As many seats as raids : जितने छापे उतनी ही सीटें

As many seats as raids :

हरिशंकर व्यास

As many seats as raids : अब कैसे खत्म करेंगे नीतीश को?

As many seats as raids :
As many seats as raids : जितने छापे उतनी ही सीटें

As many seats as raids : अपना मानना है नीतीश कुमार को भाजपा सियासी तौर पर पिंजरे में निपटा सकती थी। मगर अब वे क्योंकि आजाद हैं और पिछड़ों की मंडल राजनीति के गढ़ बिहार की पिछड़ा-दलित पार्टियों की साझा सरकार के नेता हैं तो उन्हें ईडी-सीबीआई के छापों से डराना, विधायकों की खरीद-फरोख्त से गिराना आसान नहीं होगा।

As many seats as raids :वैसी गलती की तो बिहार के साथ उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के पिछड़े वोटों, झारखंड, ओडिसा, बंगाल के वोटो में नरेंद्र मोदी के वोट टूटेंगे। सन् 2024 के चुनाव तक बिहार में नीतीश-तेजस्वी एक और एक ग्यारह रहेंगे। इसलिए तेजस्वी यादव को जेल मे डालें या ललन सिंह, नीतीश कुमार के करीबियों पर ईडी के छापे डालें सबका जनता में उलटा रिएक्शन होना है। केंद्र सरकार जितने छापे डालेगी, बिहार में नीतीश-राजद-कांग्रेस की उतनी सीटें बढऩी हैं।

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As many seats as raids : जितने छापे उतनी ही सीटें

As many seats as raids : मगर दूसरा कोई राजनीतिक तरीका भी नहीं है। तय मानें बिहार में 2024 में बेरोजगारी और आर्थिक बदहाली नंबर एक मुद्दा रहेगा। बिहार की नौजवान आबादी और मोदी सरकार के राज में उसकी बेगारी से गुस्सा बनता हुआ है। यदि नीतीश-लालू-तेजस्वी, मांझी, उपेंद्र कुशवाह ने समझदारी से साझा बनाए रखा तो विधानसभा चुनाव से पहले 2024 के लोकसभा चुनाव में ये बहुत फायदे में रहेंगे।

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As many seats as raids : तभी अपने को खटका है कि कुछ भी हो जाए, सरकार को बदनाम करने, गिराने की हर संभव और सबसे गंभीर कोशिशें बिहार में ही होंगी। मुझे पता है नीतीश की पार्टी में विभीषण हैं। पर जनता दल यू या राजद से कितने विधायक तोड़े जा सकते हैं?

As many seats as raids : इसकी रियलिटी के कारण ही मोदी-शाह ने नीतीश कुमार को फटाफट शपथ लेने दी। यह चर्चा मामूली नहीं कि आशंका में अमित शाह ने नीतीश कुमार से पहले पूछा कि सब ठीक तो है तो दूसरी तरफ तेजस्वी यादव से भी एप्रोच भिड़ाई गई। हां, मोदी-शाह इस सीमा तक भी जा सकते हैं कि लालूजी हमारे साथ आओ, हम आपके और आपकी पार्टी के सभी संकट दूर कर देंगे।

As many seats as raids : तेजस्वी को मुख्ममंत्री बना देते हैं। सन् 2024 से पहले हर संभव कोशिश होगी कि लालू-तेजस्वी को पटा कर भाजपा उनका भगवा तिलक करे। मोदी-शाह बिहार-झारखंड की 54 लोकसभा सीटों के लिए किसी भी सीमा तक जाएंगें। कुछ भी करेंगे। लालू के जन्मदिन पर उनके घर जा कर उनके जन्मदिन का गुलदस्ता भी दे देंगे।
इसलिए अगले 18 महीनों में मोदी-शाह की बिहार शतरंज देखने लायक होगी!

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