(Chherchera) स्कूली बच्चे,शिक्षक व पालकों ने अन्नदान का महापर्व छेरछेरा को धूमधाम के साथ मनाया गया

(Chherchera, the great festival of food donation)

(Chherchera, the great festival of food donation) स्कूली बच्चे,शिक्षक व पालकों ने अन्नदान का महापर्व छेरछेरा को धूमधाम के साथ मनाया गया


(Chherchera, the great festival of food donation) चारामा-छत्तीसगढ़ शासन लगातार लोकपर्व को विशेष महत्व दे रहे हैं।अन्न दान का महापर्व छेरछेरा को ग्राम रतेसरा में धूमधाम के साथ मनाया गया। छत्तीसगढ़ में यह पर्व नई फसल के खलिहान से घर आ जाने के बाद मनाया जाता है। नगर चारामा सहित विकासखंड में पर्व धूमधाम से मनाया गया।जहा हर उम्र के लोगों ने घर घर जाकर गीत गाकर छेर छेरा पुन्नी पर घर में रखे अन्न का दान मांगा।

(Chherchera, the great festival of food donation) इस दौरान प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय रतेसरा के स्कूली बच्चों ने घर-घर जाकर लोग अन्न का दान लिया।यह छेरछेरा अन्न संग्रहण का राशि पालक व शाला प्रबंधन समिति सदस्यों के द्वारा बच्चों के शैक्षणिक भ्रमण के लिए संग्रहित किया गया।लोक परंपरा के अनुसार पौष महीने की पूर्णिमा को प्रतिवर्ष छेरछेरा का त्योहार मनाया जाता है।छेरछेरा मांगने बच्चे सुबह से ही सिर में टोकरी, बोरी आदि लेकर घर-घर से निकलकर स्कूल आये तत्पश्चात एकजुट होकर बस्ती के तरफ बैंड बाजा के साथ हर्षोल्लास के साथ भ्रमण के लिए निकले।

(Chherchera, the great festival of food donation) धान मिंसाई हो जाने के चलते गाँव में घर-घर धान का भंडार है, जिसके चलते लोग छेर छेरा माँगने वालों को दान करते हैं। ग्राम रतेसरा में हर घर से धान, चावल व नकद राशि मिला है।उन्हें बड़ी मात्रा में धान व नगद रुपए मिला हैं।बच्चों ने गली एवं द्वार-द्वार पर ‘छेरछेरा, कोठी के धान ल हेरहेरा’ की गूँज के साथ एवं नृत्य के साथ दान ग्रहण किये।

पौष पूर्णिमा के अवसर पर मनाए जाने वाले इस पर्व के लिए लोगों में काफी उत्साह है। गौरतलब है कि इस पर्व में अन्न दान की परंपरा का निर्वहन किया जाता है।उत्सव कृषि प्रधान संस्कृति में दानशीलता की परंपरा को याद दिलाता है।

उत्सवधर्मिता से जुड़ा छत्तीसगढ़ का मानस लोकपर्व के माध्यम से सामाजिक समरसता को सुदृढ़ करने के लिए आदिकाल से संकल्पित रहा है।छेरछेरा लोकपर्व को सफल बनाने में स्कूल के शिक्षकगण सीताराम सलाम,धर्मेन्द्र कुमार साहू,होमन ठाकुर,खिलेश सिन्हा एवं पालकों का विशेष सहयोग रहा।

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