Chhattisgarh Raipur : खारुन नदी से सटी जमीन पर भू माफियाओं का कब्जा
– मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नदी तट पर बनाने चाहते हैं रिवर फ्रंट
– सरकारी जमीन खाली करने नगर निगम से जिला प्रशासन तक हो चुकी है शिकायत
– रीवर फ्रंट बनाने 8.5 किलोमीटर का बनाना था पाथ-वे बनाने का था प्लान
्र- भोथली गांव के पास पुल बनाने का था प्लान
विशेष संवाद्दाता
रायपुर। गुजरात के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज खारून नदी तट पर रिवर फ्रंड बनाने की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्लान को भू माफियाओं ने फेल कर दिया है।
भू माफियाओं ने नदी तक के दोनों तरफ की जमीन पर बाउंड्री वॉल बनाकर कब्जा कर लिया है। यहीं नदी नदी तट से सटे जमीन पर भू माफियाओं ने फार्म हाउस से लेकर मैरिज पैलेस तक बनाकर कब्जा कर लिया है। इससे खारुन नदी तट पर रिवर फ्रंट बनाने लायक जगह ही नहीं बची है।
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दरअसल, मुख्यमंत्री ने दो साल पहले खारुन नदी तट पर रिवर फ्रंट बनाने की घोषणा की थी, जिसके बाद नगरीय प्रशासन विभाग ने अन्य विभागों के सहयोग से सर्वे किया, लेकिन दो साल बाद भी यह प्रोजक्ट की शुरुआत नहीं हो सकी।
खारुन नदी के हालातों की आंखों देखी
जनधारा ने खारुन नदी तक पर महादेव घाट से लेकर भाठागांव एनिकट तक और दूसरी ओर विसर्जन कुंड से लेकर मंदिर तक पड़ताल की। इस दौरान वहां करीब सैकड़ों एकड़ जमीन पर भू माफियाओं का कब्जा मिला।
नदी के किनारे दोनों तरफ करीब 50 से अधिक फार्म हाउस, मैरिज पैलेस और बाउंड्रीवॉल बनाकर प्लांटेशन किया गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि भू माफियाओं का कब्जा हटाने के लिए नगर निगम, जिला प्रशासन से लेकर शासन तक को शिकायत कर चुके हैं,
लेकिन भू माफियाओं का अवैध कब्जा नहीं हटा। इससे अब खारुन नदी के किनारे रिवर फ्रंट बनाने जमीन ही नहीं बची हैं।
नदी का कटाव और सुंदर बनाने का था उद्देश्य
जानकारी के मुताबिक महादवे घाट पर नदी का कटाव रोकने और सुंदर बनाने के उद्देश्य से रिवर फं्रट बनाने का प्लान बनाया गया था।
इसे लेकर नगर निगम और जिला प्रशासन टीम ने दो साल पहले वहां से भू माफियाओं का अवैध कब्जा हटाया था, लेकिन सालभर बाद ही भू माफियाओं ने दोबारा जमीन पर कब्जा कर लिया।
ये होनी थी सुविधाएं
जानकारी के मुताबिक महादेव घाट स्थित खारून नदी के दोनों किनारे रायपुर से कुम्हारी तक लगभग 8.5 किलोमीटर तक पाथ-वे निर्माण करने, विर्सजन कुंड से लेकर भोथली गांव नदी किनारे तक विशाल पुल बनाने, नदी किनारे प्लांटेशन और सौन्दर्यीकरण करने का प्लान बनाया गया था।
वहीं, खारुन नदी पर पुल बनाने से महादेव घाट के आसपास के कॉलोनियों और रायपुर से कुम्हारी, दुर्ग जाने वालों को सुविधा बढऩे का दावा किया गया था, , लेकिन अब तक यह योजना धरातल पर नहीं उतर सकी।
हटाना होगा अवैध कब्जा
खारुन नदी पर रिवर फ्रंट बनाने को लेकर गौतम बंधु उपाध्याय ने बताया कि नदी के किनारे रिवर फ्रंट बनाने के लिए बहुत ज्यादा जमीन की जरुरत होगी, लेकिन वहां जमीनों पर अवैध कब्जा किया जा चुका है। पहले कब्जा हटाना होगा। इसके बाद ही रिवर फ्रंट बनाया जा सकेगा।
दुर्ग की तरफ भी अवैध कब्जा
जानकारी के मुताबिक रिवर फ्रंट बनाने के लिए दुर्ग जिले में खारुन नदी से लेकर अम्लेश्वर इलाके में सैकड़ों एकड़ जमीन की जरुरत होगी, लेकिन भू माफियाओं ने वहां भी जमीनों पर कब्जा कर प्लाटिंग शुुर कर दिया है।
इसे भू माफियाओं ने अम्लेश्वर इलाके को ग्रेटर दुर्ग का नाम दे दिया है। ऐसी दशा में बगैर भू माफियाओं का कब्जा हटाए रिवर फ्रंट बनाने बेहद मुश्किल होगा।
खारुन नदी तट पर रिवर फ्रंट बनाने विसर्जन कुंड से लेकर रोड तक का एक किमी का हिस्सा रायपुर में है, जबकि अधिकांश कार्य दुर्ग जिले में होना है। कलेक्टर दुर्ग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। रायपुर के हिस्से को लेकर प्लान तैयार किया गया है।
एजाज ढेबर, महापौर, नगर निगम रायपुर