Kasdol बॉलीवुड फिल्मों और कलाकारों का करना चाहिए बहिष्कार

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भुवनेश्वर प्रसाद साहू

Kasdol हिंदू धर्म के लोगों को खलनायक सिद्ध…….

 

Kasdol कसडोल ! इस देश में कुछ समय पूर्व से एक ट्रेंड चला आ रहा है कि बॉलीवुड की फिल्मों का और बॉलीवुड के कलाकारों का बहिष्कार करना चाहिए ! क्योंकि किसी भी बॉलीवुड फिल्म में केवल और केवल हिंदू धर्म के लोगों को ही गुंडे , बदमाशों के रूप में दिखाया जाता रहा है !

Kasdol विशेष धर्म के लोगों की केवल अच्छाईयों को दर्शाया जाता था  है , उनकी बुराइयों को नहीं ! जिसकी वजह से वर्तमान समय में एक ट्रेंड चल निकला है कि बॉलीवुड में केवल और केवल एक धर्म विशेष के निर्माता-निर्देशक और हीरो होने की वजह से ऐसा जानबूझकर किया जाता है ! जानबूझकर ऐसी फिल्में बनाई जाती है जिसमें हिंदू धर्म के लोगों को खलनायक सिद्ध किया जाता रहा है !

Kasdol लोगों के पास अन्य कोई विकल्प न होने से बॉलीवुड की फिल्में धड़ल्ले से चलती थी ! पर अब समय बदल गया है , अब दक्षिण भारत की फिल्मों को जबसे हिंदी भाषा में डब करके टेलीविजन के विभिन्न चैनलों ने दिखाना शुरु किया है तब से लोगों का रुझान अब बॉलीवुड फिल्मों की बुराइयों की तरफ गया है और लोगों ने बॉलीवुड की फिल्मों का , बॉलीवुड के निर्माता , निर्देशकों और कलाकारों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है ! जिनमें केवल और केवल एक धर्म विशेष के लोगों को अच्छा दिखाना , उनका बचाओ करना उद्देश्य होता था है !

Kasdol सोशल मीडिया से यह बहिष्कार का ट्रेंड बहुत तेजी के साथ लोगों तक पहुंचता है ! और किसी एक व्यक्ति द्वारा – किसी फिल्म का / किसी व्यक्ति का / केवल बहिष्कार लिख देने से सैकड़ों , हजारों , लाखों की संख्या में मीडिया पर ऐसे मैसेज तत्काल आ जाते हैं ! जिनमें केवल और केवल मैसेज को आगे फॉरवर्ड करने का ही काम किया जाता है लोगों द्वारा बिना सोचे समझे?

Kasdol अभी कुछ दिनों पूर्व ही किसी व्यक्ति ने अपनी व्यक्तिगत दुर्भावना के चलते छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध गायिका कलाकार आरू साहू का बहिष्कार करने के बारे में सोशल मीडिया में लिख दिया और लोगों ने बिना सोचे समझे / बिना वजह जाने आरू साहू का बहिष्कार मैसेज को आगे फॉरवर्ड करना चालू कर दिया !

Kasdol इस संबंध में आज की जनधारा संवाददाता भुवनेश्वर प्रसाद साहू ने , कसडोल नगर के कुछ जागरूक और प्रतिष्ठित लोगों से बातचीत की !


उनका कहना था कि छोटी उम्र में ही अपनी कला से पहचान बनाने वाली आरू साहू का विरोध , मात्र इसलिए किया जा रहा है कि उसने दूसरे राज्य का गीत गायन कर दिया ! छत्तीसगढ़िया संस्कृति के संग -संग अगर किसी दूसरे प्रदेश का गीत / संगीत गाती है तो वह हमारे समाज में , छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए गौरवान्वित करने की बात है ! सभी को , कलाकार और उनकी कला का समर्थन और सम्मान करना चाहिए ! कलाकार को किसी विशेष दायरे में बांधना गलत है ! अन्यथा अन्य प्रांतों से छत्तीसगढ़ में आ कर कलाकार बने हैं , कोई मूवी बना रहा ,कोई एल्बम बना रहा है ! फिर उनका भी बाय काट करना चाहिए ! आखिरी एक नन्ही कलाकार आरू साहू ही का बायकाट करने का , क्या अभिप्राय है ?
कसडोल नगर की समस्त जनता का समर्थन और सपोर्ट नन्ही कलाकार आरू साहू के साथ है !
उस व्यक्ति की हम घोर निंदा करते हैं , जिसने सोशल मीडिया पर आरू साहू के बायकाट करने का , मैसेज को डाला है / फॉरवर्ड किया है !

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