Chhattisgarh News : नियमितीकरण का इंतजार, अब भी उम्मीद बरकरार…

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प्रदेशभर में अनियमित कर्मचारी

– प्लेसमेंट – 40537
– ठेका/सेवा प्रदाता – 30946
– मानदेय – 112233
– जॉबदर – 10032
– अंशकालीन – 65934
– दे.वे.भो./कलेक्टर दर /श्रमायुक्त श्रमिक – 30772
– संविदा – 50089
– मध्यान्न भोजन रसोईया (मानदेय) – 87025
– मितानिन (जॉब दर) – 72240
– बिहान केडर (मानदेय) – 98696
– आंगनबाड़ी /मिनी कार्यकर्त्ता (मानदेय) – 52474
– आंगनबाड़ी सहायिका (मानदेय) – 46660
– अनुकम्पा नियुक्ति शिक्षाकर्मी – 1269
– पृथक अनियमित कर्मचारी – 39934

प्रदेशभर में कुल अनियमित कर्मचारी- 738841

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुका है. इस चुनाव में हर वर्ग को घोषणा पत्र का इंतजार था. बीजेपी और कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में सभी वर्ग को साधने की पूरी कोशिश की है. लेकिन इस बार घोषणा पत्र में प्रदेशभर के अनियमित कर्मचारियों के लिए कुछ नजर नहीं आया है.

उसके बाद भी अनियमित कर्मचारियों को नियमितीकरण की आस लगी हुई है. देखिए यह रिपोर्ट…

छत्तीसगढ़ में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण एक बड़ा मुद्दा है. प्रदेशभर के सरकारी दफ्तरों में करीब 7 लाख से ज्यादा अनियमित कर्मचारी काम कर रहे है. लंबे समय से यह कर्मचारी अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर मोर्चा खोलकर रखे हुए है.

उम्मीद यही है कि अनियमित कर्मचारियों को नियमितीकरण का लाभ मिलेगा. लेकिन अब तक यह उम्मीद बरकरार है. हालांकि बीजेपी और कांग्रेस के घोषणा पत्र में इसे लेकर कोई बड़ा वादा नहीं किया गया है. उसके बाद भी कर्मचारी यह मान रहे हैं कि नई सरकार इस ओर ध्यान देगी.

एक तरफ जहां अनियमित कर्मचारियों को अब भी नियमित होने की आस बनी हुई है तो वहीं दूसरी ओर इस मुद्दे को लेकर लगातार सियासत भी गर्म होती नजर आ रही है. बीजेपी जहां मामले को लेकर कांग्रेस को घेर रही है तो वहीं कांग्रेस भी इसे लेकर बीजेपी पर हमलावर है.

बीजेपी नेता श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि नियमितीकरण का वादा कांग्रेस सरकार ने किया था. 5 साल तक इनके साथ धोखा हुआ. अब भाजपा की सरकार आ रही है. कर्मचारियों को घबराने की जरूरत नहीं है.

नियमितीकरण किया जाएगा. तो वहीं कांग्रेस ने इस मामले में कहा कि भाजपा के 15 साल की सरकार में कर्मचारियों का अन्याय, शोषण हुआ. हमारी सरकार के समय में कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की

बहुत से कर्मचारियों को नियमित भी किया. जो कर्मचारी बचे हैं उनके हित में संसाधनों और बजट को देखते हुए आगे निर्णय लिया जाएगा.छत्तीसगढ़ में अनियमित कर्मचारियों को लेकर सियासत लगातार जारी है. प्रदेशभर के अनियमित कर्मचारी जहां नियमितीकरण की मांग को लेकर लगातार मोर्चा खोलते हुए नजर आ रहे है.

तो वहीं इन अनियमित कर्मचारियों को राजनीतिक पार्टियों ने पूरी तरह से नजरअंदाज भी किया है. अब देखना होगा कि नई सरकार में अनियमित कर्मचारियों की मांग पर कितना विचार किया जाएगा

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