Chhattisgarh Raipur : गंभीर कुपोषित जुड़वा बच्चे हुए सुपोषित : पौष्टिक आहार और विशेष देखभाल से मिली सफलता

Chhattisgarh Raipur : गंभीर कुपोषित जुड़वा बच्चे हुए सुपोषित : पौष्टिक आहार और विशेष देखभाल से मिली सफलता

Chhattisgarh Raipur : गंभीर कुपोषित जुड़वा बच्चे हुए सुपोषित : पौष्टिक आहार और विशेष देखभाल से मिली सफलता

 

रायपुर, 12 सितंबर 2023

Chhattisgarh Raipur : पौष्टिक आहार और विशेष देखभाल से कुपोषण से मुक्ति पाई जा सकती है। प्रदेश में पिछले चार सालों में दो लाख 65 हजार बच्चे कुपोषण मुक्त हुए हैं। इसी कड़ी में जशपुर के बलुवाबहार गांव की ललिता बाई के गंभीर कुपोषित जुड़वा बच्चों को कुपोषण के चक्र से बाहर लाने में सफलता मिली है।

Chhattisgarh Raipur : फरसाबहार विकाखण्ड के बलुवाबहार में गृह भेंट के लिए गई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक को गंभीर कुपोषित जुड़वा बच्चों के बारे में जानकारी हुई। उन्होंने बताया कि ललिता बाई ने 20 दिसम्बर 2021 को जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। जुड़वा बच्चों में एक बालक एवं एक बालिका है।

जन्म के समय बालिका अमृता का वजन 1.20 किलोग्राम और बालक आयुष का वजन एक किलोग्राम था। दोनों बच्चे जन्म से ही गंभीर कुपोषित थे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की विशेष निगरानी में ललिता द्वारा दोनों बच्चों को शुरू से कंगारू मदर केयर के माध्यम से दूध पिलाने, अधिक से अधिक गर्म रखने, छः माह पूर्ण होने के बाद ऊपरी आहार देने जैसे निर्देशों का पूरा-पूरा पालन किया गया।

इससे बालिका के वजन में वृद्धि हुई है और अब वह सामान्य ग्रेड पर आ रही है। बालक मध्यम ग्रेड पर है। बीच-बीच में बाल संदर्भ सेवा के लिए कार्यकर्ता द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर मां और बच्चों का स्वास्थ्य जांच करवाया गया।

बच्चों के शारीरिक विकास के लिए डॉक्टर की सलाह पर उन्हें प्रोटीन पाउडर भी दिया गया, जिसका उन्हें लाभ मिला। दोनों बच्चों को पूरी तरह ठीक होने में दो वर्ष लग गए। दोनों बच्चे स्वस्थ हैं और आंगनबाड़ी केन्द्र स्कूलपरा में जाने लगे हैं।

गौरतलब है कि महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा सभी विकासखण्डों में बाल संदर्भ शिविर लगाया जाकर कुपोषित बच्चों की पहचान और इलाज किया जा रहा हैै। आंगनबाड़ी केंद्रों में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत पोषक आहार और रेडी-टू-ईट गर्भवती माताओं और बच्चों को दिया जा रहा है।

कार्यकर्ता, सहायिकाओं के द्वारा गृह भेंट करके कुपोषित बच्चों के वजन वृद्धि में निगरानी रखी जा रही है। महिलाओं को पौष्टिक भोजन, पोषण आहार और अपने बाड़ी में हरी साग-सब्जियां लगाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।

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