Chhattisgarh High Court महिला टीचर की तलाक अर्जी मंजूर, पति करता था क्रूरतापूर्ण व्यवहार
Chhattisgarh High Court रायपुर । छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रायपुर के परिवार न्यायालय के आदेश को पलटते हुए एक महिला टीचर को उसके पति से तलाक लेने की अर्जी को मंज़ूरी दी है। कोर्ट ने माना है कि ट्यूशन पढऩे वाले वाले छात्रों के सामने टीचर पत्नी को गाली देना ‘मानसिक क्रूरता’ है। कोर्ट ने यह भी कहा कि पति के दुव्र्यवहार करने से न केवल समाज में पत्नी की छवि खराब होगी, बल्कि ये हिंदू विवाह अधिनियम के तहत मानसिक कू्ररता भी होगी।
Chhattisgarh High Court जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस दीपक कुमार तिवारी की डिवीजन बेंच ने क्रूरता के आधार पर अपने पति से तलाक की मांग करने वाली एक महिला की याचिका की सुनवाई की। याचिका में आरोप लगाया गया कि जब पत्नी नौकरी करती थी और कभी-कभी देर से घर आती थी, तो पति, पत्नी के चरित्र पर सवाल उठाता था। जब पत्नी ने अपने घर पर बच्चों को बुलाकर ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया तो पति गाली-गलौच की भाषा में बात करने लगा।
Chhattisgarh High Court कोर्ट ने कहा कि पत्नी के चरित्र पर सवाल उठाने से स्वाभाविक रूप से समाज में, खासकर छात्रों के सामने पत्नी की छवि खराब होगी। पत्नी को शुरू में उसके ससुराल वालों ने स्वीकार नहीं किया क्योंकि यह एक प्रेम विवाह था। महिला ने दलील दी कि उसका पति बेरोजगार था और इसलिए उसने परिवार का खर्च चलाने के लिए एक स्कूल में नौकरी की।
काम के बोझ के कारण वह कभी-कभी देर से घर आती थीं। इस पर पति उसके चरित्र पर संदेह करता था और अक्सर उस पर कुछ पुरुष सहकर्मियों के साथ अवैध संबंध रखने का आरोप लगाता था।
इस पर उसने नौकरी छोड़ दी लेकिन अपने घर पर ट्यूशन लेना शुरू कर दिया। घर पर भी पति उसे गंदी-गंदी गालियां देने लगा। यह हर रोज होने लगा, जिसके वजह से छात्रों ने ट्यूशन में आना बंद कर दिया। 9 अप्रैल, 2015 को पति ने उसे घर से बाहर निकाल दिया और उसने उसे और उनकी बेटी को वापस लाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया।