(Dantewada Shaktipeeth) दंतेवाड़ा शक्तिपीठ से निकली वनवासियों की पदयात्रा चौथे दिन जगदलपुर पहुंची

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(Dantewada Shaktipeeth) दंतेवाड़ा शक्तिपीठ से निकली वनवासियों की पदयात्रा

(Dantewada Shaktipeeth) जगदलपुर। छग सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग के नेतृत्व में दंतेवाड़ा शक्तिपीठ से निकली वनवासियों की पदयात्रा चौथे दिन गुरूवार को जगदलपुर पहुंची।

पदयात्रा में शामिल लोगों ने कहा कि विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने के बाद राज्यपाल के पास भेजा गया है लेकिन फाईल रोक कर हस्ताक्षर नहीं कर रही है, जिससे आदिवासी समाज में नाराजगी है। 30 जनवरी को दंतेवाड़ा से निकली पदयात्रा में दक्षिण बस्तर के तीन जिले दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा के अनेक आदिवासी नेता शामिल हैं।

(Dantewada Shaktipeeth)  अब बस्तर जिले के आदिवासी भी कल 3 फरवरी को रायपुर के लिए रवाना होने वाली पदयात्रा में शामिल हो जाएंगे। प्रदेश अध्यक्ष कुंदन सिंह ठाकुर, प्रदेश उपाध्यक्ष बेकोहुंगा, जनपद सदस्य जगरा बेंजाम, राजकुमार तामो ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि आदिवासी समाज की एक ही मांग है 32 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए जो पहले प्राप्त होता था।

लंबे समय तक रायपुर में धरना के बाद राजभवन से बातचीत के लिए बुलावा आया लेकिन राज्यपाल के अस्वस्थ होने के कारण भेंट मुलाकात नहीं हो सकी और हमारी मांग नहीं सुनी गई। इसलिए अब 14 दिन में 385 किमी की पदयात्रा कर बस्तर संभाग के अनेक आदिवासी समाज राज्यपाल से मिलकर गुहार लगाएंगे कि वे फाईल पर हस्ताक्षर करें और वापस भेज दें।

(Dantewada Shaktipeeth)   आदिवासी नेताओं ने कहा कि यह पदयात्रा पूरी तरह सामाजिक लोगों की है। हमने साफतौर पर राजनीतिक लोगों से कह दिया है कि वे हमारी पदयात्रा में आकर इसे राजनीतिक रंग न दें।

राजभवन रायपुर के लिए निकली पदयात्रा के वाहन में जो पोस्टर लगा है उसमें 3 मांगों का उल्लेख है। पहला 32 प्रतिशत आरक्षण, दूसरा बस्तर संभाग में जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू करने और तीसरा नगरनार स्टील प्लांट निजीकरण का फैसला वापस लेने की मांग शामिल है।

चर्चा के दौरान आदिवासी समाज के युवाओं ने कहा कि राज्यपाल खुद आदिवासी वर्ग से है इसलिए उन्हें विधानसभा के फैसले का सम्मान करते हुए आदिवासी हित में तत्काल हस्ताक्षर कर देना चाहिए। आज उनके प्रति आदिवासी युवाओं में नाराजगी है।

(Dantewada Shaktipeeth)   संवैधानिक प्रमुख होने के नाते उन्हें बस्तर ही नहीं बल्कि संपूर्ण छत्तीसगढ़ के आदिवासी वर्ग के कल्याण और उत्थान के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए। पदयात्रा में चल रहे लोग दोपहर को शहर पहुंचे उनका स्वागत आदिवासी पार्षद सुशीला बघेल, दयाराम कश्यप, नेहा धु्रव, सुखराम नाग, यशवंत धु्रव समेत कांग्रेस के युवा नेता हेमंत धु्रव ने किया। वहीं उनका हौसला बढ़ाते रायपुर तक की पदयात्रा में पूरे समाज का समर्थन मिलने की बात कही गई।

पदयात्रियों को नगर निगम के टाउन हॉल में ठहराया गया है। रैली में शामिल आदिवासी नेता बलदेव मंडावी, प्रकाश बैंको, जी.बदरैया ने कहा कि पदयात्रा में शामिल होने वाले ग्रामीण कुछ किमी चलकर वापस अपने घर लौट रहे हैं और आगे बढ़ते काफिले में अन्य गांव के लोग शामिल हो रहे हैं। इसलिए पदयात्रा में बहुत बड़ी संख्या नहीं है लेकिन सभी गांव और सभी जिले के सर्व आदिवासी समाज का भरपूर समर्थन मिल रहा है।

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