Boeing India बोइंग का बेंगलुरु परिसर मेक इन इंडिया – मेक फॉर वर्ल्ड संकल्प को मजबूत करता है: मोदी
Boeing India बेंगलुरू ! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विमान बनाने वाली अमेरिकी कंपनी बोइंग के 1600 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित और अमेरिका से बाहर कंपनी के सबसे बड़े परिसर अत्याधुनिक बोइंग इंडिया इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नोलॉजी सेंटर (बीआईईटीसी) का आज शुभारंभ करते हुये कहा कि यह ‘मेक इन इंडिया-मेक फॉर द वर्ल्ड’ संकल्प को मजबूत करता है। यह परिसर भारत की प्रतिभा में दुनिया के भरोसे को मजबूत करता है और एक दिन भारत इस सुविधा में भविष्य के विमान डिजाइन करेगा।
उन्होंने कहा कि बेंगलुरु एक ऐसा शहर है जो आकांक्षाओं को नवाचारों और उपलब्धियों से जोड़ता है और भारत की तकनीकी क्षमता को वैश्विक मांगों से जोड़ता है। बोइंग का नया प्रौद्योगिकी परिसर इस विश्वास को मजबूत करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह परिसर अमेरिका के बाहर स्थित बोइंग की सबसे बड़ी सुविधा है। इसका पैमाना और परिमाण न केवल भारत बल्कि दुनिया के विमानन बाजार को भी मजबूत करेगा।
Boeing India प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सुविधा वैश्विक तकनीक, अनुसंधान और नवाचार, डिजाइन और मांग को आगे बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा,“ यह ‘मेक इन इंडिया-मेक फॉर द वर्ल्ड’ संकल्प को मजबूत करता है। यह परिसर भारत की प्रतिभा में दुनिया के भरोसे को मजबूत करता है।” उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एक दिन, भारत इस सुविधा में भविष्य के विमान डिजाइन करेगा।
Boeing India Engineering and Technology Center
Boeing India पिछले साल कर्नाटक में एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर निर्माण फैक्ट्री के उद्घाटन को याद करते हुए श्री मोदी ने कहा कि बोइंग की नई सुविधा कर्नाटक के एक नए विमानन केंद्र के रूप में उभरने का स्पष्ट संकेत है। उन्होंने विशेष रूप से भारत के युवाओं को बधाई दी जिनके पास अब विमानन उद्योग में नए कौशल हासिल करने के कई अवसर होंगे। उन्होंने हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के सरकार के प्रयासों पर जोर दिया और जी20 की अध्यक्षता के दौरान महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की दिशा में भारत के प्रयासों को भी दोहराया।
श्री मोदी ने बोइंग सुकन्या प्रोग्राम को लॉन्च किया जिसका लक्ष्य देश के तेजी से बढ़ते उड्डयन क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को प्रवेश पाने में सहायता देना है। यह प्रोग्राम समूचे भारत की लड़कियों तथा महिलाओं को अवसर मुहैया कराएगा। इससे वे विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) जैसे क्षेत्रों में जरूरी कौशल सीख पाएंगी और उन्हें उड्डयन क्षेत्र में प्रशिक्षण पाने का मौका मिलेगा। एसटीईएम में करियर के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए लड़कियों के लिए यह प्रोग्राम योजनाबद्ध स्थानों पर एसटीईएम प्रयोगशालाओं का निर्माण करेगा। यह प्रोग्राम उन महिलाओं को छात्रवृत्ति पाने की भी सुविधा देगा जो पायलट बनने की ट्रेनिंग लेना चाहती हैं। इसमें निवेश से उड़ान प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, प्रमाणपत्र प्राप्ति, सिम्युलेटर ट्रेनिंग और कॅरियर डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए वित्तीय सहायता पाने में मदद मिलेगी।
Boeing India उन्होंने कहा कि सरकार एयरोस्पेस क्षेत्र में महिलाओं के लिए नए अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है। चाहे लड़ाकू पायलट हों या नागरिक उड्डयन, भारत महिला पायलटों की संख्या के मामले में दुनिया में अग्रणी है। भारत के 15 प्रतिशत पायलट महिलाएं हैं जो वैश्विक औसत से 3 गुना अधिक है।
