Exclusive- लोगों को लगता है कि यह सरकार हमारी अपनी है – भूपेश बघेल

मुलाकात

Exclusive- प्रधान संपाक सुभाष मिश्र की सीएम भूपेश बघेल के चार साल पूरे होने पर खास मुलाकात

जनधारा समाचार
रायपुर। छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के चार साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार की चुनौतियों और आने वाली राजनीति के संबंध में जनधारा मल्टीमीडिया ग्रुप से खुलकर बात की। सीएम भूपेश ने कहा कि भेंट-मुलाकात में हर विधानसभा में जनता का सीधा फीडबैक मैं खुद ले रहा हूं। उनके चहकते चेहरे बता रहे हैं कि जनता हमारी सरकार के 4 साल के काम से बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों को लगता है कि यह सरकार हमारी अपनी सरकार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना का जो पैसा केंद्र के पास है वह असल में राज्य के कर्मचारियों का है। उसे हम लेकर रहेंगे। सीएम ने कहा कि अब पूरे देश में छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा है। हमने जनता को पैसा दिया वह बाजार में खर्च हुआ।
सीएम भूपेश बघेल से जनधारा मल्टीमीडिया ग्रुप के प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की खास मुलाकात के कुछ अंश-

प्रश्न : पिछले चार साल में ऐसा कोई क्षण आया जो आपको बेहद ही आत्मीय लगा हो ?

उत्तर : सीएम भूपेश ने कहा हम लोग गए थे शेरगांव, वहां एक आदिवासी है, जिसका जन्म 15 अगस्त 1947 को हुआ था। वह बहुत देर से माइक मांग रहा था। माइक उस तक पहुंचा। वो बोला आपकी जो योजना है न वो बहुत अच्छी है और मैं इसका पूरा लाभ ले रहा हूं। पहले मेरी जमीन खाली पड़ी थी। उसमें खेती नहीं होती थी। मेरे पास कर्ज भी था जो माफ हुआ। खेती से जो लाभ हुआ उससे और भी जमीन ले लिया हूं। पहला आदिवासी है जो जमीन खरीदकर खेती कर रहा है। उसने कहा कि मैं धान से लाभ कमाने के साथ ही गोधन न्याय योजना का लाभ ले रहा हूं। उसने मांग की कि बस बांध निर्माण को स्वीकृत कर दीजिए। जिस पर मैंने बोला कि इससे लिए पहले से 40 लाख रुपये स्वीकृत हो चुका है। वो बोला मैं भी हैलीकॉप्टर से चलूंगा। जिसके बाद हम उसे हेलीकॉप्टर से रायपुर लाए। वो शख्स मुझे कका बोल रहा था। मैंने कहा कि मैं तो आपसे बहुत छोटा हूं। जिस पर उसने कहा कि उससे क्या होता है। आप कका जैसे काम तो कर रहे हैं। जैसे कका भतीजे के लिए काम करते हैं वैसे ही आपने छत्तीसगढ़ की जनता के लिए किया है।

प्रश्न : मैं देखता हूं कि जैसे मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री मामा की छबि बनाते हैं। अगर मैं बतौर पत्रकार देखूं तो बहुत बार वो बनावटी लगती है। आपने छत्तीसगढ़ी अस्मिता को लेकर जिस तरह से काम किया। सीएम हाउस में बहुत सारे लोग घुसने की सोच नहीं सकते थे, लेकिन तीजा-पोरा जैसे त्योहारों में जिस तरह से महिलाएं बड़ी आसानी से सीएम हाउस में इंटर कर जाती हैं तो यह बात आपको कहां से सूझी ?

उत्तर : सीएम भूपेश ने कहा मुख्यमंत्री निवास प्रदेश के लोगों का है। यहां हर वो कार्यक्रम होना चाहिए जो लोगों से जुड़ा हुआ है। तो उस तरह से चाहे वह दीपावली का कार्यक्रम हो, गोवर्धन दिवस का कार्यक्रम हो, विश्व आदिवासी दिवस का कार्यक्रम हो, वो सारे आयोजन हम यहां पर करते हैं। लोग बढ़ चढ़कर इसमें हिस्सा भी लेते हैं। तो एक अपनापन महसूस होता है। लोगों को लगता है कि यह सरकार हमारी अपनी सरकार है।

प्रश्न : मैं दो सरपंचों से बात कर रहा था। मैंने उनसे ऐसे ही पूछा कि यार भूपेश बघेल में ऐसा क्या खास है। अरपा पैरी के धार को राज्यगीत बनाने की सोच आपने कहां से आई ?

