राजकुमार मल
Havoc of weather कहर मौसम परिवर्तन का, गुणवत्ता खराब होगी गेहूं की…!
कटाई का काम फौरन रोकें किसान
Havoc of weather भाटापारा– गुणवत्ता प्रभावित होगी। जो पौधे पूरी तरह गिर गए हैं, उन्हें बचा पाना संभव नहीं होगा। मौसम में आया यह बदलाव गेहूं की फसल के लिए बेहद नुकसान पहुंचाने वाला माना जा रहा है।
गेहूं। बेहतर संभावना पर बेमौसम बारिश, पानी फेर देने वाली मानी जा रही है। तेज हवाएं, जहां तैयार हो रही फसल के लिए खतरनाक साबित हो रहीं हैं, वहीं ओले के साथ बरस रहीं बूंदे दानों पर कहर बरपा रही है। कुल जमा परिणाम, गुणवत्ता खराब होने के रूप में निश्चित ही देखा जाएगा।
Havoc of weather प्रभावित होगी गुणवत्ता
तेज हवा। ओले और मानसून के दिनों जैसी बारिश। यह तीनों मिलकर परिपक्वता अवधि में पहुंच रही गेहूं की फसल को बेतरह नुकसान पहुंचाएंगे। जो फसल गिर चुकी है, उसके दाने लगभग पूरी तरह खराब हो जाएंगे, तो आधे झुक गए पौधों के दानों की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर देखा जाएगा। यानी नुकसान दोनों स्थितियों में होगा।
Havoc of weather मौसम साफ होने तक करें प्रतीक्षा
गेहूं वैज्ञानिकों ने गेहूं की फसल लेने वाले किसानों को सलाह दी है कि कटाई का काम फौरन रोका जाना सही उपाय होगा। जिन खेतों में जल जमाव की स्थितियां बन रहीं हैं उनमें जल निकास की व्यवस्था तत्काल करनी होगी। खलिहान में पहुंच चुकी फसल की मिसाई धूप निकलने के बाद ही करें।
Havoc of weather 21 मार्च तक ऐसा मौसम
दक्षिण से काफी मात्रा में नमी छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रही है। मजबूत चक्रवाती सिस्टम पश्चिम विदर्भ और करीब के क्षेत्र में सक्रिय है। एक द्रोणिका झारखंड से उड़ीसा होती हुई तटीय आंध्र प्रदेश तक बनी है, तो दूसरी द्रोणिका का फैलाव दक्षिण तमिलनाडु व पश्चिम विदर्भ से होता हुआ कर्नाटक तक विस्तारित है। असर 21 मार्च तक देखा जा सकेगा।
गेहूं के लिए नुकसान
मौसम में आया यह बदलाव गेहूं की फसल के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदेह होगा। बचाव के उपाय बेहद सीमित हैं। प्रबंधन पर किसानों को ज्यादा ध्यान देना होगा।
uniform civil code बहुसंख्यक मुसलमान समान नागरिक संहिता के ख़िलाफ़ नहीं
डॉ एस आर पटेल, रिटायर्ड साइंटिस्ट, एग्रोनॉमी, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर