Committee in Bihar बिहार में समन्वय समिति की जरूरत

Committee in Bihar

Committee in Bihar बिहार में समन्वय समिति की जरूरत

Committee in Bihar बिहार सरकार को सात पार्टियों का समर्थन है। हालांकि सरकार में सिर्फ चार ही पार्टियां शामिल हैं लेकिन कुल सात पार्टियों का गठबंधन सरकार में है। तीन कम्युनिस्ट पार्टियों- सीपीआई, सीपीएम और सीपीआईएमएल ने सरकार को बाहर से समर्थन दिया है, जबकि जदयू, राजद, कांग्रेस और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा सरकार में शामिल हैं।

Committee in Bihar बिहार जैसे राजनीतिक रूप से जागरूक राज्य में सात पार्टियों का गठबंधन चलाना आसान नहीं होता है। लेकिन चूंकि जदयू और राजद, इन दो पार्टियों की संख्या भी बहुमत से ज्यादा हो जाती है इसलिए कोई भी पार्टी दबाव डालने की स्थिति में नहीं है।

फिर भी पिछले कुछ दिनों से इस बात की चर्चा हो रही है कि एक समन्वय समिति बनाई जाए, जो गठबंधन और सरकार के संचालन में मदद करे। यह मांग खासतौर से तीन कम्युनिस्ट पार्टियों की ओर से है, जो सरकार का हिस्सा नहीं हैं।

उनको लग रहा है कि समन्वय समिति के जरिए वे सरकार के कामकाज पर नजर रख पाएंगे और अपने एजेंडे के हिसाब से कुछ फैसला करा पाएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी समन्वय समिति की जरूरत बताई है।

असल में इन पांच छोटी पार्टियों के नेताओं में यह मैसेज है कि सरकार जदयू और राजद की है। इन्हीं दोनों बड़ी पार्टियों के हिसाब से सारे काम हो रहे हैं। यह बात काफी हद तक सही है। तभी यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कोई समन्वय समिति बनाने के लिए तैयार होते हैं या नहीं।

 

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