(Champa Nagar) चांपा नगर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन आचार्य ने दी ज्ञान की शिक्षा

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(Champa Nagar) आचार्य राजेंद्र शर्मा ने कहा  माया मनुष्य का पीछा कभी नहीं छोड़ती

 

(Champa Nagar) सक्ती ! चांपा नगर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध आचार्य राजेंद्र शर्मा ने राजा जड़ भरत सती कथा का भक्त जनों को कथा श्रवण कराया आचार्य राजेंद्र शर्मा ने कहा कि माया मनुष्य का पीछा कभी नहीं छोड़ती , यदि मनुष्य भगवान की पूजा , तपस्या , संकीर्तन और कथा श्रवण तथा देव दर्शन के लिए मंदिर भी चला जाए तो माया उसके पीछे पीछे चलती रहती है । भगवान का सत्संग और पूजा तो अपने गृहस्थ जीवन में रह करके ही किया जा सकता है ।

(Champa Nagar) राजा भरत ने अपने अदाज पाठ और राज्य सीता का परित्याग कर वन में जाकर भक्ति और सब करना प्रारंभ किया , किंतु 1 में भी जाने से भगवान की भक्ति नहीं हो सकी और इतने बुद्धिमान राजा एक हिरणी की माया में फस कर अपना अगला जन्म ही बिगाड़ लिए और स्वयं पशु उन्हीं को प्राप्त हो गए , यह उद्गार चापां नगर में आयोजित विशाल श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के तीसरे दिन व्यासपीठ से आचार्य राजेंद्र महाराज कहा
कथा व्यास ने बताया की अंत समय में जिसकी जैसी होती होती है वैसे ही उसकी गति भी बनती है ।

(Champa Nagar) इसलिए मनुष्य अपने ज्ञान विवेक धर्म आदि का आश्रय लेकर अंत समय में भगवान नाम का ही आश्रय ले ,, जिससे कोई प्रारब्ध ना हो और आने वाला जन्म अभी सुधर जाए , राजेंद्र महाराज द्वारा यह भी बताया गया कि जीवन में आशा ही दुख का कारण बन जाता है , दक्ष पुत्री सती के मन में बड़ी आशा थी कि मेरे पिता के घर में आयोजित विशाल यज्ञ में जाने से मेरा बड़ा सम्मान होगा , मुझे सभी बहनों का और परिवार का प्यार मिलेगा किंतु दक्ष और भगवान महादेव के आपस में प्रतिकार होने के कारण सती को निराशा ही हुई । और अपने पति का अपमान देखकर सती अग्नि कुंड में कूद गई , उसे अपना प्राण त्यागना पड़ा ।

(Champa Nagar) जीवन में अनुकूलता और प्रतिकूलता दोनों ही परिस्थिति आती रहती है इसलिए मन भगवान पर लगा कर के ही अपने सारे कार्य और दायित्व निभाना चाहिए । केंद्र में भगवान को । तथा परिधि में संसार को रखकर कार्य करते रहने से प्रत्येक कर्म पूजा का ही स्वरूप बन जाता है । तीसरे दिन की कथा में हजारों श्रोताओं ने भागवत कथा अमृत का लाभ एवं अक्षय पुण्य प्राप्त किया ।

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