-सुभाष मिश्र
पूरे देश में कोई मोहब्बत की दुकान सजाने की बात करता है तो सुप्रीम कोर्ट बढ़ती हेट स्पीच को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने के लिए सचेत करता है किन्तु जमीनी हकीकत में हम इससे अलग देखते हैं। नफरत की आग धीरे-धीरे अब राजनैतिक गलियारों से निकलकर गली-मोहल्लों, स्कूलों, रेल यात्रा और चौक-चौराहों तक पहुंचने लगी है। हाल ही में मुजफ्फरपुर में स्कूली टीचर द्वारा एक लड़के को होम वर्क नहीं करने पर धर्म के आधार पर बाकी लड़कों से पिटवाने की घटना हो या चलती ट्रेन में एक सिपाही द्वारा 4 लोगों को गोली मारने की घटना या फिर इंजीनियरिंग कॉलेज के दो छात्रों द्वारा चौराहे पर एक धर्म विशेष को बदनाम करने की। ये सब लोग आपस में फैलाई जा रही नफरत की आग के शिकार हैं।
अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से एक डरा देने वाला वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो में एक महिला टीचर क्लास के एक स्टूडेंट को बाकी बच्चों से थप्पड़ लगवा रही है। ऐसा सिर्फ इसलिए कर रही है क्योंकि वो बच्चा मुस्लिम है। जिस बच्चे को पीटा जा रहा है उसकी बस इतनी गलती थी कि वो होमवर्क करना भूल गया था। इस घटना के बाद नेताओं की बयानबाजी बेशर्मी और राजनैतिक रूप से रोटी सेंकने की मंशा साफ उजागर हो रही है।
भारतीय किसान यूनियन नेता नरेश टिकैत आरोपी से मिलने खुब्बापुर गांव पहुंचे। इस दौरान उनका कहना है कि टीचर ने जो किया वह गलत है, लेकिन टीचर को गलती का एहसास होना काफी है, माफी मांगने की जरूरत नहीं है।
मामले को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुजफ्फरपुर नगर में जिस तरह की घटना हुई और मुस्लिम छात्र को पिटवाया गया वो बेहद निंदनीय है। जिस हिसाब का वीडियो आया उसमें बच्चों को उकसाना ये छात्र और अध्यापक के रिश्ते को शर्मसार करता है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने बच्चे की पिटाई के मामले को लेकर कहा कि ये बीजेपी-आरएसएस की नफरत भरी राजनीति का विचलित कर देने वाला परिणाम है। अध्यापिका ने धार्मिक भेदभाव कर एक बच्चे को दूसरे बच्चों से पिटवाया है। ऐसी घटनाएं हमारी वैश्विक छवि पर कालिख पोत देती हैं। ये संविधान के खिलाफ है। वहीं, आरएलडी के प्रमुख जयंत चौधरी ने मुजफ्फरनगर मामले में बच्चे के पिता को कॉल कर उनसे बात की है। मामले पर जयंत चौधरी ने पूछा की इस मुद्दे पर आप क्या चाहते हैं, जिस पर पीडि़त बच्चे के पिता का कहना है कि मैडम को सजा मिलनी चाहिए।
बाल संरक्षण आयोग की टीम भी खुब्बापुर गांव जांच के लिए पहुंचीं। वहीं पीडि़त बच्चे के पिता से एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बात कर बच्चे की शिक्षा एवं परिवार की सभी प्रकार से हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया। इस मामले में आरोपी शिक्षिका ने भी कैमरे के सामने आकर अपना पक्ष रखा है। शिक्षिका का कहना है कि वह विकलांग है। परीक्षाएं नजदीक हैं और छात्र द्वारा पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था। जिसके चलते उसने उसे सजा के तौर पर दूसरे छात्रों से पिटवाया, क्योंकि छात्र के परिजनों ने ही ऐसा करने के लिए कहा था। शिक्षिका का कहना है कि उसकी वीडियो को एडिट कर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है और उनके गांव में हिन्दू व मुस्लिम आपस में मिलकर रहते हैं, इस तरह की कोई भावना नहीं रखता है।
