Fashion Masterpiece Khairagarh स्वर्गीय सोना बाई रजवार आर्ट गैलरी में किया गया प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ की पारंपरिक साड़ियों को ड्रेपिंग
Fashion Masterpiece Khairagarh खैरागढ़ ! इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय के कलाकारों ने छत्तीसगढ़ की पारंपरिक साड़ियों के साथ ड्रेपिंग के नए तरीके जोड़कर इन्हें फैशन का मास्टर पीस बना दिया है। इसकी झलक छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी कला गैलरी स्व. सोनाबाई रजवार में दिखाई गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज इसका लोकार्पण करेंगे।
Fashion Masterpiece Khairagarh इस कला गैलरी की विशेषता है कि यहां क्राफ्ट डिजाइन सेक्शन के संकाय के कलाकारों ने छत्तीसगढ़ में प्रचलित पारंपरिक साड़ियों और ज्वेलरी के पहनावे के तरीकों में थोड़ा फेरबदल कर और उसे आधुनिक रूप देकर फैशन के क्षेत्र में एक नया प्रयोग किया है। इसमें पारंपरिक सुंदरता और सादगी के साथ ही ड्रेस डिजाइनिंग के क्षेत्र में हो रहे नये प्रयोगों को भी शामिल किया गया है। साड़ी ड्रेपिंग के तरीकों में थोड़ा सा फेरबदल कर और इन्हें एस्थेटिक्स के मानकों के अनुरूप प्रस्तुत कर इन्हें अद्भुत रूप दिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप छत्तीसगढ़ संस्कृति की झलक दिखाने के लिए यह कला वीथिका तैयार की गई है और इसमें बस्तर से लेकर सरगुजा तक के कला के पेंटिंग से लेकर वस्त्र विन्यास आदि के क्षेत्र में हुए नए कलात्मक प्रयोगों को दर्शाया गया है।
इसके साथ ही पेंटिंग के क्षेत्र में परंपरागत बस्तर, सरगुजा स्कूल के साथ ही वैश्विक स्तर पर पेंटिंग में आए नए प्रयोगों को भी दर्शाया गया है। इसके साथ ही मूर्तिकला में भी नए प्रयोग किए गए हैं। बस्तर से आई बीएफए आठवें सेमेस्टर में पढ़ रही छात्रा मुस्कान पारीक ने एक बहुत सुंदर चित्र बनाया है जो चटाई पर प्रदर्शित किया गया है।
इस चित्र में आदिवासी समुदाय अपनी दैनंदिनी की गतिविधियों में सुकून से लगा हुआ है। केवल एक चित्र बस्तर की संस्कृति को जानने के लिए एक पूरी पुस्तक का कलात्मक रूप है। वेरियर एल्विन की किताबों में जिस तरह से घोटुल के जनजीवन के बारे में जानकारी दी जाती है उसी तरह की पेंटिंग मुस्कान ने बनाई है।
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Fashion Masterpiece Khairagarh उमेश्वरी वर्मा जो टैक्सटाइल डिजाइन की कलाकार है। उन्होंने स्क्रीन प्रिंटेड कॉटन बेड कववर बनाया है। गैलरी एक तरह से यह बताती है कि किस तरह से छत्तीसगढ़ की लोक कला में बड़ी संभावना है और देश विदेश में भी आधुनिक समय के अनुसार प्रयोग कर इसे बेहतर किया जा सकता है तथा इसकी व्यवसायिक संभावनाओं का लाभ उठाया जा सकता है।
विश्वविद्यालय की कुलपति मोक्षदा चंद्राकर ने बताया कि देशभर में फैशन शो के माध्यम से भी इन कलाकारों की कला का प्रदर्शन किया जाएगा।