Dantewada latest update बिना जांच बना रहे फिटनेस प्रमाण पत्र, बदले में मनमानी वसूली!
Dantewada latest update दंतेवाड़ा । जिले के वाहन फिटनेस परिवहन कार्यालय दंतेवाड़ा में नियमों का पालन नहीं हो रहा है। बिना पूरी जांच के ही फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं, क्योंकि परिवहन विभाग ने इंजीनियर का काम टैबलेट से किया जा रहा है। टैबलेट के कैमरे से वाहन का फोटो खींचकर सर्वर में अपलोड किया जा रहा है।
उसके बाद आरटीओ में दलालों द्वारा मनमाने रुपये लेकर वाहन चालक को फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जा रहा है। वाहन को सर्टिफिकेट जारी करने से पहले न उसे चला कर देखा जा रहा कि यह सड़कों पर दौड़ने लायक है या नहीं।
Dantewada latest update स्टेयरिंग की स्थिति क्या है, इंजन किस हालत में है। वाहन के ब्रेक काम कर रहे हैं या नहीं। इस व्यवस्था के चलते सड़कों पर अनफिट वाहन दौड़ रहे हैं।
बिना वाहन को देखे वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट देने वाले फिटनेस की जांच का जिम्मेदारी परिवहन विभाग के पास ही है, लेकिन विभाग खानापूर्ति कर वाहनों को सत्यापन कर रहा है।
बता दें कि कामर्शियल वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होता है। जब नई गाड़ी खरीदी जाती है तो उसे दो साल तक फिटनेस से छूट रहती है। दो साल के बाद उसे फिटनेस लेनी होती है। हर दो साल में फिटनेस सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है।
Dantewada latest update फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के पीछे उद्देश्य है कि सड़कों पर ऐसे वाहन न चलें, जो लोगों को लिए खतरनाक हो। वाहन मालिक में ऐसा कोई बदलाव तो नहीं कर दिया, जिससे दूसरों के लिए खतरा पैदा होता हो।
कमर्शियल वाहनों को यह सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है। जैसे कि बस, ट्रक, टैक्सी, लोडिंग, आटो सहित अन्य कमर्शियल वाहनों को यह सर्टिफिकेट लेना होता है।
Dantewada latest update वैसे नियमानुसार आरटीओ के बाबू के द्वारा वाहनों की जांच करने के बाद फिटनेस सर्टिफिकेट जारी होता है, लेकिन बाबू वाहनों की जांच न करते हुए कटर (निजी कर्मचारी) से कराते हैं। वहीं कटर सर्टिफिकेट बनाने के नाम पर वाहन संचालक ने मनमाने रुपये वसूलते हैं।
ऐसे दिए जा रहे सर्टिफिकेट: परिवहन विभाग में फिटनेस का आनलाइन टैक्स जमा किया जाता है। इसके बाद फिटनेस की तारीख दी जाती है। टैक्स जमा होने के बाद वाहन प्रदेश में कहीं भी फिटनेस सेंटर जाकर सर्टिफिकेट ले सकता है।
वाहन कैमरों के बीच में खड़ा हो जाता है। आगे-पीछे से गाड़ी के फोटो खींच लिए जाते हैं। फोटो खिंचने के बाद उसे सर्टिफिकेट दे दिया जाता है। फोटो खींचने का कार्य सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के पास है।
यह होनी चाहिए व्यवस्था: यदि कोई गाड़ी फिटनेस सर्टिफिकेट लेने आती है, तो सबसे पहले मोटर व्हीकल सब इंस्पेक्टर (एमवीएसआइ) गाड़ी चलाकर देखता है। उसके ब्रेक, इंजन चैक करता है।
Dantewada latest update गाड़ी कितना धुंआ छोड़ रही है। गाड़ी की बाडी मानकों के अनुसार बनाई गई है। वाहन कितने साल पुराना है। इंस्पेक्टर को गाड़ी अनफिट लगती है तो उसे सर्टिफिकेट नहीं दिया जाता है।
प्रदेश में कहीं भी ऐसी व्यवस्था नहीं है। एमवीएसआइ के पद खाली पड़े है। वर्तमान में विभाग में एक भी एमवीएसआइ नहीं !