Gayatri Mahayagya
Gayatri Mahayagya: दंतेवाड़ा (आज की जनधारा ) 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का अंतिम दिन सामुहिक आदर्श विवाह एवं विविध संस्कारों के साथ संपन्न हुआ।9 बजे से आरंभ होकर 3 बजे तक यज्ञ क्रम चला।आदर्श विवाह के तहत् दहेज मुक्त विवाह हुआ व नवदंपति के द्वारा देव परिवार बनाने का संकल्प लिया गया।संस्कारों की परम्परा से देव मानव आदर्श परिवार सभ्य समाज बनाने की बात कही गई ।
Gayatri Mahayagya : वन्दनीया माता जी के जन्मशताब्दी के लिए मानव में देवत्व धरती पर स्वर्ग के अवतरण की संकल्पना को साकार करने ,साधना ,ज्ञानघट,अंशदान समयदान, युग साहित्य विस्तार का संकल्प लिया गया। तीन दिन चले महायज्ञ में पुंसवन संस्कार 47 ,नामकरण संस्कार 95 ,मुण्डन संस्कार 90 ,विद्यारंभ संस्कार 136 ,दीक्षा संस्कार 139 ,अन्नप्राशन संस्कार 10 ,विवाह संस्कार 41 की संख्या में सम्पन्न
हुए।यज्ञ के समापन के साथ शांतिकुंज से ऋषि पुत्रों को श्रीफल सॉल भेंटकर भावपूर्ण विदाई दिया गया।जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन,स्वास्थ्य विभाग,लोक निर्माण विभाग,नगरपालिका,यातायात विभाग,विद्युत विभाग,प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया सभी का आभार व्यक्त किया गया।