Interview : राजनीति में किसी विचारधारा को चुनना बहुत मुश्किल है : विकास उपाध्याय

Interview: It is very difficult to choose an ideology in politics: Vikas Upadhyay

विधायक विकास उपाध्याय से आज की जनधारा व एशियन न्यूज के प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की खास चर्चा

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में युवाओं और छात्रों के मुद्दे पर मुखर माने जाने वाले रायपुर पश्चिम से विधायक विकास उपाध्याय से आज की जनधारा औऱ एशियन न्यूज के प्रधान संपादक सुभाष मिश्रा ने खास चर्चा की। इस दौरान विकास ने कई मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी।

सवाल: राजनीति के क्षेत्र में कैसे आपकी रूचि बढ़ी, क्योंकि आपके पारिवारिक बैकग्राउंड पर नजर डालें तो कोई भी इस क्षेत्र से नहीं आते थे।

जवाब: मैं सबसे पहले एशियन न्यूज और सुभाष मिश्रा जी आपका धन्यवाद करता हूं। खेती किसानी वाले पृष्ठभूमि से आता हूं. घर में शुरू से पढ़ाई लिखाई का माहौल था। परिवार से हमेशा पढ़ाई के लिए प्रोत्साहन मिला। पढ़ाई लिखाई के दौरान ही छोटे छोटे मुद्दों पर आपनी बात रखने का मौका मिला। फिर दुर्गा कॉलेज में पढ़ाई के दौरान छात्र राजनीति से जुडऩा हुआ एक दूसरे की छोटी छोटी मदद करते हुए आगे बढ़ते गए।

सवाल : जिस वक्त आप राजनीति में आ रहे थे उस वक्त देश में बड़ा आंदोलन चल रहा था ज्यादातर युवा उस ओर प्रभावित हो रहे थे उस दौर में आपने कैसे अलग विचारधारा से जुडऩे का फैसला लिया?

जवाब: मैं गैर राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखता हूं, राजनीति में किसी विचारधारा को चुनना बहुत मुश्किल है इसे बहुत सूझबूझ के साथ करना पड़ता है। हमने बचपन से राजीव गांधी और इंदिरा गांधी के बारे में पढ़े और सुने हैं। उन्होंने जिस क्रांतिकारी अंदाज में काम किए उसने प्रभावित किया, राजीव जी ने 18 साल के युवाओं को मतदान का अधिकार दिलाया। इसी तरह पंचायती राज के लिए उन्होंने जिस तरह की पहल की। इनसे और सबको जोड़कर रखने वाली कांग्रेस की विचारधारा से प्रभावित हुआ।

सवाल : वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव में आपको हार का सामना करना पड़ा था, बताया जाता है कि उसके तुरंत बाद आप फिर से क्षेत्र में सक्रिय हो जाते हैं। ये कॉन्सेप्ट कैसे तैयार किया और किस तरह की चुनौतियां आपके सामने आई।
जवाब: 1994-95 से लेकर आज तक पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी उसे पूरी निष्ठा से निभाने की कोशिश करते आया हूं। छात्र संगठन एनएसयूआई में कई पदों पर रहा युथ कांग्रेस में राष्ट्रीय सगंठन में महामंत्री भी रही फिर रायपुर जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष की जिम्मेदारी 6 सालों तक निभाई। इस दौरान 2013 में रायपुर पश्चिम से चुनाव लडऩे का पहली बार मौका मिला इससे पहले छात्र संगठन चुनाव के अलावा निर्वाचन राजनीति का अनुभव नहीं था समय भी बहुत कम मिला लेकिन हमने अच्छी चुनौती दी। महज 6 हजार वोटों से चुनाव में हार का सामना करना पड़ा ये कोई बहुत बड़ा आंकड़ा नहीं था। तभी हमने ठान लिया कि हमें क्षेत्र की जनता जीताना चाहती थी हम अपनी लापरवाही की वजह से हार गए इसके बाद से हम फिर से जनता के बीच उनके मुद्दों के लिए संघर्ष करने उतर गए। मुझे तभी से अंदाजा था कि इस क्षेत्र की जनता अगले चुनाव में मुझे 10 हजार वोट से चुनाव जीताएगी।

सवाल : 4 कई राज्यों में प्रभारी और अलग अलग दायित्वों का निर्वहन भी आपने किया है। दूसरे राज्यों में जब काम करने का मौका मिलता है तो किस तरह का सामंजस्य आप बैठाते हैं ?
जवाब: मैं सौभाग्यशाली हूं सुभाष जी, कांग्रेस के अलग-अलग संगठनों में काम करने का मौका मुझे मिला और मैं देश के 80 फीसदी जिलों का दौरा कर चुका हूं। इससे मुझे अलग-अलग माहौल और कल्चर में संगठन में कैसे काम होता है सीखने का मौका मिला।

सवाल: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को काफी रिस्पॉंस मिला, अब इंडिया भी बन गया है. इसे किस तरह से देखते हैं?
जवाब: राहुल गांधी को मैं बहुत करीब से जानता हूं, वे इस देश के सबसे इमानदार नेता हैं। उन्हें कमजोर करने के लिए लाख कोशिश विपक्ष करता है लेकिन वे निखर कर सामने आते हैं। वे बड़े हृदय वाले नेता हैं। उन्होंने मणिपुर के हालात पर काफी पहले सचेत किया था इसी तरह करोना के मामले में भी उन्होंने आगाह किया था।

सवाल: आपने राज्य बनने के बाद पीएससी में गड़बड़ी को लेकर बड़ा आंदोलन किया था, एक बार फिर पीएससी को लेकर विवाद चर्चे में है क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: भाजपा के पास कोई मुद्दा बचा नहीं, नेता और अधिकारी के बच्चे भी मेहनत कर सफलता पाते हैं। भाजपा के पास कोई सबूत नहीं धांधली के सिर्फ माहौल बनाने का काम वे कर रहे हैं। हमने जब पीएससी के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। 12 एफआईआर मेरे खिलाफ थे। हम लोग सुप्रीम कोर्ट तक गए वहां भी हमारे हक में फैसला हुआ परिणाम तक बदलना पड़ा था। पीएससी को। हमने पूरे सबूत के साथ लड़ाई लड़ी लेकिन अभी सिर्फ राजनीतिक रोटी सेककर लाभ उठाने की कोशिश हो रही है। इसमें भाजपा कभी सफल नहीं हो पाएगी।

 

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