नगर पालिका ने संपत्ति विरुपण अधिनियम के तहत कार्रवाई की है, जिसमें बीजेपी के झंडे को लगाने के लिए बिजली खम्भे और पेड़-डिवाइडर का उपयोग किया गया था। यह झंडा भारतीय जनता पार्टी के चीफ मिनिस्टर, श्री विष्णु देव साय के आगमन और रैली के दौरान लगाया गया था।
नगर पालिका के आगमन से पहले ही, इस कार्रवाई की तैयारी की गई थी। नगर पालिका की टीम ने मुख्यमंत्री के आगमन से पहले ही झंडा हटा दिया।
इस कार्रवाई के सम्बंध में प्रहलाद पांडेय, नगर पालिका के CMO ने यह बाइट दी, “बीजेपी के झंडे को निकाला गया है और इसमें संपत्ति विरुपण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। यह झंडा श्री विष्णु देव साय के आगमन और रैली के लिए लगाया गया था, लेकिन नगर पालिका ने उसे हटा दिया है।”
यह कार्रवाई नागरिकों और सामाजिक दलों के बीच विवाद का कारण बन गई है। कुछ लोग इस कार्रवाई को स्वार्थी और राजनीतिक दंगा की शुरुआत मान रहे हैं, जबकि दूसरी ओर कुछ लोग इसे संवैधानिक तरीके से संबंधित कार्रवाई के रूप में स्वीकार कर रहे हैं।
यह कार्रवाई राजनीतिक संघर्ष को भी उजागर कर सकती है, क्योंकि इससे बीजेपी और नगर पालिका के बीच में तनाव बढ़ सकता है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए अधिकारिक वक्तव्य और जांच की आवश्यकता हो सकती है।