Congress Lok Sabha elections संविधान की भावना के खिलाफ ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ की सोच  : कांग्रेस

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Congress Lok Sabha elections संविधान की भावना के खिलाफ ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ की सोच  : कांग्रेस

Congress Lok Sabha elections नयी दिल्ली !  कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव से पहले शुक्रवार को साफ कर दिया कि वह ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के खिलाफ है और भारत जैसे विशाल देश में इसकी कोई जरूरत नहीं है तथा उनकी पार्टी इसका पुरजोर विरोध करती है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज इस मुद्दे पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित समिति को पत्र लिखकर कहा कि ‘एक चुनाव एक राष्ट्र’ की व्यवस्था की देश कोई कोई जरूरत नहीं है और यह सोच हमारे संविधान के खिलाफ है।

उन्होंने कहा,“ यह विचार ही मूल रूप से भारतीय संविधान की व्यवस्था के विरुद्ध है। भारत जैसे एक मजबूत लोकतंत्र में इस तरह का विचार आना ही गलत है क्योंकि हमारे यहां सभी चुनाव एक साथ नहीं कराए जा सकते हैं।” उन्होंने समिति के अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वह देश की संवैधानिक व्यवस्था को नष्ट करने वाली समिति के अध्यक्ष के तौर पर तथा पूर्व राष्ट्रपति के पद की गरिमा का दुरुपयोग न होनें दें।

Congress Lok Sabha elections  कांग्रेस नेता ने मामले में गठित उच्च स्तरीय समिति के सचिव नीतेन चंद्र को भेजे पत्र में कहा है कि इस संबंध में समिति का गठन ही संघीय ढांचे के विरुद्ध है। इस तरह का प्रारूप संविधान की संघवाद की गारंटी वाली व्यवस्था के खिलाफ है। उन्होंने इस विचार को संविधान की मूल संरचना के खिलाफ करार दिया और कहा कि यदि एक साथ चुनाव की व्यवस्था लागू करनी है तो संविधान की मूल संरचना में पर्याप्त बदलाव की जरूरत होगी।

श्री खड़गे ने समिति के अध्यक्ष तथा पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के गत 18 अक्तूबर के पत्र के जवाब में पार्टी का रुख साफ करते हुए समिति को भेजे पत्र में उनसे मांगे गये सुझाव के मद्देनजर 17 बिंदुओं में अपने सुझाव भी दिए हैं। उनका कहना था सरकार ने शुरु से ही इस मुद्दे पर ईमानदारी नहीं बरती और इस मामले में समिति का गठन करके संविधान की मूल संरचना के खिलाफ काम किया है।

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Congress Lok Sabha elections  उन्होंने कोविंद से भी अनुरोध करते हुए कहा कि कांग्रेस ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विचार का कड़ा विरोध करके और इसके लिए बनी समिति को भंग करने की मांग करती है। समिति के अध्यक्ष तथा पूर्व राष्ट्रपति से अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि वह विनम्रतापूर्वक आग्रह करते हैं कि केंद्र द्वारा उनके व्यक्तित्व और पूर्व राष्ट्रपति के कार्यालय का संविधान तथा संसदीय लोकतंत्र को नष्ट करने के लिए दुरुपयोग न करने दें।

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