धर्म की आड़ लेकर खुलेआम मांसाहार और शराब के सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया था परंतु उनके स्थानांतरण के पश्चात आदेश को अमली जामा नहीं पहनाया जा सका !
आने वाले दिनों में तुरतुरिया इतना अशांत क्षेत्र हो जायेगा कि सामान्य लोग तुरतुरिया देवी दर्शन करने जाने से पहले , एक बार उन्हे सोचना पड़ेगा !
तुरतुरिया मंदिर क्षेत्र से सटा हुआ अभ्यारण का प्रतिबंधित वन क्षेत्र है जहां तथाकथित बकरा की बली के नाम पर पिकनिक मनाए , आए लोगों द्वारा जगह-जगह मांस , हड्डी तथा बचा हुआ खाना फेंक देने के कारण आसपास के गांवों के कुत्तों का जमावड़ा भी लगाता है जो अभ्यारण क्षेत्र में विचरण कर रहे वन्य जीव व प्राणियों के लिए घातक है ! अनेकों बार कुत्तों ने हिरनों को अपना शिकार भी बनाया है !
धार्मिक आस्था का केंद्र है तुरतुरिया
विदित हो कि तुरतुरिया हिंदुओं की धार्मिक आस्था का केंद्र है ! ऐसी मान्यता है कि जिन पति-पत्नी की संतान नहीं होती वे मातागढ़ वाली काली मां से मन्नत मांग कर घर लौट जाते हैं और अगले वर्ष संतान की प्राप्ति होने के पश्चात ऐसे लोग बकरा की बलि चढ़ाने , तुरतुरिया मातागढ़ पहुंचते है !
जहां इधर-उधर बकरा की बली देकर , वहीं बालमदेही नदी के पास , मांस और शराब का सेवन कर हुड़दंग करते हुए इधर उधर घूमते रहते हैं जिससे देवी दर्शन की अभिलाषा मात्र के लिए , आए हुए लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है !
तुरतुरिया की प्रसिद्धी त्रेतायुग से है जहां दुर्गम पहाड़ी रास्ता और बेहद घने जंगल होने के बावजूद लोग संतान प्राप्ति की आशा लिए मातागढ़ वाली काली मां के पास आया करते हैं तब से आज तक यह सिलसिला अनवरत जारी है !
अब तुरतुरिया पहुंचने के लिए सुगम रास्ता बन गया है जिसकी वजह से तुरतुरिया में भीड़ बढ़ रही है ! शनिवार रविवार को अत्यधिक भीड़ रहती है !
तुरतुरिया में बढ़ती भीड़ को देखते हुए ग्राम पंचायत खुड़मुड़ी के सरपंच योगेंद्र कश्यप ने बलौदाबाजार जिलाधीश तथा पुलिस अधीक्षक से तुरतुरिया में पुलिस चौकी खोलने की मांग की है जिससे इस धार्मिक स्थल पर अमन शांति बरकरार रहे !
वनकर्मी का फोड़ दिया था सिर
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कुछ दिनों पूर्व बलौदाबाजार से आए छह-सात नवयुवकों ने तुरतुरिया में माचिस मांगने पर , नहीं देने पर एक वन कर्मी के सिर पर बीयर की बोतल मार का फोड़ दिया था जिसे गंभीर रूप से घायल अवस्था में कसडोल के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था !