■ भ्रमित व निर्णय की जानकारी ही नही ■
सरायपाली :- जिला कांग्रेस कमेटी महासमुन्द के जिलाध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर द्वारा 5 फरवरी को जारी पत्र नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है । पत्र को सोशल मीडिया में खूब वायरल किया जा रहा है व चटखरो के साथ मजे भी ले रहे हैं । पत्र पूरी तरह आधी अधुरी व भ्रमित जानकारियों के साथ जारी कर दिया गया है । पत्र में टिप्पणी तो की गई है पर निष्कर्ष परिणाम व कारण का उल्लेख ही नही किया है । पत्र को पढ़ने के बाद संभवत यह आशय निकाला जा रहा है कि जिन 5 कांग्रेसजनों का उल्लेख किया गया है उन्हें पार्टी गतिविधियों में शामिल होने व पार्टी अनुशासन हीनता के कारण पार्टी से निष्कासित किया गया है । पर पत्र में कहीं भी निष्कासन किये जाने का उल्लेख नही किया गया है । वही जो व्यक्ति पूर्व में ही पार्टी से इस्तीफा दे चुका है उसके निष्कासन का कोई महत्व ही नही है । साथ ही एक प्रत्याशी ऐसे भी जो कांग्रेस पार्टी के सदस्य ही नही हैं उन्हें भी निष्काषित किया गया है । जिस तरह बसना में अध्यक्ष पद पर कथित तौर पर खेला किया गया इसी तरह का खेला सरायपाली में भी खेला किया गया है । बसना खेला में तो चर्चित नेताओ का नाम आ रहा है । ऐसा ही खेला वार्ड क्रमांक 13 में कांग्रेस प्रत्याशी के साथ हो गया । यह खेला स्वयं पार्टी प्रत्याशी द्वारा किया गया या भाजपा ने यह जांच होने पर पता चलेगा । कांग्रेस को नगरीय चुनाव में आशातीत सफलता मिलेगी यह संदिग्ध दिखाई दे रहा है । अध्यक्ष पद बना रहे इसके लिए भाजपा प्रत्याशी पूरी ऐड़ी चोटी लगाए हुवे है । अपने निजी स्वार्थ के चलते पार्टी लाईन के खिलाफ जाकर भी अपनी मनमानी करने का आरोप अनेक भाजपा जन लगा रहे हैं ।
इस संबंध में जिला कांग्रेस कमेटी महासमुन्द के जिलाध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर द्वारा जारी कथित निष्काषन में अनेक कमियां व त्रुटियां दिखाई दी है । विगत 5/2/25 को जारी इस पत्र में क्रमांक का उल्लेख नही किया गया है । इसमें 5 कांग्रेस जनों को अधिकृत कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ने व बगैर जनकारी व स्वीकृति के नाम वापस लिए जाने का आरोप लगाया गया है । सर्वप्रथम नगरपालिका के पूर्व सभापति व वार्ड क 8 के पार्षद रह चुके हरदीप सिंह रैना को कांग्रेस पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने के कारण पार्टी से निष्काषित किया गया है । ज्ञातव्य हो कि पार्टी से अध्यक्ष पद की दावेदारी व सामान्य महिला सीट के लिए आरक्षित सीट से सामान्य महिला को टिकिट न देकर पिछड़े वर्ग की महिला को टिकिट दिए जाने के खिलाफ बगावत करते हुवे अपनी पत्नी सुखविंदर सिंह रैना को मैदान में उतार दिए जाने के बाद कांग्रेस द्वारा उक्त कार्यवाही की गई । विदित हो कि हरदीपसिंह रैना द्वारा पार्टी से नाराज होने के कारण विगत 28/1/25 को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता व सभी पदों से इस्तीफा पहले ही दे चुके हैं उसके बाद भी पार्टी जब वे इस्तीफा दे चुके हैं तब पार्टी से निष्कासित किये जाना अदूरदर्शिता का परिणाम है ।
