Chhattisgarh परंपरा एवं संस्कृति बचाने किया जा रहा प्रयास
Chhattisgarh पखांजुर ! छत्तीसगढ़ का प्रथम एवं पारंपरिक त्योहार हरेली, 17 जुलाई को होना है जिसे बेहतर बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा शासकीय अवकाश का घोषणा तो किया ही गया है परंतु त्योहारों में विलुप्त हो रहे पारंपरिक परिवेश को याद दिलाने कई कार्य किए जा रहे है बता दें कि पूर्वजों के जमाने में हरेली त्योहार का मुख्य भाग गेडी हुआ करता था, जिस पर चढ़ कर लोग आनंद लिया करते थे, परंतु क्षेत्र में कुछ सालो से गेड़ी का प्रचलन समाप्त होते जा रहा है जिसे पुनः प्रचलन में लाने एवं अपनी पारंपरिक संस्कृति बचाने के लिए वन पर्यावरण जलवायु विभाग के द्वारा अनोखा कदम उठाया गया है जिसमे पूर्व वन मंडल अंतर्गत सभी सभी वन परिक्षेत्र में गेड़ी तैयार कर लोगो तक पहुंचाने डी मार्ट भेजा गया है, वही बचे हुवे गेड़ी को क्षेत्र में बेचा रहा है ताकि विलुप्त होते परंपरा और सस्कृति को पुनः जीवित किया जा सके !
बाइट= सालिक राम यादव वन परिक्षेत्र अधिकारी अंतागढ़