Jai Anusandhan’ after budget cut : बजट कटौती के बाद ‘जय अनुसंधान’!

Jai Anusandhan' after budget cut :

‘Jai Anusandhan’ after budget cut : बजट कटौती के बाद ‘जय अनुसंधान’!

Jai Anusandhan' after budget cut :
Jai Anusandhan’ after budget cut : बजट कटौती के बाद ‘जय अनुसंधान’!

Jai Anusandhan’ after budget cut : देश के हर प्रधानमंत्रियों का यह शगल होता है कि वे कुछ ऐसा नारा दें, जो अमर हो जाए, जिसे लोग याद रखें। कोई नया नारा नहीं होता है तो पुराने नारों में ही नई बात जोड़ी जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार लाल किले से अपने भाषण में एक ऐतिहासिक नारे में नई बात जोड़ी। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था, जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘जय विज्ञान’ जोड़ा। इसके आगे उन्होंने इस नारे में ‘जय अनुसंधान’ जोड़ दिया।

Jai Anusandhan’ after budget cut : यानी अब नारा है ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान’। कोई भी नेता जब इस तरह का कोई नारा देता है तो वह उसकी प्रतिबद्धता से जुड़ा होता है। लेकिन अफसोस की बात है कि मौजूदा सरकार अनुसंधान के साथ वैसी प्रतिबद्धता से नहीं जुड़ी हुई है। उलटे इस सरकार में अनुसंधान के बजट में कटौती की जा रही है।

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Jai Anusandhan’ after budget cut : इक्का-दुक्का सरकारों को छोड़ दें तो दुनिया की ज्यादातर सरकारें अनुसंधान में लगने वाले पैसे को बरबादी मानती हैं। यह निवेश दिखता नहीं है और इसका लाभ मिलेगा ही इसकी गारंटी नहीं होती है। इसलिए लोकप्रियता के लिए अपने सारे काम करने वाली सरकारें शोध व विकास के काम में निवेश नहीं करती हैं। दूसरी ओर दुनिया के सबसे शक्तिशाली मुल्क अमेरिका की ताकत ही अनुसंधान में निवेश है। जापान और चीन सहित दुनिया की शीर्ष 20 कंपनियां अनुसंधान में जितना निवेश करती हैं उतना अकेले अमेरिका करता है।

Jai Anusandhan’ after budget cut : इसके उलट भारत में अनुसंधान पर निवेश में कमी आ रही है। भारत में पहले से ही इसमें निवेश कम है। जीडीपी के मुकाबले सिर्फ 0.66 फीसदी रकम इस क्षेत्र में निवेश की जाती है। इसमें भी साढ़े 61 फीसदी के करीब डीआरडीओ, इसरो और एटॉमिक एनर्जी को चला जाता है।

Jai Anusandhan’ after budget cut : सिर्फ 38 फीसदी जनरल रिसर्च के लिए जाता है, जिसमें आईसीएआर, सीएसआईआर, आईसीएमआर, डीएसटी, डीबीटी आदि सब शामिल हैं। विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंदर रिसर्च के तीन विभाग आते हैं- डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी यानी डीबीटी, डिपार्टमेंट ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च यानी डीएसआईआर और डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी यानी डीएसटी, इस साल के बजट में इन तीनों के खर्च में कटौती की गई है। पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में इनका बजट 14,793 करोड़ रुपए था, जिसे वित्त वर्ष 2022-23 में घटा कर 14,217 करोड़ कर दिया गया था। यानी 576 करोड़ की कटौती हुई है।
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