उसी तरह वार्ड क्रमांक 6 से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मो . जमील हुसैन ( बाबू भाई ) चुनावी मैदान में हैं । इसके पूर्व वे कांग्रेस व भाजपा दोनों में शामिल थे । किंतु दो बार पार्षद बने वह भी निर्दलीय के रूप में चुने गए थे । वर्तमान में वे किसी भी पार्टी के सदस्य ही नही है । ऐसे में कांग्रेस पार्टी से निष्काषित किस आधार पर किया गया ।
इसी तरह वार्ड क्रमांक 11 से पार्टी पदाधिकारी रह चुकी सरोजनी पाणिग्राही द्वारा कांग्रेस से पार्षद पद हेतु टिकिट की मांग की गई थी किंतु उन्हें टिकिट नही दिए जाने से नाराज होकर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ते हुवे वर्तमान में वार्ड क्रमांक 11 के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ रही हैं ।
वार्ड क्रमांक 13 से कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता शंभु चौहान को टिकिट दी गई थी उन्होंने नामांकन भी दाखिल किया पर नाम वापसी के दिन बगैर किसी के जानकारी व स्वीकृति के नाम वापस ले लिए जाने से भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध घोषित किये गये । उनके खिलाफ आरोप है कि वे पार्टी के अधिकृत पार्षद प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे हैं जबकि शंभु चौहान स्वयं पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी थे तो उनके खिलाफ अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने का आरोप ही नही लगता । इस वार्ड में सिर्फ 2 ही प्रत्याशी भाजपा से गंगाराम पटेल व कांग्रेस से शंभु चौहान के बीच सीधी टक्कर थी ।
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बताया जा रहा है कि शंभु चौहान को अचानक चुनाव लड़ने के लिए अंतिम दिन चुना गया व नामांकन भरवाया गया । उस वार्ड पर कोई प्रत्याशी कांग्रेस को नही मिल रहा था इसलिए शंभु को उतार दिया गया कि सीट खाली न जाये । पर अचानक नाम वापस शंभु चौहान द्वारा ले लिए जाने से यहां कांग्रेस की काफी बेइज्जती हुई । इसी के कारण बगैर कोई ठोस कारण जाने व बताये हड़बड़ी में शंभु चौहान पर गलत आधार पर कार्यवाही कर दी गई । चर्चा है कि यहां भाजपा ने कांग्रेस के साथ बड़ा खेल कर दिया । शम्भू चौहान की आर्थिक स्थिति चुनाव लड़ने के लायक नही थी शायद भाजपा ने इसी कमजोरी का फायदा उठा लिया ।
उसी तरह आफताब हुसैन को निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार किये जाने का आरोप लगाया गया है । पर पत्र में किस निर्दलीय वार्ड प्रत्याशी के समर्थन में चुनाव प्रचार किया जा रहा है इसका कहीं भी उल्लेख नही है ।
जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा कथित तौर पर जारी पत्र में जिन 5 कांग्रेसजनों के खिलाफ कार्यवाही की जानकारी तो दी गई है पर क्या कार्यवाही की गई इसका कहीं भी उल्लेख नही है । पर सभी आरोपी यही मानकर चल रहे हैं कि यह पार्टी से निष्कासित किये जाने का पत्र है । पत्र में न निष्काषन का उल्लेख है और न ही वर्षो का उल्लेख किया गया है । पत्र में एक और लिपिकीय त्रुटि भी है प्रतिलिपि में प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के स्थान पर दीपक बैस प्रिंट हो गया है ।
पत्र को पढ़ने के बाद ऐसा लगता है कि भाजपा द्वारा जिस तरह बागी 9 प्रत्यशियों के खिलाफ 6 वर्षो के लिए निष्कासन की कार्यवाही की गई है उसी को आधार बनाये हुवे हम भी पीछे क्यों रहे कि सोच के साथ आनन फानन में बगैर किसी जांच व वास्तविकता के बागियों के खिलाफ पत्र जारी कर दिया गया जो अब चर्चा का विषय बन गया है ।