Jagdalpur Collector : कलेक्टर बचा रहे पर्यावरण और बीएमओ कटवा रहे पेड़

स्वरुप राज
Jagdalpur Collector बकावंड स्वास्थ्य केंद्र के बीस हरे भरे पेड़ कटवा दिए बीएमओ ने 
कलेक्टर के निर्देश की उड़ाई खंड चिकित्सा अधिकारी ने धज्जियां

Jagdalpur Collector जगदलपुर। बस्तर के नए कलेक्टर विजय दयाराम के. एक पर्यावरण प्रेमी अफसर माने जाते हैं। उन्होंने साफ हिदायत दे रखी है कि किसी भी निर्माण कार्य को पर्यावरण को जरा भी क्षति पहुंचाए बिना पूर्ण किया जाए। वहीं इसी पर्यावरण प्रेमी कलेक्टर के जिले में एक ऐसा भी अधिकारी पदस्थ है, जो पर्यावरण का दुश्मन बन बैठा है।

बकावंड में तैनात विकासखंड चिकित्सा अधिकारी ने अस्पताल परिसर में स्थित करीब बीस हरे भरे पेड़ों को कटवाकर न सिर्फ कलेक्टर के निर्देश की धज्जियां उड़ाई हैं, बल्कि पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। उनके इस कृत्य की जमकर आलोचना हो रही है।

कलेक्टर विजय दयाराम के. जबसे बस्तर जिले में पदस्थ हुए हैं, पर्यावरण संरक्षण के लिए रोज नई पहल कर रहे हैं। चाहे जगदलपुर की दलपत सागर झील की सफाई और उसे गाद एवं जलकुंभियों से मुक्त करने की बात हो या फिर नगर को साफ सुथरा और हरा भरा रखने के लिए उनके प्रयासों की बात हो, हर पहल में उनका पर्यावरण प्रेम और लोगों की अच्छी सेहत के लिए उनकी चिंता साफ झलकती है।

हाल ही में कलेक्टर ने स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया था, तब उन्होंने अधिकारियों से साफ तौर पर कहा था कि स्वास्थ्य केंद्रों में निर्माण कार्य पेड़ों को क्षति पहुंचाए बिना अंजाम दिए जाएं। कलेक्टर के इस हिदायत को सामने आए हफ्ता भी नहीं गुजरा था कि बकावंड विकासखंड मुख्यालय में अनेक हरे भरे पेड़ों को जमींदोज कर दिए जाने की त्रासदीपूर्ण घटना सामने आ गई।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में स्थित लगभग बीस विशाल पेड़ों को मौजूदा विकासखंड चिकित्सा अधिकारी ने कटवा दिए। ये पेड़ पूर्व के खंड चिकित्सा अधिकारी द्वारा लगवाए गए थे और विशाल आकार ले चुके थे। वर्तमान बीएमओ ने इन पेड़ों की कटाई के लिए सक्षम अधिकारी अथवा वन विभाग से अनुमति भी नहीं ली थी।

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इस तरह बीएमओ ने पर्यावरण को तो भारी नुकसान पहुंचाया ही, कलेक्टर के फरमान की भी हत्या कर दी। स्थानीय पर्यावरण प्रेमी नागरिक बीएमओ के इस कृत्य की खुलकर आलोचना करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

वन विभाग के अफसर भी जिम्मेदार

बकावंड में वन विभाग का परिक्षेत्रीय कार्यालय भी स्थित है, जहां वन परिक्षेत्र अधिकारी और उप वन परिक्षेत्र अधिकारी, वनपाल और दर्जन भर वन रक्षक पदस्थ हैं। जब अस्पताल परिसर में स्थित विभिन्न कीमती प्रजातियों के हरे भरे पेड़ों की कटाई हो रही थी, तब इनमें से किसी वनकर्मी का ध्यान इस ओर न गया हो, ऐसा हो ही नहीं सकता।

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इसके बावजूद किसी भी वनकर्मी ने पेड़ों की कटाई रोकने की जरूरत नहीं समझी। जब सारे पेड़ काट दिए गए तब भी कटाई कराने वाले के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे साफ कहा जा सकता है कि पेड़ों की कटाई के लिए जितना बीएमओ जिम्मेदार हैं, उतने ही दोषी वन विभाग के रेंजर, डिप्टी रेंजर और वनपाल भी हैं। नागरिकों ने बीएमओ के साथ साथ यहां पदस्थ वन अमले के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग कलेक्टर और डीएफओ से की है।

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