बोइंग सुकन्या कार्यक्रम पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह विमानन क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देगा, साथ ही दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले गरीबों को पायलट बनने के उनके सपने को साकार करने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने बताया कि कार्यक्रम के तहत पायलट के रूप में करियर बनाने के लिए सरकारी स्कूलों में करियर कोचिंग और विकास सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
श्री मोदी ने कहा कि चंद्रयान की ऐतिहासिक सफलता ने भारत के युवाओं में वैज्ञानिक सोच का संचार किया है। लड़कियों ने एसटीईएम विषयों को बड़े पैमाने पर अपनाया है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन घरेलू बाजार बन गया है। एक दशक में घरेलू यात्रियों की संख्या दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहा कि उड़ान जैसी योजनाओं ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है। यह संख्या और बढ़ने वाली है जिससे मांग बढ़ेगी। इसके परिणामस्वरूप भारत की एयरलाइनों को बेड़े के नए ऑर्डर मिले हैं, जिससे वैश्विक विमानन क्षेत्र को नई गति मिली है। उन्होंने कहा, “ ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि भारत अपने नागरिकों की आकांक्षाओं और जरूरतों को सर्वोपरि रखते हुए काम कर रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सबसे अच्छी तरह से जुड़े बाजारों में से एक बन रहा है। आज भारत में लगभग 150 परिचालन हवाई अड्डे हैं, जो 2014 में लगभग 70 थे। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डों की दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने अर्थव्यवस्था के समग्र विकास और रोजगार सृजन के लिए एयर कार्गो क्षमता में वृद्धि का भी जिक्र किया। भारत की बढ़ती हवाईअड्डा क्षमता के कारण एयर कार्गो क्षेत्र की तीव्र वृद्धि पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इससे भारत के दूरदराज के इलाकों से अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक उत्पादों का परिवहन आसान हो गया है। तेजी से बढ़ता विमानन क्षेत्र भारत के समग्र विकास और रोजगार सृजन को भी गति दे रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत स्तर पर लगातार कदम उठा रही है कि उसके विमानन क्षेत्र की वृद्धि जारी रहे और इसमें तेजी आए। उन्होंने कहा कि केंद्र राज्य सरकारों को विमानन ईंधन से संबंधित करों को कम करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है और विमान पट्टे को आसान बनाने के लिए भी काम कर रहा है। उन्होंने विमान पट्टे और वित्तपोषण पर भारत की अपतटीय निर्भरता को कम करने के लिए गिफ्ट सिटी में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “ इससे पूरे देश के विमानन क्षेत्र को भी फायदा होगा।”
लाल किले से दिये गये अपने भाषण ‘यही समय है, सही समय है’ को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बोइंग और अन्य अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए भी यह सही समय है कि वे अपनी वृद्धि को भारत की तीव्र वृद्धि के साथ जोड़ें। उन्होंने कहा, “अगले 25 वर्षों में एक विकसित भारत का निर्माण अब 140 करोड़ भारतीयों का संकल्प बन गया है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में एक विमान विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुये विश्वास व्यक्त किया कि भारत को बोइंग के पहले पूर्ण रूप से डिजाइन और निर्मित विमान के लिए भारत को बहुत लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। भारत की आकांक्षाएं और बोइंग का विस्तार एक मजबूत साझेदारी के रूप में उभरेगा।
इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, बोइंग कंपनी की सीओओ, सुश्री स्टेफ़नी पोप और बोइंग भारत और दक्षिण एशिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते सहित अन्य उपस्थित थे।
Boeing India प्रधानमंत्री मोदी ने जब अपना संबोधन दे रहे थे तभी उपस्थित जनसमूह मोदी मोदी के नारे लगाने लगे जिस पर प्रधानमंनी ने श्री सिद्धारमैया की ओर मुखातिब होते हुये कहा “ मुख्यमंत्री जी ऐसा होता रहता है।”