( Climate change) वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का एक दिवसीय कार्यशाला

( Climate change)

( Climate change) वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का एक दिवसीय कार्यशाला

( Climate change) चारामा !   वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अर्न्तगत वन परिक्षेत्र चारामा के द्वारा तेंदूपत्ता शाखा का एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन परिक्षेत्र परिसर मे 23 फरवरी को किया गया।

कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि नवली मीना मंडावी जिला पंचायत सदस्य, विशेष अतिथि पुरी समिति उपाध्यक्ष सुरजा तेता, ग्राम रामपुर सरपंच समुन्द दर्रो, चारामा प्राथमिक समिति अध्यक्ष कृष्ण कुमार, अध्यक्ष लेवा समिति सदाराम नाग एवं सभी प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति के समस्त पोषक अधिकारी, प्रबंधक एवं फंड मुशी सहित वन कर्मचारी उपस्थित रहे।

( Climate change) इस कार्यशाला मे वन परिक्षेत्र अधिकारी टी आर सिन्हा, उपपरिक्षेत्र अधिकारी विजय सिन्हा ने उपस्थित प्रबंधक एव फड मुशी को शाखा कर्तन के बारे मे बताते हुए कहा कि 15 फरवरी से 15 मार्च तक तेन्दु पत्ता का शाखा का कर्तन करना है। जिसके लिए गाँव गाँव मे पोषक अधिकारी प्रबंधक एंव फड मुशी गाँव के सरपंच एवं ग्रामीणो से सहयोग लेकर शाखा कर्तन का कार्य कराये, ग्रामीणो को शाखा कर्तन की महत्ता बताये क्योकि अगर इस समय शाखा कर्तन नही किया जायेगा तो अच्छी क्वालिटी का तेन्दु पत्ता की उपज नई हो पायेगी।

( Climate change) जिससे नुकसान उन ग्रामीणो का ही है जो तेन्दुपत्ता की तोडाई का कार्य कर इससे लाभ अर्जित करते है। वही अप्रैल के आखिरी सप्ताह से लेकर जुन के पहले सप्ताह तक खड़ा पत्ता एवं उच्च क्वालिटी का पत्ता तोडे। ग्रामीणो को तेन्दु पत्ता संग्रहण के लाभ बताये ताकि वे अधिक से अधिक संख्या मे शाखा कर्तन और पत्ता की तोडाई मे शामिल हो। क्योकि शासन की ओर से तेन्दु पत्ता तोडने वाले प्रत्येक परिवार को बीमा, उनके बच्चो को पढने हेतु छात्रवृत्ति सहित अन्य योजनाओ और सुविधाओ का लान देती है।

ग्रामीण एवं उनका परिवार जितना अधिक पत्ता तोडेगा, जितना अधिक पत्ते का संग्रहण करेगा उसे उतना अधिक लाभ डागा शाखा कर्तन का कार्य ग्रामीण प्रतिदिन दो से तीन घंटे करके भी कर सकते है। वही वन विभाग ने ग्रामीणों से गमी मे जंगलो मे लगने वाले आग से वनो की रक्षा करने एवं कही पर भी आग लगी हुई दिखाई देने पर तत्काल वन विभाग को सुचना देने की अपील की।

वही कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नवली मीना मंडावी ने अपने सम्बोधन मे कहॉ कि बस्तर का यह सौभाग्य है कि तेन्दु पत्ता जैसा हरा सोना सहित अन्य वनोपज चार, तेन्दु, महुआ, गर्मी के समय मे ग्रामीणो को आसानी से उपलब्ध हो जाते है। जो उनके लिए उनकी अतिरिक्त आर्थिक स्त्रोत का माध्यम भी है।

यह हमारी वन सम्पदा है जिसकी रक्षा करना भी हमारी जिम्मेदारी है क्योकि बीते कुछ सालो ने वनो पर हो रहे अतिक्रमण से इसन वनोपज की चींजो में भी कमी आ रही है, जिससे हमारा ही नुकसान हो रहा है। इसलिए हमे इन मनोपज प्रदान करने वाले वृक्षों का अधिक से अधिक रोपण और उनकी कटाई पर रोक लगानी होगी।

क्योकि बनो की महत्ता कितनी है यह शब्दों में बयान नही किया जा सकता है। वही शासन की विभिन्न योजनाएँ वनोपज को लेकर बनाई गई है, जिसमे तेन्दु पत्ता भी शामिल है, इसलिए आप सभी ग्रामीणों के सहयोग से तेन्दु पत्ता कार्य को बढ़ावा दे ग्रामीण अधिक से अधिक तेन्दु पत्ता तोडे और अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ करे। कार्यक्रम का संचालन लिपिक तरूण देवदास ने किया।

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