Bilaspur Breaking बिलासपुर से अमन पाण्डेय की रिपोर्ट…
Bilaspur Breaking बिलासपुर ! पूरा देश भाई बहनों के बीच प्यार के पर्व राखी की खुशियों में डूबा हुआ है… इस बीच बिलासपुर शहर में इस पर्व पर हमारे देश की सीमाओं पर तैनात सैनिक भाइयों के लिए चलाए गए अभियान की चर्चा है… वो अभियान क्या हैं… ये जानने के लिए देखिए ये खास रिपोर्ट…
Bilaspur Breaking पूरे देश में बहनें अपने भाइयों की कलाइयों में राखी बांध कर रक्षाबंधन का त्यौहार माना रही हैं… इसी बीच बिलासपुर शहर से हमारे देश में तैनात सैनिक भाइयों के लिए बनाई गई 27 फीट की राखी चर्चा का विषय बनी हुई है… भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अंडमान निकोबार द्वीप समूह के द्वीपों का नाम करण भारत की रक्षा में शहीद हुए परमवीर चक्र से सम्मानित सैनिकों के नाम पर किया था… इसी थीम पर आधारित इस विशालकाय राखी का निर्माण किया गया… राखी बनाने वाले दिलीप ने बताया कि हमारे जवान देश की सेवा में लगे रहते हैं… और ऐसे पर्वों में भी अपनी बहनों तक नहीं पहुंच पाते… ऐसे में हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने सैनिक भाइयों का ध्यान रखें…
बिलासपुर के साईं मौली परिवार ने सैनिक भाइयों के लिए राखी बनाना बीते साल शुरू किया था… जिसे बीते साल सेना के उधमपुर केंद्र में पहुंचाया गया था… वहीं इस साल बीते साल से भी बड़ी राखी बनाई गई है और…. इस राखी को सेना मुख्यालय दिल्ली भिजवाया गया है…
जहां एक ओर बिलासपुर में बनी इस विशालकाय राखी के चर्चे चारो ओर हैं… वहीं दूसरी ओर बिलासपुर में पूर्व सैनिक महेंद्र प्रताप सिंह राणा ने पूर्व सैनिक संगठनों और सामाजिक संगठनों के सहयोग से देश के सैनिक भाइयों के लिए… पूरे छत्तीसगढ़ से 6 लाख 71 हज़ार राखियां संकलित कर उन्हें सैनिक भाइयों तक पहुंचाया है… पूरे प्रदेश से एकत्रित इन राखियों को ससम्मान सेना मुख्यालय में स्वीकार किया गया… और वहां से देश की अलग अलग सीमाओं में तैनात सिपाहियों के बीच उसे वितरित भी किया गया… इस बीच खास बात यह रही कि उन्होंने प्रदेश की सभी बहनों से राखी पर तिलक लगाने के लिए रोली या कुमकुम नहीं बल्कि देश की एक चुटकी मिट्टी डालने का आग्रह किया… और इस अभियान के तहत जुड़ी बहनों ने न सिर्फ भेजी जाने वाली राखियों में बल्कि अपने घर पर भी भाइयों का देश की मिट्टी से तिलक किया…
रक्षाबंधन का तो अर्थ ही रक्षा करने के वचन वाले पर्व से है… ऐसे में दिन रात हमारी रक्षा के लिए तैनात हमारे सैनिक भाइयों के लिए उठाए गए ऐसे मार्मिक कदम कहीं न कहीं समाज में एक सकारात्मक संदेश देते नज़र आते हैं…