Harsh Penance For World Peace
SURAJPUR:मां के असामायिक निधन से उसका मन कुछ ऐसा व्यथित हुआ कि, युवा बन गया संन्यासी…
PENANCE और वह भी नागा साधू…! अब उन्होंने पांच साल तक एक ही स्थान पर खड़े रहने का लिया है संकल्प….! उस युवक का नाम था दिनेश। जो संन्यास के बाद से दौलत गिरी के नाम से पहचाने जाने लगा हैं। वे इन दिनों रुनियाडीह में रेन नदी के किनारे स्थित शिव मंदिर परिसर में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
PENANCE युवा संन्यासी ने सनातन धर्म की जागृति और विश्व शांति के लिए संकल्प लिया है कि, वे पांच वर्ष तक केवल खड़े रहेंगे। यानी वे इस बीच न बैठेंगे और न बिस्तर पर सोएंगे। उनके इस संकल्प को फिलहाल करीब लगभग पांच महीने होने को हैं।
इस बीच उनका संकल्प न डिगा है और न डिगे इसके लिए वे भोले बाबा का आशीर्वाद चाहते हैं। वे कहते हैं कि, भोले बाबा का आशीर्वाद रहा तो उनका संकल्प पूरा होकर रहेगा।
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ऐसे हुआ संसार से मोहभंग दिनेश जब यह बीकॉम सेकंड ईयर के छात्र थे, तभी अचानक बीमारी की वजह से इनकी मां की मौत हो गई। अपनी मां की मौत से वह इतना आहत हुए कि उन्होंने संसार के मोह माया को त्याग कर साधू बन गए।
प्रयागराज में कई नागा बाबाओं की संगत में रहने के कई साल बाद वह वापस सूरजपुर आए, अब उनका उद्देश्य विश्व शांति है, जिसके लिए वे यह तपस्या कर रहे हैं। इनके दोनों पैरों में सूजन आ गया है बावजूद इसके वे अपनी तपस्या में लीन हैं।
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नागा बाबा की तपस्या से इलाके के श्रद्धालु भी काफी प्रभावित हैं, लगातार खड़े रहने वाले इस बाबा को देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आ रहे हैं और वे सब बाबा के विश्व शांति के लिए इस प्रयास की सराहना कर रहे हैं। नमदगिरी गांव का यह शिव मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ है।
ऐसे हुआ संसार से मोहभंग दिनेश जब यह बीकॉम सेकंड ईयर के छात्र थे, तभी अचानक बीमारी की वजह से इनकी मां की मौत हो गई।
अपनी मां की मौत से वह इतना आहत हुए कि उन्होंने संसार के मोह माया को त्याग कर साधू बन गए। प्रयागराज में कई नागा बाबाओं की संगत में रहने के कई साल बाद वह वापस सूरजपुर आए, अब उनका उद्देश्य विश्व शांति है, जिसके लिए वे यह तपस्या कर रहे हैं। इनके दोनों पैरों में सूजन आ गया है बावजूद इसके वे अपनी तपस्या में लीन हैं।
नागा बाबा की तपस्या से इलाके के श्रद्धालु भी काफी प्रभावित हैं, लगातार खड़े रहने वाले इस बाबा को देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आ रहे हैं और वे सब बाबा के विश्व शांति के लिए इस प्रयास की सराहना कर रहे हैं। नमदगिरी गांव का यह शिव मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ है।