Karel Ghati Temple करेलघाटी देवस्थल को लेकर शासन प्रशासन गंभीर नहीं

Karel Ghati Temple

Karel Ghati Temple वर्षो पुरानी परंपरा का होता है निर्वहन करेलघाटी देवस्थल में

Karel Ghati Temple नारायणपुर – नारायणपुर जिले के ग्राम पंचायत बोर्ंड द्वारा करेलघाटी और जमहरी में स्थित देव स्थलो के रखराव को लेकर कोई कदम नहीं उठाए जाने के चलते देवस्थल जर्जर होने को है । एक ओर प्रदेश सरकार देव स्थलो को सहेजने और संस्कृति परंपरा को बचाने के लिए देवगुढ़ी का निर्माण करा रही है वही ग्राम पंचायत शासन की मंशा पर पानी फेरता नजर आ रहा है ।

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Karel Ghati Temple ग्राम पंचायत की लापरवाही के चलते देव स्थल को लेकर ग्रामीणों में भारी नाराजगी है ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत द्वारा देव स्थल को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है जिसके चलते नाराज ग्रामीणों ने इस बार करेलघाटी में नवरात्रि की पूजा अर्चना नही की ओर मांग की है की जल्द देवस्थलो का जीर्णोधार किया जाए ।

Karel Ghati Temple नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के प्रवेशद्वार करेलघाटी स्थित माता मावली के मंदिर में नवरात्रि के पावन पर्व पर माता की पूजा अर्चना की परंपरा वर्षो से चली आ रही थी लेकिन इस वर्ष यह पुरानी परंपरा का निर्वहन नही होने से मंदिर सुनसान पड़ा हुआ है ।

Karel Ghati Temple नारायणपुर कुतुल मार्ग पर जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर अबूझमाड़ के प्रवेशद्वार करेलघाटी में स्थिति माता मावली मंदिर में राजा जमाने से पूजा अर्चना होती आ रही है पहले मंदिर झोपड़ी में था जिसके बाद ग्रामीणों की मदद जन सहयोग से मंदिर का निर्माण कराया गया था ।

इस मंदिर के इतिहास के बारे में ग्रामीण नारायण यादव बताते है कि भगवान राम अपने वनवास के दौरान दंडकारण्य कहे जाने वाले इस अबूझमाड़ में रुके थे और करेलघाटी में राक्षस का वध किया था जिसके बाद घाटी के दोनों पहाड़ी में माता रानी का वास हुआ जिसके प्रमाण भी यहां मिले है दोनों पहाड़ियों के बीच मे माता का मंदिर है पहाड़ी के ऊपर कुंड भी बना हुआ है !

राजा जमाने के निशान यहां है जिसे पता चलता है कि यहां वे पूजा अर्चना करने आते थे । जिसका निर्वहन वर्षो से यहा के ग्रामीण करते आ रहे है लेकिन शासन प्रशासन द्वारा हमारे देव स्थलो को सुरक्षित और बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाने से देव स्थल जर्जर हो रहा है ।

ग्राम पंचायत की ओर से कोई मदद नहीं की जाती है जिससे लोगो में भी काफी नाराजगी है जिसके फलस्वरुप इस वर्ष नवरात्रि की पूजा अर्चना नही हो पा रही है आने वाले समय में भी ऐसा चलता रहा तो संस्कृति परंपरा विलुप्त हो जायेगी ।

देव स्थलो को सहेजने का कार्य जारी है ग्रामीणों की मांग के अनुरूप

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इस पूरे मामले पर जिला पंचायत सीईओ देवेश कुमार ध्रुव ने कहा की शासन की मंशा के अनुरूप देव स्थलो का जीर्णोधार कर संस्कृति और परंपरा को सहेजने का कार्य किया जा रहा है ग्रामीणों मांग पूरी की जायेगी ।

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