IMF ब्याज दरों में बढोतरी आर्थिक प्रणालियों पर दबाव
IMF बीजिंग ! अंतरराष्ट्रीय मुद्रा संगठन (आईएमएफ) के प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने रविवार को कहा कि वैश्विक वित्तीय स्थिरता अब अधिक जोखिम का सामना कर रही है, क्योंकि ब्याज दरों में बढोतरी आर्थिक प्रणालियों पर दबाव डालती है।
IMF सुश्री जॉर्जीवा ने कहा कि यह भी स्पष्ट है कि वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम बढ़ गए हैं। ऐसे समय में जब ऋणों का स्तर अधिक हो और ब्याज दरों में बढ़ोतरी हो जाए तो अर्थव्यवस्था के लिए खतरे बढ़ जाते हैं। ठीक उसी तरह से जैसा हाल ही में हमें कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बैंकिंग क्षेत्र में देखने को मिली। उन्होंने चेतावनी दी कि 2023 एक और चुनौतीपूर्ण वर्ष होने की आशंका है, वैश्विक आर्थिक विकास महामारी से , यूक्रेन संघर्ष और मौद्रिक तंगी के कारण 3 प्रतिशत से नीचे आ गया है।
IMF आईएमएफ प्रमुख ने कहा, “ अनिश्चितता असाधारण रूप से बहुत ज्यादा है, जिसमें भू-आर्थिक विखंडन के जोखिम भी शामिल हैं, जिसका मतलब है कि दुनिया प्रतिद्वंद्वी आर्थिक गुटों में विभाजित हो सकती है – एक ‘खतरनाक विभाजन’ जो हर किसी को गरीब और कम सुरक्षित छोड़ देगा।” वैश्विक अर्थव्यवस्था की मध्यावधि स्थिति कमजोर ही रहने की आशंका है।
IMF सुश्री जॉर्जीवा ने चेतावनी देते हुए कहा कि वैश्विक विकास 3.8 प्रतिशत के अपने ऐतिहासिक औसत से काफी नीचे रहेगा, हालांकि 2024 के लिए दृष्टिकोण कुछ हद तक बेहतर है और विश्व अर्थव्यवस्था का बेतरीन समय अभी आना बाकी है।
दूसरी ओर चीन सेंटर फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक एक्सचेंज के वाइस-चेयरमैन, झू मिन ने फोरम को बताया कि अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) के दिवालियापन को आंशिक रूप से इस तथ्य से समझाया जा सकता है कि दुनिया सबसे तेज आर्थिक संकट का सामना कर रही है। इतिहास में ब्याज दरों में पिछले मात्र 12 महीनों में 500 आधार अंक का इजाफा हुआ है।