Filling Cold : ठंड किसी को ज्यादा तो किसी को क्यों लगती है कम, जानिए इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण

Filling Cold : ठंड किसी को ज्यादा तो किसी को क्यों लगती है कम, जानिए इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण

Filling Cold : ठंड किसी को ज्यादा तो किसी को क्यों लगती है कम, जानिए इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण

Filling Cold : भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के टी-शर्ट की चर्चा खूब हो रही है और हर कोई सवाल कर रहा है कि आखिर कड़ाके की सर्दी के बाद भी राहुल गांधी हाफ टी-शर्ट (Rahul Gandhi T-Shirt) में कैसे घूम रहे हैं.

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Filling Cold : सभी लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिरी राहुल को ठंड क्यों नहीं लग रही है, लेकिन क्या आपको पता है कि आखिरी ठंड लगती कैसे है और किसी को ज्यादा तो किसी को कम सर्दी क्यों लगती है. तो चलिए आपको वैज्ञानिक तरीके से सभी सवालों के जवाब बताते हैं.

किसी को आखिरी ठंड लगती कैसे है?

सबसे बड़ा सवाल यह है कि किसी इंसान को ठंड कैसे लगती है? बता दें कि बॉडी में स्किन के नीचे थर्मो-रिसेप्टर नर्व्स (Thermo-receptors Nerves) होती हैं, जो दिमाग को ठंड लगने का संदेश भेजती हैं. इसके बाद दिमाग में मौजूद हाइपोथैलेमस (Hypothalamus) बॉडी टेम्परेचर को संतुलित करने लगता है.

Filling Cold : ठंड किसी को ज्यादा तो किसी को क्यों लगती है कम, जानिए इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण
Filling Cold : ठंड किसी को ज्यादा तो किसी को क्यों लगती है कम, जानिए इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण

इस वजह से शरीर की रोएं (Goosebumps) खड़े हो जाते हैं और मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं. इसी वजह से किसी को भी ठंड का अहसास होता है.

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ठंड किसी को ज्यादा तो किसी को क्यों लगती है कम?

स्टडी के अनुसार, कम या ज्यादा ठंड लगना पूरी तरह से लिंग, उम्र और जीन्स पर निर्भर करता है. इसी से तय होता है कि इंसान को कितनी सर्दी लगेगी. हर किसी के तापमान सहने और ठंड महसूस करने की क्षमता भी अलग-अलग होती है. एक स्टडी में इस बात का भी दावा किया गया है कि बुजुर्गों को कम ठंड लगती है,

जबकि युवाओं को ज्यादा ठंड लगती है. शोध में यह कहा गया है कि बुजुर्ज ठंड से तब तक नहीं कांपते, जब तक तापमान काफी कम ना हो जाए, जबकि थोड़ा तापमान गिरने पर ही युवा कांपने लगते हैं. क्योंकि, बुजुर्गों की तुलना में युवाओं में ठंड महसूस करने की क्षमता ज्यादा होती है, जो धीरे-धीरे उम्र के साथ कम होती जाती है.

ठंड लगने पर क्यों कांपने लगती है बॉडी?

वातावरण का तापमान कम होने के बाद दिमाग में मौजूद हाइपोथैलेमस (Hypothalamus) बॉडी टेम्परेचर को बैलेंस करने लगता है और बॉडी पार्ट्स धीमी गति से काम करते हैं. इस वजह से बॉडी में ज्यादा मेटाबॉलिक हीट (Metabolic Heat) पैदा होती है

और शरीर में कंपकंपी होने लगती है. शरीर में कंपकंपी होने का मतलब है कि आपका शरीर बॉडी टेम्पेरेचर और बाहर के तापमान को संतुलित कर रहा है. तापमान संतुलित हो जाने के बाद कंपकंपी बंद हो जाती है या कम हो जाती है.

किन वजहों से इंसान को लगती है ज्यादा ठंड?

ज्यादा ठंड लगने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. लंबाई के अनुपात में बॉडी वेट बहुत ज्यादा कम होने पर ज्यादा ठंड लगती है. इसके अलावा बॉडी में आयरन की कमी और थायरॉयड के बिगड़ने पर भी हो ज्यादा ठंड लग सकती है.

बॉडी के सभी अंगे में ठीक से रक्तसंचार ना होने की वजह से भी ज्यादा ठंड का अनुभव हो सकता है. इसके अलावा ठीक से नींद पूरा ना होना, डिहाइड्रेशन और विटामिन बी की कमी भी ज्यादा ठंड की वजह हो सकती है.

वातावरण का तापमान कम होने के बाद दिमाग में मौजूद हाइपोथैलेमस (Hypothalamus) बॉडी टेम्परेचर को बैलेंस करने लगता है और बॉडी पार्ट्स धीमी गति से काम करते हैं.

इस वजह से बॉडी में ज्यादा मेटाबॉलिक हीट (Metabolic Heat) पैदा होती है और शरीर में कंपकंपी होने लगती है. शरीर में कंपकंपी होने का मतलब है कि आपका शरीर बॉडी टेम्पेरेचर और बाहर के तापमान को संतुलित कर रहा है. तापमान संतुलित हो जाने के बाद कंपकंपी बंद हो जाती है या कम हो जाती है.

राहुल गांधी को क्यों नहीं लग रही ठंड?

ज्यादा ठंड वाली जगह पर रहने वाले लोगों की बॉडी उस हिसाब से एडजस्ट हो जाती है. इसके अलावा फिजिकल एक्टिविटी अच्छी होने पर बॉडी का मेटाबॉलिज्म अच्छा होता है और ठंड कम लगती है. हमारा बॉडी फैट भी हमें ठंड से बचाता है.

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) लंबे समय से भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हैं और उनकी बॉडी बाहरी वातावरण की हिसाब से एडजस्ट हो चुकी है. इसके अलावा वो रोजाना पैदल चलते हैं और फिजिकल एक्टिविटी अच्छी होने की वजह से भी उनको कम ठंड लगती है.

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