Five short plays staged on Jan Manch : जनमंच पर पांच लघु नाटकों का मंचन
Five short plays staged on Jan Manch : रायपुर । थियेटर लोगों को जीने का कला सिखाती है। मौजूदा दौर सोशल मीडिया से बाहर निकलकर अगर लोग थियेटर कर रहे हैं तो ये कबीले तारीफ है। कुछ ऐसा ही रविवार को जनमंच पर देखने को मिला जहां जुगनू थियेटर के कलाकारों ने अपनी कला और बेहतरीन प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया और खूब तालियां बटोरी। खास बात यह है कि ये कलाकार प्रोफेशनल कलाकार नहीं थे। कई कलाकार अलग अलग व्यवसाय और संस्थान से जुड़े थे लेकिन उनकी पैशन और एक्टिंग करने की चाह से साबित कर दिया कि कला किसी भी परिचय की मोहताज नहीं होती है।
Five short plays staged on Jan Manch : जुगनू थियेटर की ओर से पांच नाटक का मंचन किया गया। जिसका निर्देशन अभिषेक चौधरी ने की। जिसका आयोजन सड्डू स्थित जनमंच पर किया गया। आज के दौर में यूट्यूब शॉर्ट्स और रील्स लोगों में हिट हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए जुगनू ने कुछ नया करने का प्रयास किया और पांच छोटे नाटकों का कोलार्ज बनाकर प्रस्तुत किया।
Five short plays staged on Jan Manch : एक नाटक की अवधि लगभग 10 मिनट की थी और पांचों नाटक की कहानियां लोगों के जीवन के छोटे बड़े अनुभवों के आधार पर आधारित थी इन पांच नाटक में चाहे वह सुख को ढूंढने की तलाश में सुख की दुकान पहुंचना या फिर प्रिटी और प्लेन गर्ल होने के बीच का फर्क समझना, वो एक जलपरी के प्रेम में पड़ना हो या फिर शादी की हनीमून का चौपट होना। ऐसे ही छोटे बड़े मुद्दों पर आधारित था नाटक “कैसी तस्वीर” जिसने दर्शकों के एक और जहां गुदगुदाया वहीं कई अहम सवाल भी खड़े किए।
नाटक सुखों की दुकान में एक इंसान जब विचलित रहता और वह सुख की तलाश में रहता एक दिन उसे एक सुख की दुकान दिखता है वह इस दुकान पर जाकर दुकानदार से सुख की तलब करता है दुकानदार उसे बारी बारी सुख की यंत्र और वस्तु देता है लेकिन वह उससे ऊब जाता है बाद में उसे अनुभव होता है कि जिस सुख को हम बाहर ढूंढ रहे हैं वह तो हमारे अंदर है जरूरत है खुद को टटोलने और समझने की। नाटक नोक झोंक में पति पत्नी के बीच के नोक झोंक को दिखाया गया है वह दोनों हनीमून पर रहते हैं उसी बीच काफी नोकझोक होता है लेकिन बाद में दोनों खुशी घर लौट जाते हैं।
Five short plays staged on Jan Manch : नाटक प्रिटी गर्ल, प्लेन गर्ल… में एक साधारण गर्ल वह आधुनिक और मॉडर्न बनने के लिए अपने सहेली से मदद के लिए कहती है और उसे खुद को इंसल्ट करने को कहती है ताकि वह आगे बढ़ सके लेकिन उनकी सहेली जो थोड़ा मॉडर्न रहती है वह अपनी साधारण सी सहेली के लिए सब कुछ करती है और उसे हौसला देती है।
एक पल में में सबकुछ लूट जाना है “मायाजाल”
नाटक मायाजाल में दिखाया गया कि एक मछुवारा समंदर में मछली पकड़ रहा होता है तभी उसके काटे में एक जलपरी फंस जाती है यह देख मछुवारा घबरा जाता है लेकिन जब उससे जलपरी बात करती है तो वह थोड़ा सहज महसूस करता है और उनके बीच ढेर सारी बात होती है उसके बाद मछुवारा पूछता है फिर कब मिलेंगे जलपरी कहती है फिर जब आप मछली पकड़ने आएंगे तो शायद मैं फिर फंस जाऊं और वह फिर पानी में चली जाती है। मछुवारे के लिए यह माया जाल की तरह होता है एक पल में परी मिल गई उसके बाद उसके पास कुछ नहीं रहा।