Jan Sangharsh Morcha Chhattisgarh “फासीवाद का बढ़ता खतरा और हमारी भूमिका “विषय पर रायपुर में संगोष्ठी का आयोजन
Jan Sangharsh Morcha Chhattisgarh रायपुर ! जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ द्वारा 2 जुलाई( रविवार) को शाम को 5 बजे कर्मचारी भवन बूढ़ापारा, सप्रेशाला परिसर,रायपुर में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया है।संगोष्ठी के प्रमुख वक्ता कॉमरेड पी जे जेम्स महासचिव,भाकपा ( माले)रेड स्टार हैं।सेमिनार में तमाम प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष ,जनवादी, वामपंथी संगठनों और बुद्धिजीवियों को आमंत्रित किया गया है।
उक्ताशय की जानकारी देते हुए जन संघर्ष मोर्चा के कॉमरेड सौरा ने कहा कि 2014 के मध्य में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से, दुनिया का सबसे पुराना और सबसे बड़ा फासीवादी संगठन आरएसएस , भारत को एक हिंदूराष्ट्र के रूप में बदलने की दिशा में सुनियोजित ताबड़तोड़ आक्रमण में लगा हुआ है। आरएसएस का वैचारिक आधार मनुस्मृति है जिसके अनुसार दलितों/उत्पीड़ितों,आदिवासियों,मेहनतकशों और महिलाओं को इंसान नहीं समझा जाता।
इसके अलावा इसके तथाकथित हिंदुराष्ट्र में आरएसएस , मुसलमानों को नागरिकता और मानवाधिकारों से वंचित करती है। विशेष रूप से, मोदी के दूसरे कार्यकाल के तहत 2019 के बाद से, भारत “मोदीनॉमिक्स” का एक क्रूर स्वरूप भी देख रहा है, जो आज क्रोनी कैपिटलिज्म का भारतीय संस्करण है और अखिल भारतीय स्तर पर पूर्ण रूप से कॉर्पोरेट-भगवा फासीवाद का बहु-आयामी संस्करण है।आज भगवा नव-फासीवाद के तहत देश का समूचा सामाजिक ताना-बाना,अत्यधिक नफरतभरे विभाजनकारी नीतियों और साम्प्रदायिक उकसावे के जरिए भयावह विघटन का सामना कर रहा है।
छत्तीसगढ़ में भी संघी मनुवादी फासिस्ट ताकतें,बस्तर से लेकर बेमेतरा तक ” रोको, टोको,ठोको ” के नाम पर अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय, आदिवासी एवं दलितों को अपने आतंकी फासिस्ट मुहिम का प्रमुख निशाना बना रही है।ऐसे अंधकारपूर्ण समय में “जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़” तमाम वामपंथी ,जनवादी ,प्रगतिशील ताकतों एवं समान विचार वाले संगठनों से आरएसएस नवफासीवाद के खिलाफ प्रदेशव्यापी राजनीतिक अभियान शुरू करने का आह्वान करता है।इस हेतु सभी आरएसएस फासीवाद विरोधी ताकतों से गुज़ारिश है कि इसकी तैयारी के लिए आगामी 2 जुलाई को रायपुर में आयोजित कन्वेंशन में उपस्थित होकर इसे सफल बनाएं।