शिक्षण संस्थानों में बढ़ती हिंसा और शिक्षकों के व्यवहार को उजागर करने वाली हालिया घटनाओं पर नजर डालें तो हम पाते हैं कि 2 दिसंबर 2022 को चेन्नई के एक प्राइवेट स्कूल में पढऩे वाले 16 साल के स्टूडेंट कविन कुमार ने जान दे दी। एक दिन पहले ही फिजिकल एजुकेशन के टीचर ने उसे स्कूल में सारे स्टूडेंट्स के सामने पीटा था। कविन की मौत के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक ही है। 3 दिसंबर 2022 को हरदोई के एक स्कूल में छात्र बिना यूनिफॉर्म पहने स्कूल चला गया। पीटी टीचर ने बिना वजह जाने उसे बेरहमी से पीट डाला, जिससे पूरी क्लास के स्टूडेंट्स दहशत में आ गए।
29 नवंबर को तेलंगाना में एक छात्रा ने सोशल मीडिया पर बोरिंग क्लास लिखकर पोस्ट कर दिया। इससे भड़की टीचर ने पूरी क्लास के सामने लड़की को डंडों से पीटा। हिमाचल प्रदेश के ऊना स्थित एक सरकारी स्कूल में बाथरूम का नल टूट गया। प्रिंसिपल ने 1 दिसंबर को शक के आधार पर 2 छात्रों को निर्ममता से पीटा। एक छात्र की हालत इतनी बिगड़ी कि उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। 23 नवंबर को राजस्थान के एक सरकारी स्कूल में टीचर ने छात्र की इतनी बेरहमी से पिटाई की कि बच्चे की रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर आ गया। यह घटना टोंक जिले की है जहां लंच के दौरान बच्चा बात करने में मशगूल था जिससे नाराज टीचर ने गर्दन पकड़कर उसको नीचे गिराया और फिर उसकी गर्दन पर पैर रखकर पिटाई की।
बेंगलुरू के मांटेसरी स्कूल का एक सीसीटीवी फुटेज वायरल हो रहा है। फुटेज में एक तीन साल के लड़के ने ढाई साल की लड़की को बहुत मारा पीटा। उज्जैन में स्कूली बच्चों को शिक्षक व संचालक ने एक साथ एक कमरे में बंद कर 10 बच्चों को पीटा है। वजह सिर्फ इतनी सी थी कि उन्होंने जयश्री राम का नारा लगा दिया। राष्ट्रीय राजधानी के मॉडल बस्ती इलाके में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के एक स्कूल की शिक्षिका की पिटाई से घायल हुई कक्षा पांच की छात्रा के पिता का कहना है कि उनकी बेटी चेहरे की हड्डी टूटने के कारण खाने या बोलने में असमर्थ है।
बिहार के बेगूसराय में एक सरकारी स्कूल के हेडमास्टर की कुर्सी टूट जाने पर इस कदर गुस्सा आया कि क्लास रूम के बच्चों को एक कमरे में बंद करके प्लास्टिक की पाइप और थप्पड़ से बच्चों को पीटा। छिंदवाड़ा के एक स्कूल में तिलक लगाने पर विवाद हो गया है। कई स्कूली बच्चे तिलक लगाकर स्कूल पहुंचे थे। यह देखकर स्कूल में तैनात शिक्षक भड़क गए और छात्र की पिटाई कर दी। राजस्थान में छुआछूत की बुराई ने एक मासूम की जान ले ली।
एक दलित बच्चे के मटके से पानी पीने पर स्कूल संचालक ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। राजस्थान के अलवर जिले के एक स्कूल में तिलक लगाकर आने पर हिंदू छात्र की पिटाई का मामला सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार पहले स्कूल के मुस्लिम छात्रों ने मारपीट की फिर उसके परिजन ने भी स्कूल में घुसकर हिंदू छात्र की पिटाई कर दी। इस घटना को लेकर स्थानीय स्तर पर तनाव का माहौल है। झारखंड के धनबाद में एक छात्रा द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले छात्रा बिंदी लगाकर अपने स्कूल पहुंची थी, जिस वजह से उसकी पिटाई की गई थी।
ऐसी अनेकों घटनाएं हमें आये दिन देखने-सुनने को मिलती है। धीरे-धीरे समाज में सहिष्णुता, धैर्य और शिक्षण संस्थानों में कार्यरत लोगों में जातिगत, धार्मिक भावना और व्यक्तिगत द्वेष बढ़ता जा रहा है और जो देश के लिए बहुत घातक है। राजनीतिक दल और कथित रूप से धार्मिक नेता इस आग में घी डालनेे का काम कर रहे हैं।