kanker latest update सड़कों पर गड्ढे हो गए तथा डामर उखड़ने लगे
kanker latest update कांकेर। प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत जिले के अंदरूनी व संवेदनशील इलाकों में बनने वाले सड़कों की हालत बहुत ही खराब है। आमाबेड़ा क्षेत्र में नारायणपुर व कोंडागांव के सीमावर्ती क्षेत्र में कुछ सड़कों का कार्य 2 वर्षों से अधूरा पड़ा है। ठेकेदार ने सड़क पर मुरुम व गिट्टी डाल कर छोड़ दिया है, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में दिक्कतें हो रही हैं। संवेदनशील इलाका होने का हवाला देकर अधिकारी उस क्षेत्र में निरीक्षण पर भी नहीं जाते। जिसके चलते क्षेत्र की सड़कें गुणवत्ताहीन बन रही है।
kanker latest update इस एरिया में हालहि में पूर्ण हुई कुछ सड़कों पर गड्ढे हो गए हैं तथा डामर उखड़ने लगा है। शासन प्रशासन द्वारा सड़क निर्माण में लेट लतीफी के बावजूद विभाग और ठेकेदार को टाइम एक्सटेंशन दे रही है ताकि सड़कों का निर्माण हो और बसाहटों को मुख्यमार्ग से जोड़ा जाए। लेकिन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते क्षेत्र की जनता को योजनाओं का लाभ सही से नहीं मिल पा रहा है। विभाग के अधिकारियों की निष्क्रियता से अंदरूनी क्षेत्र में कार्य अधूरे पड़े हैं। वही ठेकेदारों के साथ सांठ गांठ कर स्तरहीन सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है।
तकनीकी स्वीकृति मीले बिना ही दे दिया वर्क आर्डर
kanker latest update छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय, महानदी भवन, नया रायपुर के पत्र क्रमांक 1322310457/आरसी-3/छगग्रासविअ/2016 रायपुर दिनांक 22/10/2016 के माध्यम से बताया गया कि भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय, ग्रामीण विकास विभाग, कृषि भवन, नई दिल्ली के पत्र क्रमांक no. of j. 12015/3/2016-RC (348077) दिनांक 19 अक्टूबर 2016 के द्वारा 2016-17 बैच-2 के पैकेज नम्बर सीजी08-166 के अंतर्गत टी07 गेडगांव (तुसकाल) से किसकोड़ो तक 25.9 किलोमीटर सड़क के लिए 1362.65 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गयी है।
उक्त सड़क की तकनीकी स्वीकृति लिए बिना ही विभाग के इंजीनियर व अधिकारियों ने टेंडर किया और ठेकेदार को वर्क ऑर्डर जारी कर दिया। वर्तमान में 57 प्रतिशत कार्य हो चुका है और कार्य प्रगति पर है। इस सड़क के लिए 2 ठेकेदारों को कार्य दिया जा चुका है, जिसके लिए अब तक 825.31 लाख रुपयों का भुगतान भी कराया गया है। शेष 533.34 राशि से बचे हुए 43 प्रतिशत कार्य को पूर्ण कराना है।
मूल्यांकनकर्ता अधिकारी की कार्यप्रणाली संदेहास्पद
पूर्व में इस सड़क के निर्माण हेतु एलसी कटरे को कार्य दिया गया था। ठेकेदार के द्वारा मात्र 4 किलोमीटर सड़क के लिए अर्थवर्क का कार्य कराया। उक्त कार्य के लिये ठेकेदार को 50.45 लाख रुपये का भुगतान भी करा दिया गया। पर इसके आगे कार्य न कर पाने के चलते टेंडर निरस्त करना पड़ा।
रिटेंडर होने के बाद सोनी कंस्ट्रक्शन को उक्त सड़क का कार्य दिया गया। इनके द्वारा 25.5 किलोमीटर में अर्थ वर्क तथा जीएसबी, 13 किलोमीटर में डब्लूबीएम ग्रेड-3 व 2 किलोमीटर सीसी रोड का कार्य अब तक कराया गया है जिसके लिए विभाग ने 774.86 लाख का भुगतान ठेकेदार को कर दिया है।
मौके पर न तो विभाग के इंजीनियर रहते है न ही कोई अधिकारी निरीक्षण पर जाते हैं। संवेदनशील इलाका होने के चलते ठेकेदार अपनी मर्जी से कार्य कर रहे हैं और विभाग के अधिकारी अपनी मोटी कमीशन लेकर अपनी सहमति भी दे रहे हैं।