Jai Shri Ram : छत्तीसगढ़ की वनवासी माता शबरी ने भगवान श्रीराम को दिखाया ज्ञान का मार्ग

Jai Shri Ram :

Jai Shri Ram जो श्रीराम पूरे विश्व को मार्ग दिखाते हैं उन्हें छत्तीसगढ़ की एक वनवासी माता शबरी ने दिखाया मार्ग

न कैकयी भगवान राम को निर्वासन देती, न वो आपको प्राप्त होते, यह घटना छत्तीसगढ़ के लिए सौभाग्य हो गई, इस भूमि में प्रभु के चरण पड़े

अपने-अपने राम के प्रस्तोता एवं प्रख्यात कवि कुमार विश्वास ने राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन की प्रशंसा की

कहा – राम वन गमन पथ के पथ पर विचरण कर और श्रीराम के चरणों की धूलि लूं तो मेरा सौभाग्य होगा

Jai Shri Ram रायपुर ! जो श्रीराम पूरे विश्व को ज्ञान का मार्ग बताते हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ में रहने वाली वनवासी माता शबरी ने ज्ञान का मार्ग दिखाया। शबरी ने ही उन्हें कहा कि पंपा सरोवर जाएं और सुग्रीव से मिलें। रामकथा के प्रस्तोता तथा प्रख्यात कवि श्री कुमार विश्वास ने यह बात कही। श्री विश्वास राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में अपनी प्रस्तुति देने रायगढ़ पहुंचे हुए हैं।

श्री विश्वास ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिए सौभाग्य है कि यहां श्रीराम के चरणों की धूलि पड़ी। श्री विश्वास ने कहा कि भगवान श्री राम विश्व मंगल, लोक मंगल और समरस शासन की सबसे बड़ी अवधारणा हैं। 1932 में महात्मा गांधी ने नव जीवन अखबार में रामराज्य और भारत पर अपने विचार लिखे थे। मैं बरसों से छत्तीसगढ़ आ रहा हूं। छत्तीसगढ़ में श्री राम के वनगमनपथ के विकास के संबंध में राष्ट्रीय स्तर पर बात हो रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत से इस संबंध में चर्चा होती है। मुख्यमंत्री जी को रामवनपथगमन के विकास और राष्ट्रीय स्तर पर इस सुंदर आयोजन के लिए मैं धन्यवाद देता हूँ। रामकथा को लेकर, उनके पुण्यस्थलों को सहेजने को लेकर बहुत अच्छा काम हो रहा है। विश्वास ने कहा कि वह उन सभी जगहों पर जाना चाहेंगे, जहां से श्रीराम के चरण पड़े। मैं उस मार्ग का विचरण करना चाहता हूं जहां से राघवेंद्र सरकार गुजरे तथा उनकी चरण धूलि लेना चाहता हूं।

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विश्वास ने कहा कि आज अरण्यकांड पर मेरी प्रस्तुति होगी, जब श्री राम छत्तीसगढ़ में वनवास में आए होंगे। उस समय यहां सघन वन रहा होगा। उस समय जनजातियों से उनके आत्मीय संवाद हुए। श्रीराम ने हमें बताया कि यहां के वनवासी कितने सरल हैं। कितने आत्मीय हैं और हमेशा सत्य के साथ खड़े रहते हैं।

उन्होंने कहा कि मेरी विशेष इच्छा माता कौशल्या एवं माता शबरी पर केंद्रित व्याख्यान करने की है। माता कौशल्या जिन्होंने अपने पुत्र को लोक कल्याण के लिए वन भेज दिया। इसके लिए बहुत बड़ा दिल चाहिए। इन सब की कथा कहना चाहता हूं। रायगढ़ संस्कारधानी में सुंदर आयोजन हो रहा है। बहुत सुंदर कार्य राम कथा को लेकर भी हुआ है।

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