Inward under control नियंत्रण में आवक, जाम से निजात, सरना और सफरी का इंतजार

Inward under control

राजकुमार मल

Inward under control मंडी के अस्तित्व पर खड़े हो सकते हैं सवाल

Inward under control भाटापारा– सात दिवस की बदहाली के बाद चालू माह का दूसरा सप्ताह शुरू। बंपर आवक पर दो दिन की रोक का फैसला आनुपातिक आवक के रूप में सामने आया। सीख लेनी होगी, इस बदहाली से लेकिन कई विषय अभी भी ऐसे हैं जिन पर समय रहते फैसले नहीं लिए गए, तो मंडी के अस्तित्व पर सवाल खड़े हो सकते हैं।

Inward under control कारोबारी गतिविधियों के नियमित संचालन के लिए भाटापारा कृषि उपज मंडी, अपनी पहचान अलग ही रखती है। दलहन, चावल और पोहा के लिए देश स्तर पर नाम कमा चुकी यह मंडी इन दिनों जैसी अव्यवस्था के साए में है, उसके पीछे दूरदर्शी फैसले का अभाव प्रमुख वजह है। सीजन के पहले जैसी तैयारी होनी चाहिए, उसे होता कभी देखा नहीं गया। फलस्वरुप आवक के दिनों में जाम की स्थिति हमेशा से देखी जाती रही है। ताजा मामला इसकी पुष्टि करता है।

नियंत्रित आवक

Inward under control सड़क जाम। प्रांगण में जगह की कमी। कटाई, नीलामी और भराई के बाद लोडिंग में आती भारी परेशानी को देखते हुए मंडी प्रशासन ने शनिवार और रविवार की आवक रोकने का जो फैसला लिया, वह सही रहा। सप्ताह के पहले दिन लगभग 30 से 35 हजार कट्टा उपज की आवक के बीच कामकाज सुचारू रूप से चलता रहा। राहत किसानों, अभिकर्ताओं और मिलर्स के लिए कही जाएगी लेकिन बड़ा सवाल यह है कि मंडी प्रशासन के पास प्रतिकूल स्थितियों से निपटने के लिए कोई स्थाई योजना है क्या ? फिलहाल जवाब शून्य में ही है।

यह कैसे ?

Inward under control किसान, जिसे तैयारी करनी है रबी फसल की। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, जिनकी मांग है उत्पादन की गति बनाए रखने की। बारिश के दिनों के लिए भंडारण की जरूरतें भी पूरी करना है। इसलिए खरीदी जमकर हो रही है लेकिन मंडी में जैसी स्थितियां बन रही हैं, उससे सीधी खरीदी जैसी खबर भी आ रही है। इससे मंडी को राजस्व और किसानों को प्रतिस्पर्धी कीमत का लाभ नहीं मिलने से बड़ा नुकसान हो रहा है। जाने क्यों इस अवांछित गतिविधि पर कार्रवाई से पीछे हटा जा रहा है।

ऐसी रही कीमत

कुल आवक में 95 फ़ीसदी हिस्सेदारी रखने वाला महामाया धान की नीलामी 1600 से 2100 रुपए क्विंटल पर हुई। सरना और सफरी में आवक नहीं थी लेकिन विष्णुभोग में लिवाली मंदी के बीच हुई। इसमें 3400 से 3500 रुपए क्विंटल पर सौदे हुए। एचएमटी 2300 से 2500 रुपए और सियाराम में 2500 से 2700 रुपए क्विंटल पर लिवाली निकली।

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