Diwali अस्थमा मरीजों के लिए चिंता का कारण दिवाली

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Diwali अस्थमा मरीजों के लिए चिंता का कारण दिवाली

Diwali  दिवाली का त्यौहार जहां सभी के लिए खुशियां लेकर आता हैं, वही अस्थमा मरीजों के लिए चिंता का कारण बनता हैं। अस्थमा एक फेफड़ों से जुड़ा रेस्पिरेटरी रोग है, जो न केवल हमारे श्वसन संबंधी स्वास्थ्य पर बल्कि दैनिक कार्यों को पूरा करने की हमारी क्षमता पर भी गहरा प्रभाव डालता है।

Diwali अस्थमा से पीडि़त लोगों में वायुमार्ग संकीर्ण हो जाता है और बहुत अधिक बलगम पैदा करता है। यह सांस लेने में कठिनाई, घरघराहट, खांसी जैसी तकलीफों को बढ़ाने का काम करता हैं। दिवाली के दौरान फटाखों से धुआं और प्रदूषण होता हैं जो अस्थमा रोगियों के लिए घातक साबित होता हैं। ऐसे में जरूरत होती हैं कुछ घरेलू उपायों को आजमाने की ताकि दिवाली के दौरान अस्थमा के मरीजों में उठने वाली परेशानियों से बचा जा सकें। तो आइये जानते हैं इन नुस्खों के बारे में…

शहद

Diwali सर्दी के मौसम में शहद का इस्तेमाल सर्दी-जुकाम के इलाज के लिए किया जा सकता है। इसका उपयोग गले में खराश को शांत करने और खांसी को रोकने के लिए किया जा सकता है। खांसी अस्थमा के लक्षणों को और खराब कर सकती है। सर्दी और दिवाली के दिनों में आपको सावधान रहना चाहिए कि सर्दी न लगे। गर्म चाय में शहद मिलाकर पीएं या फिर एक चम्मच रोज सुबह 2 या 3 तुलसी के पत्तों के साथ लें।

पिप्पली

श्वसन विकारों का इलाज करने के लिए आयुर्वेद में पिप्पली का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। यह ठंड और खाँसी से राहत देती है और क्रॉनिक अस्थमा की स्थिति में बहुत उपयोगी है। यह बंद छाती को खोलने में सहायक होती है और हिचकी को कम करती है। शहद के साथ एक चौथाई चम्मच पिप्पली पाउडर को दिन में दो बार लें। गर्भावस्था में, पिप्पली पाउडर को एक छोटी मात्रा में घी के साथ लिया जा सकता है। इसके अधिक सेवन से बचें क्योंकि यह गर्म होने के कारण पेट को परेशान कर सकती है।

अदरक

Diwali अगर आप जल्दबाजी में कोई रेमेडी तैयार करना चाहते हैं तो अदरक और हल्दी को मिक्स करके एक चाय भी बना सकते हैं और उसे गर्म गर्म पी जाएं। सबसे पहले थोड़े से अदरक को कस लें और उसे एक गिलास पानी के साथ उबाल लें। अब इसमें आधी चम्मच हल्दी पाउडर भी एड कर दें। अगर इसे रोजाना दिन में दो बार पिया जाए तो यह आयुर्वेदिक रेमेडी अस्थमा अटैक आने की संख्या बेहद कम कर सकती है।

लहसुन

Diwali अस्थमा का सफल उपचार करने के लिए आपको लहसुन का इस्तेमाल करना चाहिए। लहसुन अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक होता है। 30 मिली दूध में लहसुन की पाँच कलियाँ उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से अस्थमा का जड़ से इलाज होता है।

अडूसा

Diwali इस पौधे में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं जिस वजह से यह औषधीय पौधा अस्थमा से राहत दिला सकता है। यह वायुमार्ग और फेफड़ों की सूजन को कम करने में मदद करता है। अस्थमा में अडूसा के फायदे लेने के लिए 5-5 मिली अडूसा के पत्तों का रस शहद के साथ 2.5 मिली अदरक का रस मिलाकर सेवन करें।

दालचीनी और शहद

एक चम्मच शहद में एक चौथाई दालचीनी का टुकड़ा मिलाएं और इन दोनों को एक कप पानी के साथ उबलने के लिए रख दें। अब इसे 10 मिनट के लिए थोड़ा ठंडा होने के लिए छोड़ दें और उसके बाद शहद एड कर दें। शहद को एक चम्मच से ज्यादा न डालें। इस रेमेडी का सेवन रोजाना एक बार कर सकते हैं। अधिक लाभ पाने के लिए इसे दो बार भी पी सकते हैं।

कैफीन

कैफीन में थियोफिलाइन की कई समानताएं हैं। थियोफिलाइन एक ब्रोन्कोडायलेटर दवा है जिसका उपयोग अस्थमा के रोगियों के फेफड़ों में वायुमार्ग को खोलने के लिए किया जाता है। दवा के समान होने के कारण कैफीन एक अच्छा घरेलू उपचार हो सकता है जो आपके अस्थमा के लक्षणों को कम करने में आपकी मदद कर सकता है। कैफीन कॉफी, चाय, कोको और विभिन्न कोला पेय में पाया जा सकता है। गर्म पेय पदार्थ भी जकडऩ वाले वायुमार्ग को खोलने में मदद करते हैं।

हल्दी

हल्दी को मजबूत एंटी-एलर्जी गुणों के लिए जाना जाता है। हिस्टामाइन सूजन पैदा करने के लिए जाने जाते हैं। हल्दी हिस्टामाइन को प्रभावित करती है जो सूजन को रोक सकती है। यह अस्थमा के लक्षणों को दूर कर सकता है और अस्थमा के हमलों को रोकने में आपकी मदद कर सकता है। अपने भोजन को प्रतिदिन हल्दी के साथ पकाएं।

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