Editor in chief सुभाष मिश्र की कलम से- भरोसा कैसे क़ायम हो

From the pen of Editor in chief Subhash Mishra

सुभाष मिश्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी डीपी बदलकर तिरंगा लगा लिया है। बहुत सारे लोगों ने पिछले साल की ही तरह इस साल भी हर घर तिरंगा अभियान के तहत अपनी डीपी, अपने घर में तिरंगा लगा लिया होगा। देशभक्ति सिद्घ करने केवीए ये बेहतर मौक़ा है जो अपनी डीपी, घर में तिरंगा नहीं लगायेंगे वे देश का, सरकार का विश्वास खो सकते हैं। इसे आप प्रधानमंत्री का भाजपा का अभियान ना माने, ये देशभक्ति से, राष्ट्र की आन-बान-शान से जुड़ी बात है। इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े रविवार को छत्तीसगढ़ दौरे पर आये और भरोसे का सम्मेलन कर गये। कांग्रेस भले ही स्वतंत्रता आंदोलन से उपजी पार्टी क्यों ना हो, उसे अपनी राष्ट्र भक्ति के लिए उसी तरह हर घर तिरंगे की बात करनी पड़ेगी जैसे वह अब भगवान राम की बात कर रही है। पूरा मामला भरोसे का है।

कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद ये उनका दूसरा दौरा है। इससे पहले फरवरी में कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने के लिए वे तमाम बड़े नेताओं के साथ रायपुर आए थे।
रविवार को खडग़े ने कांग्रेस की भूपेश सरकार की तारीफ की तो भाजपा पर निशाना साधा। भाजपा वाले कहते हैं, 70 साल में क्या हुआ। उन्होंने कहा, बीते सालों में कांग्रेस ने कंपनियां और इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया। लोगों को रोजगार दिया जबकि भाजपा ने कांग्रेस की खड़ी की गई कंपनियों को बेचने का काम किया है। ये बात तो थी सामने दिखने वाली तस्वीर की, लेकिन अब आपको बताते हैं खडग़े के दौरे का दूसरा बड़ा लक्ष्य क्या था।

दरअसल इस साल के अंत में प्रदेश में पहले विधानसभा और उसके बाद अगले साल ही लोकसभा के चुनाव होने हैं। खडग़े इस दौरे के जरिए बिलासपुर संभाग में मौजूद 24 सीटें साधेंगे। इसी के चलते खडग़े की जनसभा अनुसूचित जाति वर्ग बहुल जांजगीर-चांपा जिले में कराई गई है। बिलासपुर संभाग में कुल आठ जिले हैं। इनमें गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, जांजगीर-चांपा, कोरबा, मुंगेली, रायगढ़, सक्ती, बिलासपुर और सारंगढ़-बिलाईगढ़ है। इन जिलों में चार सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए रिजर्व है। इतना ही नहीं यहां एससी कैटेगिरी का भी वोटर्स वर्ग काफी बड़ा है। चूंकि मल्लिकार्जुन खडग़े कांग्रेस पार्टी का सबसे बड़ा दलित चेहरा है लिहाजा यहां वोटर का रुझान उनकी ओर जाना तय है। इस क्षेत्र में मायावती की पार्टी बसपा के भी पारम्परिक वोटर हैं, जो उन्हें जीत दिलाते आए हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर बसपा की कमजोर स्थिति का फायदा प्रदेश में कांग्रेस को मिलना है। इसके अलावा यहां जनरल सीटों में भी एससी वर्ग के मतदाताओं की बड़ी संख्या है, लिहाजा कांग्रेस ने अपनी रणनीति के तहत ही राष्ट्रीय अध्यक्ष खडग़े की जनसभा जांजगीर-चांपा जिले में कराई है।

खडग़े के प्रदेश के दौरे के बाद कांग्रेस भाजपा पर काउंटर अटैक कर सकेगी। क्योंकि भाजपा के कई बड़े नेता पिछले महीने प्रदेश का दौर कर चुके हैं। एक और बड़ी बात, पिछले एक महीने में बीजेपी के राष्ट्रीय नेताओं का यहां लगातार दौरा होता रहा है। पीएम मोदी पहले ही सात जुलाई को रायपुर में आमसभा कर चुके हैं। अब कहा जा रहा है कि अब 15 अगस्त के बाद पीएम मोदी फिर से छत्तीसगढ़ आएंगे। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हाल के दिनों में तीन बार छत्तीसगढ़ आ चुके हैं। उनके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी छत्तीसगढ़ का दौरा कर चुके हैं।

जैसा कि आप सबको पता है कि राज्य में कुल 10 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग यानी एससी के लिए रिजर्व है। इनमें बिलासपुर संभाग की 4 सीटें सारंगढ़, मुंगेली, मस्तुरी और पामगढ़ है जो जांजगीर-चांपा जिले के करीब ही है। इन 4 आरक्षित सीटों में 2 बीजेपी, 1 कांग्रेस और 1 बसपा के पास है। ये वहीं 4 सीटें हैं, जहां कांग्रेस का परफॉर्मेंस पिछले चुनाव में कमजोर थी। यानी इस कमजोरी को दूर करने के भी काम खडग़े आएंगे।

अभी एससी वर्ग के लिए आरक्षित 10 सीटों में 7 कांग्रेस के पास है। इनमें से एक रायगढ़ जिले में है, जबकि बाकी 6 अलग-अलग जिलों में हैं। इनमें से दो सीटों में मंत्री गुरू रूद्रकुमार और शिव डहरिया विधायक हैं क्योंकि इन सीटों में पहले से ही कांग्रेस के विधायक काबिज हैं। इसलिए नई सीटों पर फोकस करना कांग्रेस ने सही समझा और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े की सभा जांजगीर में कराई गई है तो उम्मीद है आपको बात समझ आ गई होगी कि कांग्रेस अध्यक्ष क्यों छत्तीसगढ़ आए।

 

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