chaitra navratri या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
chaitra navratri जब देवी पार्वती ने शुंभ और निशुंभ नाम के राक्षसों का वध किया तब माता ने अपनी बाहरी सुनहरी त्वचा को हटा कर देवी कालरात्रि का रूप धारण किया। कालरात्रि देवी पार्वती का उग्र एवं अति-उग्र रूप है। देवी कालरात्रि का रंग गहरा काला है। अपने क्रूर रूप में शुभ या मंगलकारी शक्ति के कारण देवी कालरात्रि को देवी शुभंकरी के रूप में भी जाना जाता है।
अन्य नाम: देवी शुभंकरी
सवारी: गधा
अत्र-शस्त्र: चार हाथ – दाहिने हाथ अभय एवं वरद मुद्रा में हैं, तथा बाएं हाथों में वज्र एवं घातक खड्ग धारण किए हुए हैं।
मुद्रा: देवी पार्वती का सबसे क्रूर रूप
दुष्टों एवं वीभत्स संकटों का संहार कर संसार की रक्षा करते स्वरूप (माँ कालरात्रि) की वंदना करते हुए आप सभी को परिवार सहित मंगल कामनाएं..