Editor in chief सुभाष मिश्र की कलम से- मुफ्त की रेवड़ी से साधने की कोशिश!

From the pen of Editor in chief Subhash Mishra - Trying to get rid of free hawkers!

सुभाष मिश्र

 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस बार छत्तीसगढ़ में अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री मान के साथ वे एक बार फिर छत्तीसगढ़ आए और 10 गारंटी देकर गए। इनमें से 9 के बारे में उन्होंने विस्तार से बात की और 10वीं गारंटी के बारे में अगली बार पत्ता खोलने की बात कही है। इन चुनावी गारंटी में देखें तो साफ पता चलता है कि उनके पास प्रदेश को आगे ले जाने का कोई रोड मेप तो नहीं है। हां वो मुफ्त में प्रदेश की जनता को बहुत कुछ देना चाहते हैं।

दरअसल, केजरीवाल की पहचान एक पढ़े-लिखे और जनता के बीच से निकले राजनेता के तौर होती रही है। वो खुद जानते हैं कि मुफ्त में इस तरह सरकारी संसाधनों को बांटा जाएगा तो पांच साल में प्रदेश की आर्थिक स्थिति कहां पहुंच जाएगी। क्या छत्तीसगढ़ या कोई अन्य राज्य में इस तरह जनता मुफ्त व्यवस्था से कितने दिन चल सकेगी? क्या आप सत्ता में आने के लिए कुछ भी वाजिब गैर वाजिब करने के लिए तैय़ार हैं? आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ में अभी अपनी जमीन तलाश रही है। फिलहाल राज्य में कहीं भी इनके निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं है, लेकिन पार्टी को उम्मीद है कि दिल्ली के बाद पंजाब में जिस तरह लहर चली कुछ ऐसा कमाल वो यहां भी दोहरा पाएंगे। गौरतलब है कि इस साल छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी चुनाव होना है, लेकिन छत्तीसगढ़ इन दोनों राज्यों से काफी छोटा है इसलिए केजरीवाल को यहां आप पार्टी की जड़ें यहां जमाना आसान लग रहा हो। पिछले कुछ महीने से पार्टी के नेता यहां सक्रिय भी हैं। उत्तर छत्तीसगढ़ से लेकर मैदानी इलाकों में भी पार्टी ने अपना काम किया है और हर तरह के समीकरण को ध्यान में रखकर उम्मीदवारों का पैनल भी तैयार कर रहे हैं। लेकिन सबसे बड़ी चुनौती इनके सामने यही है कि इनके पास एक भी चेहरा नहीं है। ऐसे में वे चुनावी गारंटी की झड़ी लगाकर इस राज्य को साधना चाहते हैं।

उनके वादों पर नजर डालें तो-केजरीवाल ने सूबे में बिजली फ्री करने की बात कही है। साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य और राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का वादा किया। युवाओं को नौकरी न मिलने तक हर महीने 3000 रुपए बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। उनके मुताबिक, सरकार बनते ही सारे वादे पूरे किए जाएंगे। दिल्ली और पंजाब की तरह छत्तीसगढ़ में भी हर महीने हर घर को 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी। इसके अलावा केजरीवाल ने ये भी कहा कि छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर सारे पुराने बकाया घरेलू बिजली बिल माफ किए जाएंगे। लगभग 10 लाख बेरोजगारों को सरकारी नौकरी देने की बात कही है। हर गांव और वार्ड में मोहल्ला क्लीनिक खोला जाएगा। मौजूदा सरकारी अस्पतालों को और विकसित करने और नए अस्पताल खोलने की बात कही है। सभी तरह की दवाइयां, टेस्ट और ऑपरेशन मुफ्त किए जाएंगे। इसके अलावा उनके मुताबिक सभी सड़क दुर्घटना प्रभावित लोगों का राज्य में मुफ्त इलाज किया जाएगा। हर बच्चे को अच्छी और फ्री शिक्षा, प्राइवेट स्कूलों में मनमानी रूप से फीस नहीं बढऩे दिया जाएगा। 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये स्त्री सम्मान राशि दी जाएगी। भ्रष्टाचार को पूरी तरह खत्म किया जाएगा। सभी विभागों के संविदा, प्लेसमेंट, ठेका व अनियमित कर्मचारियों को नियमित करेंगे। संविदा और ठेका प्रथा बंद करेंगे। छत्तीसगढ़ के सभी बुजुर्गों को उनके पसंद के किसी भी पवित्र तीर्थ स्थान पर मुफ्त यात्रा करवाई जाएगी। इस तरह के लोक लुभावने वादे छत्तीसगढ़ से आम आदमी पार्टी ने किया है।

एक तरफ़ देशभर में इन दिनों रेवड़ी कल्चर पर बहस हो रही है, वहीं केजरीवाल पंजाब के बाद छत्तीसगढ़ में जिस तरह वादे करते नजर आ रहे हैं उससे तो यही लगता है कि वे अब इस रेवड़ी कल्चर के सबसे बड़े समर्थक बन गए हैं, लेकिन देखना होगा कि इसका प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा? जिस भ्रष्टाचार को रोकने की बात कह रहे हैं, उसी के आरोप में उनके सबसे करीबी जेल की हवा खा रहे हैं। पंजाब में किसानों को अपनी बात मनवाने के लिए आए दिन सड़क पर उतरना पड़ता है, ऐसे में केजरीवाल की बात से यहां की जनता कितना सरोकार रख पाती है कहना मुश्किल है। लेकिन जिस तरह की राजनीति में वे मुफ्त देने की बात को हवा दे रहे हैं उस पर जरूर बहस होनी चाहिए। देश के अर्थशास्त्रियों को सामने आकर बताना चाहिए कि इस तरह की मुफ्तखोरी से देश की अर्थव्यवस्था पर क्या-क्या असर पड़ सकता है।

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