Export associations in india चुनौतियों के बीच कुल निर्यात बढ़ना अर्थव्यवस्था की मजबूती का संकेत: फियो

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Export associations in india चुनौतियों के बीच कुल निर्यात बढ़ना अर्थव्यवस्था की मजबूती का संकेत: फियो

 

Export associations in india नयी दिल्ली !   भारत में निर्यात संघो के शीर्ष निकाय फियो ने सोमवार को कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भार के वस्तु एवं सेवा निर्यात में 2023-24 के दौरान कुल मिला कर जो वृद्धि दिखी है वह देश की अर्थव्यवस्था की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति दर्शाती है।


पर फियो ने निर्यात कारोबार की मजबूती बनाए रखने के लिए पश्चिम एशिया के तनाव के बीच समुद्री खेप की बीमा सुविधा और जहाजों के किराए में वृद्ध को तर्कसंगत रखने की जरूतर पर बल दिया है।


फियो के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने निर्यात के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि ये आंकड़े न केवल हमारी पूरी अर्थव्यवस्था के लचीले, मजबूत को बल्कि देश के निर्यात क्षेत्र की दृढ़ प्रतिबद्धता को भी दर्शाता दर्शाते हैं। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा आज जारी मार्च 2024 के निर्यात आयात के आंकड़ों के अनुसार भारत ने 31 मार्च 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में कुल मिला कर 776.68 अरब डालर की वस्तुओं एवं सेवाओं का समग्र निर्यात किया।


वित्त वर्ष 2023-24 के मार्च 2024 में वाणिज्य वस्तुओं का निर्यात 41.68 अरब डालर रहा जो आलोच्य वित्त वर्ष का सबसे अच्छा मासिक आंकड़ा है। मार्च,24 में आयात 57.28 अरब डालर के बराबर और व्यापार घाटा 15.6 अरब डॉलर रहा।


श्री कुमार ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव, विशेष रूप से रूस यूक्रेन युद्ध, लाल सागर संकट, विकसित दुनिया के सख्त मौद्रिक रुख और जिंसों की गिरती कीमतों के बावजूद समग्र निर्यात वृद्धि में इतनी प्रभावशाली वृद्धि, इस क्षेत्र के पूर्ण समर्पण और प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि निर्यात क्षेत्र कोविड के बाद लगातार ऐसी बाधाओं का सामना कर रहा है। निर्यातक लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे निर्यात में वृद्धि हो रही है और अर्थव्यवस्था की विकास गति भी बढ़ रही है।


श्री कुमार ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामान, औषधि और औषधीय रसायनों, इंजीनियरिंग सामान, लौह अयस्क, कपास यार्न/फैब्स/मेड-अप, हथकरघा उत्पाद आदि और सिरेमिक उत्पाद तथा ग्लासवेयर का निर्यात अच्छा रहा ।


श्री कुमार ने यह भी कहा कि पश्चिम एशिया में हाल के तनाव, विशेष रूप से लाल सागर के माध्यम से जाने वाली खेपों के खतरे ने निर्यातक समुदाय की परेशानियों को और बढ़ा दिया है, क्योंकि बीमा लागत के साथ-साथ माल ढुलाई दरें अप्रत्याशित रूप से अधिक हो गई हैं। फियो अध्यक्ष ने जोर दिया कि समुद्री बीमा की उपलब्धता और माल ढुलाई शुल्क में वृद्धि को तर्कसंकत दायरे में सुनिश्चित करना और पश्चिम एशिया की भू-राजनीतिक स्थिति, लाल सागर संकट की चुनौतियों का समाधान करना समय की मांग है।

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उन्होंने यह भी कहा कि भारत से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ब्रिटे, पेरू और ओमान के साथ मुक्त व्यापार समझौती की बातचीत को भी यथा शीघ्र सम्पन्न कराने की अवश्यकता है।

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