Dantewada Agricultural Science Center : जैविक खेती पर छः दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ आयोजन

Dantewada Agricultural Science Center :

Dantewada Agricultural Science Center :  कृषि विज्ञान केन्द्र दन्तेवाड़ा में ग्रामीण युवाओं को कौशल विकास अंतर्गत जैविक खेती पर छः दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ आयोजन

 

दंतेवाड़ा । कृषि विज्ञान केन्द्र, दन्तेवाड़ा में ग्रामीण युवाओं का जैविक खेती विषय पर कौशल विकास हेतु छः दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन दिनांक 06 अक्टूबर 2023 से 12 अक्टूबर 2023 तक केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डिप्रोशन बंजारा के मार्गदर्शन में किया गया। उक्त प्रशिक्षण में ग्राम जावंगा के 15 प्रशिक्षार्थियों ने सफलतापूर्वक भाग लिया। इस प्रशिक्षण में डिप्रोशन बंजारा, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख द्वारा जिले के वर्तमान जैविक स्थिति, जैविक खेती का परिचय जिसमें महत्व तथा फायदे के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। उन्होंने कहा कि किसानों के घरों में उपलब्ध गाय के गोबर, गौमूत्र का उपयोग कर जैविक खेती हेतु जैविक खाद जैसे जीवामृत, जीवामृत, घनजीवामृत, गोबर खाद, कम्पोस्ट व वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण कर जैविक खेती आसानी से किया जा सकता है। साथ ही साथ उन्होने फसल सुरक्षा हेतु जैविक कीटनाशक निमास्त्र, ब्रम्हास्त्र, हांडी दवा आदि के निर्माण व उचित उपयोग करने की जानकारी दी।

इसी तारतम्य में केन्द्र के वैज्ञानिक अनिल कुमार ठाकुर द्वारा प्रशिक्षार्थियों को जैविक खेती हेतु उपयुक्त मौसम अनुरूप फसलों का चयन, मौसम आधारित खेती जैसे कीटों व बीमारी हेतु अनुकूल वातावरण की स्थिति में कीट प्रकोप व फसल रोग होने से पहले जैविक दवा तैयार कर समय पर उचित उपयोग करने से होने वाले फसल नुकसान को कम करने के तरीकों से अवगत कराया गया। इसके अलावा उनके द्वारा केन्द्र से मौसम पूर्वानुमान व महत्व तथा अपने खेतों कुछ न कुछ फसल लगाने एवं खेतों खाली न छोड़ने की सलाह भी दी गई।

केन्द्र के विषय वस्तु विशेषज्ञ, ए.पी. एण्ड एफ.ई. इंजी. प्रवीण कुमार निषाद के द्वारा प्रशिक्षार्थियों को टपक सिंचाई तकनीक, कार्यक्रम सहायक (पौध रोग विज्ञान), कु. वंदना चडार एवं वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता (चिराग), डॉ. अंजुलता सुमन पात्रे के द्वारा जैविक खेती अंतर्गत अपने बाडियों में सब्जी उत्पादन की तकनीक के विषय में जानकारी दी गई। साथ ही साथ प्रशिक्षार्थियों को केन्द्र पर स्थापित इकाइयों का भ्रमण भी कराया गया।

जिसमें जिले के प्रगतिशील कृषक श्री जयलाल यादव, ग्राम हीरानार का जैविक प्रक्षेत्र भी शामिल था। इस दौरान जयलाल जी द्वारा प्रशिक्षार्थियों को जीवामृत बनाने की विधि व उसके उपयोग के बारे में बताते हुए कहा कि कृषक अपने फसल की वर्तमान स्थिति व जैविक खेती अपनाकर वर्ष में तीन फसल आसानी से कर लाभ कमा सकते है। उन्होने हर कृषक को जैविक खेती करने हेतु कम से कम एक गाय घर में रखने की बात कही।

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प्रशिक्षण अंतर्गत प्रशिक्षार्थियों को जैविक खेती सिखाने व प्रोत्साहित करने हेतु विडियो प्रदर्शन का संचालन तथा तकनीकी सहयोग सुरेन्द्र कुमार पोडयाम (कार्यक्रम सहायक, कम्प्यूटर) एवं लेखेश कुमार श्रीवास्तव (सहायक वर्ग-1) द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण के अंत में ग्रामीण युवाओं को कौशल विकास अंतर्गत जैविक खेती प्रशिक्षण हेतु प्रशस्ति पत्र भी दिए गए।

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