0 सीएए को केंद्र सरकार ने लागू कर दिया है, , CJI चंद्रचूड़ के पास है मामला
नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू होने के साथ ही इसे लेकर विरोध के स्वर भी तेजी से सामने आ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में सीएए के खिलाफ याचिकाएं भी लगाई गई है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में इन मामलों की सुनवाई शुरू होगी. स्वयं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ इन याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे. उनके साथ बेंच में दो अन्य जज भी होंगे. देश की सर्वोच्च अदालत में इस मामले में कुल 237 याचिकाएं लगाई गई हैं.
नागरिकता संशोधन कानून 11 दिसंबर 2019 को संसद से पास हुआ था, उस समय भी इसे लेकर काफ़ी याचिकाएं दाखिल की गई थी. इस साल 11 मार्च को केंद्र सरकार ने CAA के नियमों को अधिसूचित कर दिया था. उसके बाद भी कुछ याचिकाएं दाखिल की गई और जल्द सुनवाई का अनुरोध किया गया. इन सभी याचिकाओं में CAA को धर्म के आधार पर भेदभाव करने वाला और संविधान के ख़िलाफ़ बताया गया है.
CAA पर क्या है सरकार का तर्क?
केंद्र सरकार द्वारा बीते मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून के संबंध में एक स्टेटमेंट जारी किया गया था, जिसमें सीएए को लेकर मुस्लिम समाज में फैली अनिश्चितताओं के संबंध में विस्तार में बात की गई. गृह मंत्रालय ने साफ किया कि सीएए से किसी भारतीय की नागरिकता नहीं जाने वाली है. कहा गया था कि भारतीय मुसलमानों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि नागरिकता संशोधन अधिनियम उनकी नागरिकता को प्रभावित नहीं करेगा. वो हिंदू समाज की तर्ज पर ही बराबरी के अधिकारों के हकदार हैं.
नहीं पेश करने होंगे दस्तावेज
गृह मंत्रालय का कहना था कि इस अधिनियम के बाद किसी भी भारतीय नागरिक को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कोई दस्तावेज पेश करने के लिए नहीं कहा जाएगा. भारतीय मुसलमानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि सीएए ने उनकी नागरिकता को प्रभावित करने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है और इसका वर्तमान 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है, जिनके पास अपने हिंदू समकक्षों के समान अधिकार हैं.”