(Charama CHC)  यू ही नहीं लगते चारामा अस्पताल में असुविधाओ के आरोप 

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अनूप वर्मा

(Charama CHC) चारामा का अस्पताल बीमार, कैसे करेंगे लोगों का इलाज ?

(Charama CHC)  चारामा .  नेशनल हाईवे 50 और बस्तर के प्रवेश द्वार बसा चारामा विकासखण्ड का अस्पताल इन दिनो खुद बीमार है। चारामा सीएचसी के साथ साथ अन्य पीएचसी सेंटर भी बीमार हो चले है। क्योकि सीएचसी सेंटर में न ही पर्याप्त डॉक्टर है न विशेषज्ञ। पीएचसी सेंटरों के उधार के डॉक्टरो. एम ओ आरएमओ और नेत्र सहायकों के सहयोग से चारामा अस्पताल  संचालित हो रहा है !

(Charama CHC)   चारामा सीएचसी वर्तमान मे बीएमओ लखनलाल जुर्री आर्थो स्पेशलिस्ट, रजना गुप्ता और स्वाति देवागन महिला विशेषज्ञ महज तीन डॉक्टरो के भरोसे ही संचालित हो रहा है।

(Charama CHC)   जबकि अस्पताल में शिशु रोग नेत्र विशेषज्ञ रेडियोलाजिस्ट सहित अन्य विशेषज्ञों के पद रिक्त है। जिसके चलते अस्पताल की पुरी व्यवस्था चरमराई हुई है। सीएचसी सेंटर मे स्वयं का नेत्र विशेषज्ञ नही होने से विकासखण्ड के अन्य 07 पीएचसी सेंटरों के नेत्र सहायकों के सहयोग से एक एक दिन ड्युटी लगाकर कार्य सम्पादित किया जा रहा है।

(Charama CHC)   जोकि विशेषज्ञ नही हैं, सिर्फ नेत्र सहायक है। अस्पताल मे एम ओ यानि मेडिकल ऑफिसर के पोस्ट खाली पड़े हुए है। विकासखण्ड के सभी 07 पीएचसी सेंटर की बात करे तो कुटोला को छोड़कर शेष OF पीएचसी सेंटर जिन्हे एम ओ डॉक्टर संभालते है। कही पर भी एम ओ डॉक्टर की पदस्थापना नही है। सभी जगह एम ओ के पद रिक्त है।

इन सेंटरों को एम ओ की जगह आर एम ए सभाल रहे है। लेकिन हाराडुला पीएचसी ऐसा अस्पताल है कि न वहाँ एम ओ है, न आरएमए और न ही वार्ड ब्वाय है। इसी तरह पुरी और शाहवडा पीएचसी मे लेब टेक्निशियन नही है। इसी तरह अन्य सभी पीएचसी सेंटरों मे कई पद नसं से लेकर वार्ड आया और ब्वाय तक रिक्त पड़े हुए हैं। ऐसे में इन बिमार अस्पतालो मे मरीजो का ईलाज कैसे होगा।

सबसे ज्यादा असुविधा चारामा अस्पताल में देखी जा रही है। जहाँ मुख्यालय होने के बाद भी डॉक्टरों की पदस्थापना नही होना शासन और विभाग के उच्च अधिकारियो के कार्य शैली पर प्रश्न चिन्ह उठाते हैं। और जनता के प्रति इनकी जवाबदारी कितनी गंभीर है।

यह अनुमान लगाया जा सकता है।ऐसे में जब कई हादसे सामने आते हैं,तब अनुभवी डॉक्टर की कमी का खामियाजा आम जनता को जन देकर कभी कभी चुकाना पड़ता हैं। वही चारामा विकासखण्ड के लोगों के लिए चारामा अस्पताल में जल्द ही सोनोग्राफी की मशीन स्थापित की जा रही है।

जिसका लाभ यहाँ के लोगों को आसानी से मिल सकेगा, लेकिन जब तक अस्पतालो में डॉक्टर ही नहीं होंगे, तब तक अस्पताल मे मशीन सिर्फ घुल खाने के आलावा कोई काम नही आयेगी।

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