High Cholesterol : कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर दिखने लगता है ऐसा संकेत, बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा
High Cholesterol : शरीर में कोलेस्ट्रॉल एक वसा या मोम जैसा पदार्थ होता है जो शरीर में कोशिकाओं, कुछ हार्मोन एवं विटामिन डी बनाने के लिए आवश्यक होता है. किन्तु यदि शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर 200 मिलीग्राम प्रति डेसी लीटर बढ़ जाए तो वो मनुष्य के लिए खतरनाक हो सकता है.
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High Cholesterol : जब खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत ज्यादा वक़्त तक अधिक रहता है तो यह हृदय रोग एवं स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों को दावत देता है. उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है क्योंकि इसकी पहचान देर से होती है.
हाई कोलेस्ट्रॉल के आरभिंक लक्षण बहुत हल्के होते हैं जिन पर इंसान अधिक गौर नहीं कर पाता. इस कारण यह शरीर में आहिस्ता-आहिस्ता बढ़ता जाता है तथा जब इसका पता चलता है तब तक यह शरीर का भारी नुकसान कर चुका होता है. हालांकि यदि सतर्कता बरती जाए तथा ध्यान दिया जाए तो हाई कोलेस्ट्रॉल के कुछ लक्षणों को सरलता से पहचाना जा सकता है.
क्लाउडिकेशन खून के बहाव में कमी के कारण होने वाला दर्द है जो हाई कोलेस्ट्रॉल के सबसे अहम लक्षणों में से एक है. यह स्थिति पैरों की मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन एवं थकान उत्पन्न करती है.
यह अक्सर एक निश्चित दूरी चलने के पश्चात् होता है तथा कुछ देर आराम करने के बाद दर्द दूर भी हो जाता है. क्लाउडिकेशन का दर्द अधिकतर तांगों, जांघों, नितंबों, कूल्हों और पैरों में महसूस होता है.
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यह हाई कोलेस्ट्रॉल का एक और आम संकेत है. यदि अधिक तापमान में भी आपको पैरों में ठंडक एवं कंपन महसूस होता है तो यह पेरिफेरल आर्टरी डिसीस का संकेत हो सकता है. हो सकता है कि यह स्थिति आरम्भ में आपको परेशान न करे किन्तु यदि यह लंबे वक़्त तक रहती है तो इसमें और देरी न करें और अपने चिकित्सक से इसकी जांच करवाएं.
हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण रक्त वाहिकाओं में प्लाक जमा होने लगता है जो रक्त के प्रवाह को प्रभावित करता है. जब कुछ स्थानों पर खून की आपूर्ति कम होती है तो यह उस विशेष अंग के समग्र कार्य और त्वचा की बनावट को प्रभावित करता है.
ऐसे में यदि आप अपने पैरों की त्वचा की रंगत एवं बनावट में कुछ परिवर्तन देखते हैं तथा इसके पीछे कोई वजह नहीं मिलती है तो संभव है कि ऐसा हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण हो रहा है.