Dhamtari Braking : धमतरी निजी स्कूलों संघ द्वारा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी

Dhamtari Braking :

पवन तिवारी

 

Dhamtari Braking 50000 से अधिक छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकार में

दस करोड़ रुपये से भी ज्यादा लेना है बाकी

Dhamtari Braking धमतरी / धमतरी जिला निजी स्कूलों की 240 विद्यालय संचालित हो रही है।नि जी स्कूलों संघ द्वारा आत्मानंद स्कूल मे राज्य सरकार द्वारा के निजी स्कूलों साथ भेदभाव कर रही हैं । आरोप लगाते हुए आत्मानंद स्कलों चलते निजी स्कूलों को अनदेखा कर दिया जाता है !

Dhamtari Braking संघ द्वारा प्रेसवार्ता लेकर निजी स्कूलों के लिए सरकार द्वारा भेदभाव किया जा रहा है निजी स्कूल संघ उनके ऊपर प्रशासनिक प्रताडना का आरोप लगाते हुए ।अपनी 16 बिन्दु मागों पर सरकार अगर जल्द कोई फैसला नहीं करती है तो निजी स्कूल के संचालक द्वारा सामूहिक आन्दोलन करने बाध्य होगी। अध्यक्ष विनोद पाण्डे के द्वारा प्रेस वार्ता लेकर ये जानकारी साझा किया।
उन्होंने बताया कि आर.टी.ई.(हर बच्चे को कक्षा 1 से लेकर आठवीं तक सरकारी और साथ ही प्राइवेट स्कूल में भी मुफ्त शिक्षा पाने का अधिकार है। ) प्रतिपूर्ति राशि आज पर्यन्त अप्राप्त है। दिनों दिन महगांई बढती चले जा रही है लेकिन आर.टी.ई. के तहत दिये जाने वाली प्रतिपूर्ति राशि 12साल पूर्व में जो निर्धारण किया गया था। उसी दर पर ही आज तक जारी है। बच्चों के लिए यूनिफार्म 541/रु ही प्रदान करते हैं।उक्त राशि यूनिफार्म बनाना संभव नहीं है।

 

सरकार द्वारा संचालित शासकीय स्कूल में द्वितीय चरण लॉटरी के बाद स्थिति में निजी विद्यालय को पूर्ण अधिकार हो कि पात्र विद्यार्थी को प्रवेश दे सके। निजी विद्यालय के बच्चों को सरकार द्वारा संचालित सरस्वती योजना मे दी जाने वाली लाभ निजी विद्यालय में दी जाये। छात्र छात्राओं पर सरकार द्वारा भेदभाव करते हुए। तृतीय श्रेणी आये विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं मिलता ये गौर करने वाली बात है । 1 से लेकर चौथी मे उतीर्ण बच्चों को आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाता। सरकारी स्कूल के हिन्दी माध्यम से आये बच्चों प्रवेश नहीं दिया जाता है। आगे चर्चा में उन्होंने बताया कि ।

आर.टी.ई. तहत दिये जाने वाली प्रतिपूर्ति राशि 2021/2022 आधे से भी कम निजी स्कूलों राशि प्राप्त हुई हैं । उसके बाद से अभी तक कोई राशि प्राप्त नहीं हुई। जो राशि आबाटन की गई है वो भी पूरे स्कूल को नहीं दी गई है। अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ प्रदेश व्यापी आंदोलन करने सामने आ रहे। उक्त हडताल से धमतरी जिले के ही 50000 लगभग छात्र छात्राओं का पढाई असर पढेगा !

 

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अध्यक्ष ने अपनी मागों को लेकर सरकार को समय समय पर अवगत कराया पर सरकार उनकी मांग को नजरअंदाज किया गया। और ना ही चर्चा के लिए समय दिया गया । मजबूर हो कर हमारे द्वारा प्रदेश के निजी स्कूलों के संचालक मंडल आंदोलन करने के लिए बाध्य हुई है।
निजी स्कूल संघ ने 16बिन्दु पर प्रकाश डाला गया ।आज निजी स्कूलों को बंद होने के कगार आ चुका है ज्ञात हो कि जिसमें लगभग 50000 से अधिक छात्र छात्रा अध्ययन रत है ।जिनका भविष्य खतरे में नजर आ रहा है।

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