उत्तर : सीएम भूपेश ने कहा इसके लिए आपको छत्तीसगढ़ की अस्मिता से जोड़कर देखना होगा। इसे बढ़ाने के लिए आपको कई काम करने होंगे। इसके लिए आपको उन महापुरुषों को भी याद करना होगा। जिन्होंने इस गौरव के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन लोगों को भी जोडऩा पड़ेगा जिन्होंने साहित्य की रचना की। गीत और संगीत लिखा। लोकपर्व और लोगों की भागवाओं के अनुरूप काम करना होगा।

प्रश्न : बहुत सारे गुमनाम हीरोज को आप आगे ला रहे हैं। इसके साथ ही आपने न्याय में बहुत जोर दिया है। आपकी ज्यादातर योजनाओं में न्याय है। इसके साथ ही आप छत्तीसगढ़ मॉडल को किस तरह से देखते हैं ?

उत्तर : सीएम भूपेश ने कहा छत्तीसगढ़ के लोग महात्मा गांधी को खूब मानते हैं। यहां ग्राम स्वराज और स्वबलंबन की बात होती है। चुनाव से पहले आपने देखा होगा कि राहुल गांधी जी न्याय योजना लेकर आए थे। लोगों को न्याय मिलना चाहिए। कांग्रेस के महात्मा गांधी की, राहुल गांधी की, जो बात है कि आम आदमी के जेब में पैसा जाना चाहिए। यदि मनमोहन सिंह की सरकार को भी आप देखेंगे तो उसमें भोजन, शिक्षा और रोजगार का अधिकार है। मनरेगा गरीबों को रोजगार देने के लिए शुरू हुआ। हमारी अपनी सीमा है। छत्तीसगढ़ की अपनी अर्थ व्यवस्था है, लेकिन इसमें किसानों पर फोकस किया गया। 26 लाख किसानों को हमने लाभ दिया। गोधन न्याय योजना पशुपालकों के लिए हैं। इसी तरह से श्रमिक न्याय योजना मजदूरों के लिए है। जो हमारे आदिवासी हैं उन्हें रोजगार मिल रहा है। यह मेहनत करने वालों के लिए न्याय है।

प्रश्न : आपने कर्मचारियों का भी ध्यान रखा और आपने पुरानी पेंशन बहाल की, आप हिमाचल में गए, वहां आपने पुरानी पेंशन की बात की, आप हिमाचल जीतकर आए, आप भानुप्रतापपुर जीते हैं। कर्मचारियों को भरोसा दिया कि हम पुरानी पेंशन लागू करेंगे पर अभी केंद्र कह रहा है कि हम पैसा नहीं देंगे तो आप इसका क्या तरीका निकालेंगे ?

उत्तर : सीएम भूपेश ने कहा मूल बात यह है कि पैसा कर्मचारियों का है। न राज्य है और न केंद्र का है। अंशदान जरूर राज्य का है। भारत सरकार का तो कुछ भी नहीं है। यदी है तो पैसा राज्य का है और कर्मचारियों का है। अब उसे लेना किस प्रकार है। इधर अड़ंगा लगा रहे हैं। मैंने अफसरों से कहा कि कर्मचारी संगठनों से बात करें और अफसरों की ओर से जो सुझाव आए तो कर्मचारी और राज्य सरकार मिलकर उसका हल निकालें जरूर सफलता मिलेगी।

प्रश्न : अजय चंद्राकर ने गलती से कहा या फिर अवचेतन में था उनके कि उन्होंने रामविचार नेताम को कहा कि अगले मुख्यमंत्री होंगे। दूसरा सवाल यह है कि आदिवासी आरक्षण विधेयक राजभवन में अटका है। इस बारे में आपका क्या कहना है ?

उत्तर : सीएम भूपेश ने कहा अजय चंद्राकर बीजेपी प्रवक्ता हैं। इस वजह से इसे झुठला भी नहीं सकते। दूसरी बात वो कुछ भी बोलते रहते हैं इस वजह से इस बात पर भरोसा भी नहीं कर सकते। वो तो पार्टी तय करेगी की सीएम कौन होगा। दूसरी बात यह है कि राज्यपाल ने कहा कि एक मिनट में मैं दस्तखत कर दूंगी। उन्होंने विशेष सत्र बुलाने को कहा था, लेकिन अभी तक उन्होंने दस्तखत नहीं किया है।

प्रश्न : भेंट मुलाकात कार्यक्रम में आपको अच्छा खासा रिस्पॉन्स मिल रहा है। यह सूबे की जनता में लोकप्रिय भी है। तो क्या भेंट-मुलाकात के जरिए 2023 का एजेंडा सेट करने की कोशिश है।

उत्तर : सीएम भूपेश ने कहा यह तो राज्य सरकार की उपलब्धियां हैं। चुनाव के समय मतदाता के पास अलग से जाएंगे।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU